जयगुरुदेव नाम फलदाई कब होता है, कब-कब इसे बोलना है - सन्त बाबा उमाकान्त महाराज




जयगुरुदेव नाम फलदाई कब होता है, कब-कब इसे बोलना है - सन्त बाबा उमाकान्त महाराज
*वक्त से चलने वाले, वक्त के गुरु, वैद्य, डॉक्टर की खोज करने वाले की तकलीफ दूर हो जाया करती है*
उज्जैन(म.प्र.) : संकट में जयगुरुदेव बोलने पर मदद करने वाले, संकट तकलीफ आने ही न पावे इसके अनेक सरल से सरल उपाय बताने वाले, इस समय के युगपुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त महाराज ने 31 जुलाई 2023 सांय उज्जैन में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि आपको नामदान दूंगा, साथ ही जयगुरुदेव नाम को भी भूलना नहीं है क्योंकि इसमें गुरु का भी नाम है। गुरु शब्द है। गुरु ही आगे और गुरु ही पीछे हमेशा साथ देते हैं, पीछे से धकेलते हैं और आगे से बुलाते हैं, खींचते हैं तब यह पामर जीव इस कलयुग में आगे बढ़ पाता है। नहीं तो समझो की ये जीव तो बिल्कुल एक जगह को छोड़ नहीं सकता है। तो ये आत्मा जड़ हो गई है। ये यहां (मृत्युलोक) से निकल नहीं सकती है। वह तो गुरु ही खींचते हैं, गुरु नाम इसलिये दिया। ये इस समय का जगाया हुआ नाम है। यह गंदगी को साफ करता है, मुसीबत में लोगों को बचाता है।
जयगुरुदेव नाम फलदाई कब होता है
जयगुरुदेव नाम बोलने से तकलीफें दूर होती है, काम बनता है इसलिए लोगों को विश्वास होता है। देखो, जितने भी लोग आप यहां (सतसंग कार्यक्रम में) आए हो, आपको किसी ने विश्वास दिलाया होगा की अनमोल, ठोस, अच्छी चीज मिलेगी, चलने से तुम्हारा फायदा ही होगा तब तो आप यहां पर आए हो। किसी न किसी तरह से विश्वास जब होता है तभी आदमी आगे बढ़ता है। और जब विश्वास हो जाता है तो वही फलदाई होता है, उसी से फल मिलता है। तो आपने विश्वास किया, आप आए। अब मैं जो बताऊंगा (नामदान) इस पर अगर आप विश्वास करोगे तो और ज्यादा फलदाई ये हो जाएगा। जैसे कोई आपको एक आम दे कर कहे चलो ये खाओ, देखो बहुत मीठा,अच्छा है और आपने खाया। आपकी इच्छा जगेगी की और खा ले।
तब कहेगा चले मेरे साथ बागीचे में, वहां तुमको भरपेट खाने को मिल जाएगा। चले जाओगे बगीचे में तो पेट भर के आम खाओगे। तो ऐसे ही समझ लो जब विश्वास हो गया तब आप यहां आए। अब मेरी बातों पर विश्वास हो जाएगा, जो बताऊंगा इसको करने लग जाओगे तो ये और ज्यादा फलदाई होगा।
आपका पेट भर देगा, इच्छा भर देगा। देखो! किसी को खिला-खिला कर कस के पेट भर दो और फिर उसको कोई चीज खिलाने लगो तो कहेगा इच्छा नहीं रह गई, पेट भर गया, ले जाओ, हटाओ-हटाओ। ऐसे ही जब अंदर की इच्छा भर जाती है तब दुनिया की चीजों की इच्छा अपने आप खत्म हो जाती है।
जयगुरुदेव नाम कब-कब बोलना है
यह जयगुरुदेव नाम भी आपको याद करना है। गुरु का नाम इसमें जुड़ा हुआ है। जयगुरुदेव बोलो, जब उठो-बैठो, चलते-फिरते, दुकान खोलो, घर से चलो, दुकान का, व्यापार का काम शुरू करो, दफ्तर में बैठो, वहां काम शुरू करना हो, तो जयगुरुदेव बोलो। जयगुरुदेव नाम मत भूलना। जयगुरुदेव नाम भूल जाते हो तो फिर मुसीबत के समय याद नहीं रहता। मुसीबत में पड़ने पर जयगुरुदेव जयगुरुदेव चिल्लाते हो तो क्या वर्षा, जब कृषि सुखाने, समय चूक की पछताने। बारिश न होने से खेत सूख गया तो फिर कुआं खोदने से क्या फायदा निकलेगा? इसलिए बराबर याद रखो की फसल की सिंचाई हमको करनी है।
जब आग लग गई तो आप क्या पानी का इंतजाम करके उसको बुझा पाओंगे? नुकसान हो जाएगा। कितना आप भगवान का नाम लोगे, उपाय करोगे, बेकार जाएगा कि नहीं जायेगा? तो उस समय पर याद नहीं रहता है, तकलीफ आ जाती है, जयगुरुदेव भी बोलते हो, माला भी डोलाते हो, गुरु को भी याद करते हो लेकिन गुरु की बातों को भूल जाते हो, उन्होंने जो कर्तव्य करने, काम करने के लिए कहा, उसको भूल जाते हो, आफत आ जाती है तब तो जो चीज बिगड़ गई, जो कर्म आ गए, उसको कटने में समय तो लगेगा ही लगेगा। इसलिए समय पर चेतने की जरूरत होती है। वक्त से जो चलता है, वक्त गुरु की जो खोज करता है, वक्त के वैद्य, डॉक्टर की जो खोज करता है, उसकी तकलीफ दूर हो जाया करती है।
प्रेमियों ! जयगुरुदेव नाम भी नहीं भूलना। इसीलिए बताया गया कि रोज जयगुरुदेव नाम की ध्वनि घर में लोगों को बुलवाओ, बच्चों को रटाओ, याद कराओ। वो भी सीख जाए जो नहीं बोलते हैं। जोर-जोर से बोलो चाहे कोई गाली ही क्यों न देने लग जाए। आते-जाते रास्ते में बस ट्रेन में जयगुरुदेव नाम की ध्वनि बोलते जाओ, पहचान अपनी बनाते जाओ कि ये जयगुरुदेव वाले हैं।