ईन अतिथियों कि उपस्थिति में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बुढ़ीखार में मनाई गई गुरु पूर्णिमा गुरूजनों के सम्मान में छात्र छात्राओं ने किया विशेष कार्यक्रम का आयोजन जीवन के संचित शिक्षा को शिष्यों तक पहुंचाना ही गुरु का महान कर्तव्य होता है" कांशीराम रजक




बिलासपुर//शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बुढ़ीखार में आज गुरु पूर्णिमा के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्र के प्रबुद्ध संस्कृताचार्य एवं सेवा निर्मित प्राचार्य भृगु नंदन प्रसाद तिवारी ने सर्वप्रथम विद्या की देवी मां सरस्वती के छायाचित्र पर पूजन कर गुरु पूर्णिमा उत्सव की शुरुआत की। बच्चों ने भी गुरु की महत्ता पर प्रकाश डाला। संस्था के प्रमुख काशीराम रजक ने भी गुरु महिमा पर अपने उद्बोधन में कहा कि आज हम गुरु के ही आशीर्वाद से इस मुकाम पर पहुंचे हैं,गुरु का सम्मान से ही संस्कार और विद्या की प्राप्ति होती है। मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए बीपी तिवारी ने कहा कि गुरु अपने पूरे जीवन के संचित शिक्षा को अपने शिष्यों में इस प्रकार बांटता है जिससे शिष्य अपनी गुरु के आशा अनुरूप कर्तव्य मार्ग पर आगे विकास करता रहे। कर्तव्य विहीन अपने शिष्यों को देखकर गुरुओं को असहनीय पीड़ा होती है। उन्होंने कहा कि आज शिक्षा के साथ संस्कार का भी होना हम सब में आवश्यक है। पुस्तक की ज्ञान से ही हम सब कुछ नहीं कर सकते। अतः सभी बच्चों से शिक्षकों से भी आग्रह करते हुए कहा कि हम सब अपने कर्तव्यों का उचित निर्वहन करेंगे तो गुरु शिष्य परंपरा को आगे बल मिलता रहेगा। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर वेदव्यास की उत्पत्ति से लेकर उनके प्रमुख कार्यों का वर्णन से तिवारी ने किया । इस अवसर पर कल्पना टंडन ने भी अपने उद्बोधन में गुरु के महिमा का बखान किया। अतिथि के रूप में शाला विकास समिति के सचेतक बालमुकुंद वैष्णव,प्रकाश कुमार कौशिक,कुमारी श्याम यादव,पुष्पा देवी पाण्डेय,कल्पना टंडन,अनोद कैवर्त,कमलेश्वर,रमेश कुमार कुर्रे,रूपेंद्र सिंह महिलांगे संजय महिपाल,डॉ भूपेंद्र धर दीवान.मिथिलेश सोनी,
अभिषेक खूंटे सहित सभी छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे ।
कार्यक्रम का संचालन रूपेंद्र सिंह महिलांगे एवं आभार डॉक्टर भूपेंद्र धर दीवान ने किया।