ब्रेकिंग: इंडिया ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप में CG की बेटी का कमाल.... साइना नेहवाल को हराने वाली नागपुर की मालविका को दुर्ग की आकर्षी ने पछाड़ा......

ब्रेकिंग: इंडिया ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप में CG की बेटी का कमाल.... साइना नेहवाल को हराने वाली नागपुर की मालविका को दुर्ग की आकर्षी ने पछाड़ा......

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दुर्ग। नई दिल्ली में चल रहे इंडिया ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप में दुर्ग की बैडमिंटन प्लेयर आकर्षी कश्यप ने बड़ा उलटफेर किया है। ऑल इंडिया ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप में इन दिनों दुर्ग-भिलाई की जमकर चर्चा हो रही है। दो दिन पहले नागपुर की जिस मालविका ने साइना नेहवाल को हराया था, वह दुर्ग की आकर्षी से पराजित हो गई है। मालविका की कोचिंग भी रायपुर में ही हुई है और अब उसी मालविका को दुर्ग की आकर्षी ने हराकर खेल जगत में अपना ध्यान आकर्षित कराया है। इस जीत के साथ वह सेमीफाइनल में पहुंच गई है। मैच में जीत के बाद आकर्षी ने कहा कि वह पेरिस में होने वाले 2024 ओलंपिक गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व और देश के लिए गोल्ड जीत कर लाना चाहती है। 

आकर्षी ने क्वार्टर फाइनल में साइना नेहवाल को हराने वाली महाराष्ट्र की मालविका बंसोड़ को मात दी है। बीस वर्षीय आकर्षी ने मालविका बंसोड़ को 21-12, 21-15 से हराया। विश्व में 76वें स्थान की रैंकिग के साथ खेलने वाली छत्तीसगढ़ राज्य की इस इकलौती खिलाड़ी की रैंकिंग इस मैच के बाद सुधरेगी। वे लगातार दो सालों से सीनियर रैंकिंग में इंडिया नंबर-1 बनी हुई हैं। उसकी यह जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण हो गई क्योंकि मालविका ने एक दिन पहले ही ओलंपिक पदक विजेता साइना नेहवाल को इसी टूर्नामेंट में हराया था। इस जीत के साथ आकर्षी इंडिया ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप के सेमी फाइनल में पहुंच गई हैं। इस सफलता का श्रेय आकर्षी अपने मम्मी-पापा को देती हैं। 

आकर्षी अंडर-15 सिंगल्स में नेशनल चैंपियन, अंडर-17 और 19 सिंगल्स में दो बार नेशनल चैंपियन, खेलो इंडिया में गोल्ड मेडलिस्ट, एशियन गेम्स में गोल्ड मेडलिस्ट, बहरीन इंटरनेशनल चैलेंज में ब्रॉन्ज जीत चुकी हैं। उनके नाम अब तक 50 गोल्ड मेडल, 22 सिल्वर मेडल और 15 ब्रॉन्ज मेडल हैं। आकर्षी के पापा डाक्टर संजीव कश्यप दुर्ग में ही डर्मेटोलॉजिस्ट हैं। उन्होंने ही आकर्षी को टाइम की वैल्यू बताई। जब से उसने बैडमिंटन खेलना शुरू किया वह रोज उसे सुबह 4 बजे उठाते थे और उसके बाद उसे प्रैक्टिस में लेकर जाते थे। ट्रेनिंग के दौरान भी वह उसके साथ ही रहते थे। बाद में उसकी लगन और प्रतिभा देखकर उसे एडवांस ट्रेनिंग के लिए हैदराबाद भेजा गया।