नारायणपुर मे आखिर किसने तोड़ा चर्च ? सर्व आदिवासी समाज ने किया किनारा, कहा- हमारे समाज का कोई हाथ नहीं, कोई विशेष संगठन हो सकता है ! यह वही लोग है जो नक्सली समर्थक है जो हिंसा चाहते है एक एक पर सरकार करें कार्यवाही - नरेन्द्र भवानी




नारायणपुर मे आखिर किसने तोड़ा चर्च ? सर्व आदिवासी समाज ने किया किनारा, कहा- हमारे समाज का कोई हाथ नहीं, कोई विशेष संगठन हो सकता है ! यह वही लोग है जो नक्सली समर्थक है जो हिंसा चाहते है एक एक पर सरकार करें कार्यवाही - नरेन्द्र भवानी
जगदलपुर। मामले मे मसीही समाज के सदस्य नरेन्द्र भवानी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा की नारायणपुर में चर्च तोड़फोड़ मामले में दिनभर गहमागहमी का माहौल रहा. चारों तरफ से तोड़फोड़ और हंगामे की खबरों के बीच बवाल कटता रहा. पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए. इन सबके बीच ढलते शाम सर्व आदिवासी समाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस ली. इस दौरान सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष हीरा सिंह ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि इसमें सर्व आदिवासी समाज का कोई हाथ नहीं है, कोई विशेष संगठन हो सकता है.हुए तोड़फोड़ मामले से किनारा करते हुए हीरा सिंह ने कहा कि किसी धर्म के प्रति इस तरह का अपराध के खिलाफ हैं. हम इसका घोर निंदा करते हैं. हमारे समाज का इसमें कोई हाथ नहीं है. सरकार इस पर कार्रवाई करे. हमारे नाम का जो लोग दुरुपयोग कर रहे हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो.उन्होंने कहा कि सर्व आदिवासी समाज इस घटना में शामिल नहीं है. आदिवासी समाज का नाम जो आ रहा है, उसका हम निंदा करते हैं, धार्मिक स्थल का तोड़फोड़ करना घोर अपराध है. हमारे कोई भी पदाधिकारी इसमें शामिल नहीं है, जो हमारे समाज का नाम लेकर तोड़फोड़ कर रहे हैं, उसके खिलाफ सरकार कार्रवाई करे ! इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो सर्व आदिवासी समाज पर इल्जाम लगा रहे हैं, वह निंदनीय है. हम घोर निंदा करते हैं. इन पर कड़ी कार्रवाई हो. हमारे समाज का इसमें कोई हाथ नहीं है।
भीड़ को भड़काता यह व्यक्ति
वही भवानी ने आगे कहा की यह बातें स्वयं आदिवासी समाज के पदाधिकारियों ने कहा है अब सवाल यह उठता है की नक्सली जैसे इलाके मे जहां धर्म जात के नाम हजारो मसीही लोगो को घर जमीन से बेघर करने वाले यह लोग और पुलिस एवं मासूमों के साथ मारपीठ करने वाले और कोई नहीं बल्कि नक्सली समर्थक लोग है जो हिंसा पसंद करते है अपने निजी फायदो के लिए धर्म के नाम पर घर जमीन छोड़ने मजबूर कर मसीही लोगो के जानवर खेत खलियान को लूटते है उनका सामान तक चोरी कर लिया जाता है बेहद विचारनीय व गंभीर मामला है जब आदिवासी समाज ने ही इस हिंसक घटना से किनारा कर लिया तो क्या बिहड नक्सली क्षेत्र मे क्या आम गांव वालों ने ऐसी घटना को अंजाम दिया होगा ? बिलकुल नहीं यह वही लोग है जो नक्सली विचार धारा से चलते है और नक्सली ही है जिन्हे हिंसा पसंद है ! सरकार अब जल्द से जल्द कार्यवाही करें व अभी भी हजारो लोग अपने घरों से बेघर है तत्काल उन्हें अपने अपने गांव मे सुरक्षित वापस घर सुरक्षा के साथ भेजें।