गाय, माता के तुल्य, सम्माननीय, पूजनीय है - सन्त उमाकान्त जी महाराज
गौमूत्र सेवन से रोग हटते, दूध अमृत, गोबर से दवा, गौ सेवा से अंग पवित्र, पसीना समेत हर चीज फायदेमंद
मांसाहार, गौ मांस खाने वाला सीधा नरक में जाता है
जांजगीर चाम्पा (छत्तीसगढ़)। सभी जीवों पर दया करने की शिक्षा देने वाले, जान-अनजान में जीभ के स्वाद में मनुष्य से बनने वाले भारी पाप से बचाने वाले, मृत्यु के बाद जीवात्मा की संभाल करने वाले, वक़्त के महापुरुष सन्त सतगुरु दुःखहर्ता त्रिकालदर्शी परम दयालु उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 25 अगस्त 2022 प्रातःकालीन बेला में जांजगीर चाम्पा (छत्तीसगढ़) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि यह अनमोल मानव शरीर जल्दी नहीं मिलता है। 84 लाख खानों योनियों में जाना पड़ता है। गाय और बैल के योनि के बाद, अगर उनको कोई मार काट न दे, मार करके खा न जाए तो मनुष्य शरीर मिल जाता है।

गाय की होती है पूजा मां के समान, दूध अमृत के तुल्य, हर चीज है फायदेमंद
देखो मनुष्य शरीर पाने के बाद जैसे मनुष्य का सम्मान इज्जत की जाती है ऐसे ही गाय की पूजा की जाती है। इनको मां बताया गया है। दूध उनका अमृत की तरह से बताया गया है। हर चीज उनका फायदेमंद है।
सेवा करने से मनुष्य के अंग पवित्र होते हैं
जैसे मनुष्य अच्छा काम करे तो उसका हाथ पवित्र रहता है। अच्छे काम के लिए जाए, दूसरों के काम के लिए जाए, परोपकार करें तो मनुष्य शरीर के अंग पवित्र होते हैं। जो उसकी (गाय की) सेवा करता है, अच्छे काम में रहता है, भजन करता है, परोपकार करता, एक दूसरे की मदद करता, दूसरों को अच्छा रास्ता बताता है उसको लोग सम्मान की दृष्टि से देखते हैं। मनुष्य शरीर पाने वाले लोगों में देखो जिन्होंने अच्छा काम किया उनके शरीर की पूजा उस समय होने लग गई थी और अब भी लोगों की होती है।

गाय-बैल कोई मार काट के न खाए तो स्त्री-पुरुष को गाय-बैल की योनि मिलती है
जिस तरह से मनुष्य शरीर बहुत काम का है, सम्मानित है, ऐसे गाय को भी सम्मानित मानते हैं। दूध पिलाती है। इसका दूध अमृत के तुल्य है। जैसे मनुष्य का हर अंग पवित्र माना जाता है जब इन अंगों से अच्छा काम करता है। गाय बैल जानवर क्या पाप करेंगे? गाय सबसे सीधी मानी गई है। अन्य जानवर तो सींग से मार भी देते हैं लेकिन गाय बड़ी सीधी होती है। जैसे सीधे आदमी औरत को बोलते हैं कि यह आदमी/औरत तो गऊ हैं।
गाय और अन्य पशु-पक्षियों का मांस खाने वाले सीधा नरक जाते हैं
गाय का पसीना भी फायदेमंद है। गोबर से भी दवा बन जाती है। गौ मूत्र से भी दवा बन जाता है। गौ मूत्र के सेवन से रोग हटते हैं तो गाय को श्रेष्ठ माना गया है। इसलिए कहा जाता है गऊ हत्या नहीं होनी चाहिए। गऊ का मांस खाने वालों को सीधा नरक जाना पड़ता है। ऐसे तो किसी भी पशु-पक्षी का मांस नरक का ही रास्ता खोलता है। लेकिन गऊ को सबसे श्रेष्ठ और उत्तम माना गया है।
84 लाख की अंतिम गाय-बैल की योनि के बाद मनुष्य शरीर मिल जाता है
गाय और बैल की योनि शरीर के बाद मनुष्य शरीर मिलता है। गाय को औरत की योनि में भेज दिया जाता है और बैल को पुरुष पुरूष योनि में भेज दिया जाता है। चौरासी लाख योनियों में सजा भोगने के बाद 9 महीना मां के पेट में उल्टे लटकने के बाद तब यह देव दुर्लभ अनमोल मनुष्य शरीर मिलता है। इसलिए इसकी कद्र करो, समय बर्बाद मत करो, शाकाहारी रहो और पूरे समरथ सन्त सतगुरु की खोज कर उनसे मुक्ति-मोक्ष का रास्ता लेकर उस पर चलकर इस भवसागर से इसी जन्म में पार हो जाओ।
