CG मौसम अलर्ट: प्रदेश में बदला मौसम का मिज़ाज….आज कई थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने या गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना....किसानों के लिए एडवाइजरी जारी….देखें कहां कैसा रहेगा मौसम.....

CG मौसम अलर्ट: प्रदेश में बदला मौसम का मिज़ाज….आज कई थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने या गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना....किसानों के लिए एडवाइजरी जारी….देखें कहां कैसा रहेगा मौसम.....

डेस्क :बस्तर संभाग में 12 नवंबर से मौसम में बदलाव होगा। मौसम वैज्ञानिकों ने संभाग के कई स्थानों में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश होने की संभावना जताई है। लगभग सप्ताहभर तक कई इलाकों में बदली भी छाई रहेगी। साथ ही तामपान में कोई खास उतार-चढ़ाव भी देखने को नहीं मिलेगा। इधर मौसम के फेर बदल को देखते हुए वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए एडवाइजरी भी जारी की है।

मौसम वैज्ञानिक एपी चंद्रा के अनुसार, एक अवदाब पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी और उससे लगे दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर स्थित है। इसके साथ ही ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा 4.5 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है। इसके प्रभाव से 12 नवंबर को बारिश होने की संभावना है। ज्यादा असर दक्षिण बस्तर इलाकों में देखने को मिलेगा। इधर आज गुरुवार से ही संभाग के दंतेवाड़ा, जगदलपुर, सुकमा और बीजापुर इलाके में भी बदली छाई हुई है। दंतेवाड़ा के मौसम वैज्ञानिक अनिल ने बताया कि, जिले के कुआकोंडा इलाके में ज्यादा बारिश होगी।

इलाकों में बारिश की संभावना बस्तर समेत आधे प्रदेश में हल्की बारिश की संभावना है। वहीं बादल की वजह से ठंड कम होगी। दिन भर छाए बादल रहेंगे। प्रदेश के सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा में हल्की बारिश के आसार है। बस्तर और कांकेर में भी हल्की बारिश के आसार है। गरियाबंद, बालोद राजनांदगांव, कबीरधाम, बेमेतरा, दुर्ग और धमतरी में भी हल्की बारिश के संकेत मौसम विभाग ने दिए

किसानों के लिए एडवाइजरी

  • किसान जिन्होंने अपने धान की कटाई कर ली है वे अपने धान को सुरक्षित स्थानों में रखें।
  • धान की कटाई कर चुके खेतों को रबी फसल बोने के लिए तैयार कर सकतें हैं।
  • आने वाले दिनों में ठंड बढ़ सकती है। ऐसे में पशुपालक अपने मवेशियों एवं मुर्गियों को ठंड से बचाने की व्यवस्था शुरू कर दें।
  • धान की कटाई उन्नत हस्त चालित नवीन हंसिया से करें जिसकी धार बनवाने की जरुरत नहीं पड़ती।
  • रिपर का भी प्रयोग धान फसल की कटाई हेतु करें इससे प्रति घंटा एक एकड़ के धान की कटाई की जा सकती है।
  • पशुबाड़े में मच्छरों को भगाने के लिए शाम के समय धुंआ करें और एक घंटे बाद तक पशुओं को दूसरी जगह बांधे।
  • रबी मौसम में बोई जाने वाली दलहनी व तिलहनी फसलों की 15 नवंबर तक बुआई कर लेने से कीट का प्रकोप न्यूनतम होता है।