दिनभर में 15 सिगरेट पीती है ये महिला.... स्मोकिंग की वजह से सड़ गईं महिला की उंगलियां.... 13 साल की उम्र से ही पी रही थी सिगरेट... एक दिन में 15 सिगरेट पीने का नतीजा.... हुआ ये हाल.....
woman smokes 15 cigarettes day Woman fingers rotted due smoking




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डेस्क। तम्बाकू व इसके उत्पादों का नशा लोगों को अपाहिज बना रहा है। साउथ अफ्रीका की रहनेवाली महिला की सिगरेट पीने की वजह से उंगलियां झड़ रही हैं। इसका कोई इलाज भी नहीं है। पहले तो महिला की उंगलियों का रंग पर्पल से काला हो गया। फिर उंगलियां गलने लगी। इस 48 वर्षीय महिला का नाम मेलिंडा जानसेन वैन वुरेन है। महिला ने कहा कि साल 2021 के अक्टूबर से ही उसके हाथों में बदलाव आने लगे थे। पहले तो उसके हाथों को तपमान में बदलाव को सहने में दिक्कत होने लगी और वो नरम पड़ने लगे। जब महिला की उंगलियां काली पड़ गईं, तब डॉक्टर ने जांच की और पाया कि उनकी उंगलियों में ये बदलाव स्मोकिंग की वजह हो रही है।
ये बीमारी बहुत ही दुर्लभ है। जिसमें छोटे और मध्यम ब्लड वेसल्स में खून का थक्का बनने लगता है और वो सूज जाते हैं। मेलिंडा को जब पता चला कि ये सब स्मोकिंग की वजह से हो रहा है तो उन्होंने सिगरेट पीना छोड़ दिया। उन्होंने बताया कि वो 13 साल की उम्र से ही स्मोकिंग कर रही थीं। वह दिनभर में 15 सिगरेट पी जाती थीं। स्मोकिंग छोड़ने के बाद भी उनकी उंगलियां झड़ती जा रही हैं। उनकी दाहिने हाथ की तीन उंगलियों के ऊपरी हिस्से और बाएं हाथ की एक उंगली झड़ चुकी है। डॉक्टरों ने कहा कि वो महिला की राहत के लिए वो कुछ भी नहीं कर सकते हैं। इसलिए उन्हें एक-एक कर के उंगलियों के गिरने का इंतजार करना पड़ रहा है।
मेलिंडा ने कहा की जहां तक मैं जानती हूं इसका कोई इलाज नहीं है। डॉक्टरों ने उंगलियों के खुद-ब-खुद झड़ने का तरीका अपनाया है। मेलिंडा ने कहा कि ये मेरे जीवन का सबसे चैलेंजिंग स्टेज है। इस बीमारी से मुकाबला करते हुए यहां तक पहुंचने में मैंने आंसूओं और बड़ी हिम्मत से काम लिया है। मेलिंडा ने कहा- मैं अपने हाथों का इस्तेमाल नहीं कर पा रही हूं। मैं खाना नहीं बना पा रही हूं। साफ-सफाई करना, बालों में कंघी करना, नहाना, इनमें से कोई भी काम मैं नहीं कर पा रही हूं। मुझे दर्द से राहत नहीं मिल रहा है। मेलिंडा कहती हैं- मैं पर्सनल असिस्टेंट और एक क्वालिफाइड नेल टेक्नीशियन हूं। मैं अपने हाथों के काम के लिए जानी जाती थी लेकिन अब मैं वो नहीं कर सकती हूं। मैं पिछले अक्टूबर से लिख भी नहीं पा रही हूं।