CG - JCB मशीन से बना रहे तालाब कई हरे भरे पेड को कर दिये धराशाही...उदन्ती सीतानदी के रिसगाव रेन्ज का मामला....




सीतानदी के आमगाव मे भी मशीन से बना दिये जंगल मे तालाब और नाली...वनांचल वासियो को है रोजगार के लाले..
धमतरी नगरी...उदन्ती सीतानदी टायगर रिजर्व के रिसगाव रेन्ज मे वन विभाग नये तालाब निर्माण कार्य मशीन लगाकर किया जा रहा जहा जंगल मे तालाब बनाने कई झाडो की भी बली चढा दी जहा मामले को छुपाने वन विभाग द्वारा कटे हुए झाड को तालाब के किनारे मिट्टी डाल कर मामले को दबाने की भी कोशिश कर रहे है...
उल्लेखनिय है की उदन्ती सीतानदी टायगर रिजर्व के रिसगाव रेन्ज मे अवैध सागौन कटाई मामले मे विभाग के अधिकारी कर्मचारियो की संलिप्तता भी सामने आई जहा मामले मे जाच के बाद वन अधिकारी व कर्मचारियो के उपर क्या कार्यवाही की गई इसकी अब तक पुष्टी नही हुई जहा विभाग के अधिकारी कर्मचारी अभी तक इस मामले से उबर नही पाये वही रिसगाव रेन्ज के ही उडीसा बार्डर चमेदा सर्कल कक्ष क्र 245 मे फिर तलाब निर्माण के नाम पर वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी मशीन के माध्यम से कई हरे भरे पेड़ की कुर्बानी दे दी जहा विभाग द्वारा मामले का साक्ष्य झुपाने नये तलाब निर्माण कार्य मे कटे हुए पेड को तलाब के पार मे डालकर ट्रेक्टर से मिट्टी को ढक दे रहा ताकी मामले की जानकारी किसी को न हो ग्रामीण है दुखी, वही ग्रामीणो ने नाम न छापने के शर्त पर बताया की वन विभाग जंगलो मे तलाब बनाये हमे कोई हर्ज नही मगर हमारे पूर्वज जिस जंगल की हिफाजत करते आये और इसी जंगल से हमे भी रोजगार वनोपज व प्राकृतिक संसाधन मिलते है ऐसे जंगल को वन विभाग बचाने मे सझम नजर नही आ रहा अब तो तालाब बनाने कई झाड को भी मशीन से काटकर तलाब मे ही ढक दिया जा रहा जो गलत है अगर हम विरोध करते है या शिकायत करते है नामजद तो हमे धमकाया भी जाता है और मामले मे फंसाने तक की बात करते है ऐसे मे हम बेबस है हमारा नाम कही नही आना चाहीये आप आये और खुद देखकर अखबार मे प्रकाशित करे
सीतानदी के आमानारा मे भी मशीन से बना दिये तालाब व जंगल मे नाली...
वही सीतानदी रेन्ज के आमागाव (आमानारा ) मे भी वन विभाग के अधिकारी ने गाव मे ग्रामीणो को जमीन हार्ड है आप लोग काम नही कर पाओगे फिर भी आप लोग को रोजगार कार्य मे बुलायेगे रोजगार देगे ऐसा सहमती बनाकर जेसीबी मशीन से लाखो रूपय का रोजगार उन्मूलक कार्य करवा दिये जहा आज भी वनाचल के ग्रामीणो के पास रोजगार के लाले पडे है जो वनोपज व मजदूरी कर अपना परिवार चला रहे
जंगलो मे कैसे रहेगे वन्य जीव सुरक्षित...
वही जब जंगलो के अंदर रोजगार मूलक कार्य को मशीन से करा रहे जहा पेड पौधे तो नुकसान हो रहे साथ ही दिनभर मशीन के आवाज से जंगली जानवरो को भी विचरण करने मे परेशानी होती है ऐसे मे जंगली जानवर मशीन ट्रेक्टर की आवाज से सुरक्षित विचरण भी नही कर पाते।