CG- DEO सस्पेंड BREAKING: शिक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई, जिला शिक्षा अधिकारी निलंबित,ये है गंभीर आरोप,जाने मामला….
शिक्षकों के तबादलों में गड़बड़ी को लेकर राज्य सरकार ने जशपुर डीईओ को भी सस्पेंड कर दिया है। इससे पहले सरकार ने कोंडागांव के डीईओ को भी निलंबित किया था।
CG DEO suspended: Education Department's major action
रायपुर, 8 मई। शिक्षकों के तबादलों में गड़बड़ी को लेकर राज्य सरकार ने जशपुर डीईओ को भी सस्पेंड कर दिया है। इससे पहले सरकार ने कोंडागांव के डीईओ को भी निलंबित किया था।
जशपुर के जिला शिक्षा अधिकारी जेके प्रसाद के खिलाफ मिली शिकायत के आधार पर राज्य सरकार ने जांच कराया था। सरगुजा संयुक्त संचालक ने डीईओ के खिलाफ जांच की और फिर राज्य सरकार को उसकी रिपोर्ट भेजी थी। इस रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार ने जेके प्रसाद को सस्पेंड करते हुए उन्हें संयुक्त संचालक के कार्यालय सरगुजा में अटैच किया है।
जांच रिपोर्ट में जेके प्रसाद पर आरोप है कि कार्यालयीन समय पर आगन्तुक/शिक्षक/कर्मचारियों से मिलने के लिए सामान्य शिष्टाचार के तहत व्यवस्थित प्रक्रिया का पालन वो नहीं करते। कर्मचारियों के मांग अनुरूप सामान्य भविष्य निधि की राशि भी स्वीकृत नहीं की जाती है।
वहीं स्थानांतरण नीति वर्ष 2022 के विपरीत सहायक शिक्षक/सहायक शिक्षक एलबी टी संवर्ग के स्थानांतरण सूची अनुसार 5 स्कूलों को शिक्षक विहीन, 57 स्कूलों को एक शिक्षकीय, 24 स्कूलों को अतिशेष, ई संवर्ग के स्थानांतरण सूची के प्रस्ताव में 1 शाला को शिक्षक विहीन, 7 स्कूलों को एकल शिक्षकीय और 5 स्कूलों को अतिशेष का प्रस्तावित सूची को जिला स्तर पर अनुमोदित कराया गया।
वहीं व्यापमं के जरिए सहायक शिक्षकों की सीधी भर्ती में टी संवर्ग के 30 शालाओं में शिक्षक की आवश्यकता नहीं होने के उपरांत भी शिक्षकों की पदस्थापना की गयी, जिससे अतिशेष की स्थिति बनी।
डीईओ पर आरोप है कि ट्रांसफर के बाद एकल शिक्षकीय व शिक्षक विहीन शालाओं की स्थिति निर्मित होने पर 31 शिक्षकों को अध्यापन व्यवस्था के तहत बिना उच्च कार्यालय को प्रस्ताव भेजे तथा बिना अनुमोदन के ही शिक्षकों का संल्ग्नीकरण किया गया, जबकि विभागीय निर्देश के मुताबिक अटैचमेंट नहीं किया जा सकता है। वहीं विशेष पिछड़ी जनजातियों के शिक्षित युवाओं का सहायक शिक्षकों के रिक्त पद के विरूद्ध अतिथि सहायक शिक्षकों के रूप में भर्ती 30 अप्रैल 2023 तक अस्थायी रूप से संस्था से बिना रिक्त पद की जानकारी मंगाये बगैर की गयी, जिसकी वजह से स्कूलों में अतिशेष की स्थिति निर्मित हुई। राज्य सरकार ने डीईओ की कार्यशैली को सिविल सेवा आचरण के विरुद्ध पाते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है, वहीं सरगुजा संयुक्त संचालक कार्यालय में उन्हें अटैच किया है।
