CG विधानसभा BREAKING: विधानसभा में आर्थिक सर्वेक्षण पेश.... GDP में काफी बढ़ोतरी.... प्रति व्यक्ति आय में 12 फीसदी इजाफा.... छत्तीसगढ़ का जीडीपी भारत सरकार से ज्यादा.....

12 percent increase in per capita income GDP of Chhattisgarh is more than that of Government of India economic survey presented in assembly

CG विधानसभा BREAKING: विधानसभा में आर्थिक सर्वेक्षण पेश.... GDP में काफी बढ़ोतरी.... प्रति व्यक्ति आय में 12 फीसदी इजाफा.... छत्तीसगढ़ का जीडीपी भारत सरकार से ज्यादा.....

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economic survey presented in assembly: छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र का आज दूसरा दिन है। विधानसभा में खाद्य एवं सांख्यिकी मंत्री अमरजीत भगत ने छत्तीसगढ़ का आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया। मंत्री अमरजीत भगत की रिपोर्ट के आधार पर छत्तीसगढ़ का जीडीपी दर 11.5 प्रतिशत है। जीएसडीपी में भी काफी बढ़ोतरी हुई है। कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्र में भी जीएसडीपी बढ़ा है। कृषि में 3.88 फीसदी वृद्धि, उद्योग क्षेत्र में 15.44 फीसदी और सेवा क्षेत्र में 8.54 फीसदी का ग्रोथ हुआ है। आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार छत्तीसगढ़ में प्रति व्यक्ति अनुमान 1 लाख 18 हजार 401 आया है। याने पिछले साल की तुलना में प्रति व्यक्ति आय में करीब 11.93 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 

छत्तीसगढ़ के के अर्थव्यवस्था में क्षेत्रवार योगदान कृषि क्षेत्र 16.73 प्रतिशत, उद्योग क्षेत्र 50.61 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र 32. 66 प्रतिशत है। इससे पहले कांग्रेस के तीन वर्ष के कार्यकाल में सरकारी भर्ती के सवाल पर आज सदन में काफी हंगामा हुआ। भाटपारा विधायक शिवरतन शर्मा ने आज प्रश्नकाल में सरकारी विभागों में विभिन्न पदों पर नई भर्ती का मामला उठाया। उन्होंने मुख्यमंत्री (Chief Minister) से जानना चाहा कि तीन साल के कार्यकाल में कितने पदों की सरकार ने स्वीकृति दी। उनका प्रश्न था, किन विभागों को किन-किन श्रेणी के कितने-कितने पदों की भर्ती हेतु स्वीकृति प्रदान की गयी है? (Approval of recruitment of 40035 posts)

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister) ने बताया वित्त विभाग द्वारा 18 दिसम्बर 2018 से 08/02/2022 तक प्रथम श्रेणी के 1725, द्वितीय श्रेणी के 4176, तृतीय श्रेणी के 28088 एवं चतुर्थ श्रेणी के 6046 कुल 40035 पदों पर भर्ती की स्वीकृति प्रदान की गयी है। हालांकि, इस जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन में हंगामा किया। तीखी नोंक-झोंक भी हुई। छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों के महंगाई भत्ता का मुद्दा आज विधानसभा में भी उठा। कर्मचारियों के महंगाई भत्ता का मुद्दा पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने उठाते हुए पूछा कि कब तक केंद्र के बराबर कर्मचारियों को डीए दिया जायेगा। जवाब में मुख्यमंत्री ने विस्तार से इसकी जानकारी दी। (Approval of recruitment of 40035 posts)

रमन सिंह ने पूछा कि प्रदेश में अभी कुल कितने शासकीय कर्मचारी हैं। वर्तमान में राज्य सरकार शासकीय कर्मचारियों व अधिकारियों को कितने प्रतिशत डीए दे रही है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों को मिलने वाले 31 प्रतिशत महंगाई भत्ता से राज्य के कर्मचारियों का कितना अंतर है। राज्य सरकार की केंद्र के समान महंगाई भत्ता करने की क्या योजना है और कब तक है। जवाब में मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने बताया कि प्रदेश में अभी कुल 3.82.404 शासकीय कर्मचारी और अधिकारी है। 

अभी राज्य के कर्मचारियों के कर्मचारियों को सांतवां वेतनमान के तहत 17 प्रतिशत और छठवां वेतनमान के अनुरूप 164 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। केंद्र की तुलना में छत्तीसगढ़ के के कर्मचारियों को 14 प्रतिशत कम महंगाई भत्ता मिल रहा है। मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने बताया कि राज्य के कर्मचारियों के हित में महंगाई भत्ता को बढ़ाये जाने का निर्णय शासन के संसाधनों के परिप्रेक्ष्य में लिया जाता है। भविष्य में महंगाई भत्ता को बढाये जाने का निर्णय इसी आधार पर लिया जायेगा। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज अनियमित कर्मचारी, संविदाकर्मी और दैनिक वेतनभोगियों के नियमितिकरण का मुद्दा उठा। 

सदन में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और  भाजपा विधायक विद्यारतन भसीन के सवालों का जवाब देते हुए बताया कि अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। विद्यारतन भसीन ने सवाल पूछा कि अनियमित कर्मचारियों, संविदाकर्मियों व दैनिक वेतनभोगियों को नियमित करने की दिशा में सरकार ने क्या काम किये हैं। इनको नियमित कब तक किया जायेगा। जवाब में मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने बताया कि अनियमित, संविदा और दैनिक वेतनभोगी के नियमितिकरण को लेकर जीएडी ने विधि विभाग से अभिमत मांगा है। विधि विभाग ने इस संबंध में महाधिवक्ता का अभिमत प्राप्त होने पर जानकारी देने की बात कही है। 

इस संबंध में वाणिज्य विभाग के प्रमुख सचिव एवं सार्वजनिक उपक्रम विभाग की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गयी है। 9 जनवरी 2020 को बैठक हुई है। बैठक में लिये गये फैसलों के मुताबिक विभागों के अधीनस्थ विभागाध्यक्ष कार्यालय, निगम, मंडल, संस्था में पूर्व से कार्यरत अनियमित दैनिक वेतनभोगी एवं संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी चाही गयी है। हालांकि इनका नियमितिकरण कब तक किया जायेगा मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी समय सीमा बता पाना संभव नहीं है। 

मुख्यमत्री ने बताया कि इन नियमितिकरण की मांगों पर सरकार काफी गंभीर है, इसे घोषणापत्र में इसलिए शामिल भी किया है। जवाब में मुख्यमंत्री ने कर्नाटक सरकार वर्सेस उमा देवी प्रकरण के जजमेंट का जिक्र दिया। जिसके मुताबिक नियमितिकरण की कार्रवाई की सिर्फ एक बार सरकार कर सकती है। लिहाजा सरकार तथ्यों पर विचार कर कार्रवाई कर रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि अभी तक विधि का अभिमत नहीं आया है।