VIDEO CG RTO ऑफिस का स्टिंग: RTO दफ्तर में बिना 'भेंट चढ़ाए' किसी वाहन का पहिया नहीं हिलता….एजेंट कैमरा देखते ही मुंह छिपाने लगे , ऑफिस में घुसकर निकाल लेते हैं दस्तावेज…..अफसरों पर लेनदेन का आरोप……देखे RTO ऑफिस के स्टिंग का LIVE विडियो…….

VIDEO CG RTO ऑफिस का स्टिंग: RTO दफ्तर में बिना 'भेंट चढ़ाए' किसी वाहन का पहिया नहीं हिलता….एजेंट कैमरा देखते ही मुंह छिपाने लगे , ऑफिस में घुसकर निकाल लेते हैं दस्तावेज…..अफसरों पर लेनदेन का आरोप……देखे RTO ऑफिस के  स्टिंग का LIVE विडियो…….

डेस्क : राज्य सरकार ने लाइसेंस बनवाने से लेकर सभी कार्य के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की है। ताकि, RTO में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो सके। विभाग के अफसर दावा भी करते हैं कि अब यहां एजेंटों के जरिए काम नहीं होता। बल्कि, ऑनलाइन आवेदन जमा करने के बाद सभी काम नियम कायदों से चलता है। लेकिन, हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। दफ्तर के गेट में आम लोगों के लिए अनाधिकृत प्रवेश वर्जित का नोटिस चिपका हुआ है। फिर भी एजेंट अंदर घुसकर कैसे दस्तावेज निकाल रहे हैं। यह बताना वाला कोई नहीं है। लोगों ने यहां काम कर रहे अफसरों पर इन इन एजेंटों से लेनदेन का आरोप लगाया है।

बिलासपुर जिले में सरकंडा क्षेत्र के लगरा स्थित RTO ऑफिस में एजेंट खुलेआम घुसकर दस्तावेज निकाल लेते हैं। जबकि इस दफ्तर के अंदर आम लोगों का आना प्रतिबंधित है। इस मामले की शिकायत लंबे समय से मिल रही थी। जिसके बाद मीडियाकर्मियों ने मिलकर इस RTO ऑफिस का स्टिंग किया है। मीडिया के लोग अचानक दफ्तर पहुंचे तो देखा कि बाहर लोगों की भीड़ है और अंदर एजेंट घुसकर दस्तावेज निकाल रहे हैं। इस पर पत्रकारों ने जैसे ही कैमरा चालू किया। वैसे ही एजेंट अपना मुंह छिपाने लगे और दरवाजे से बाहर निकल गए।

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इस मामले को लेकर परिवहन विभाग के उप निरीक्षक पारुल ठाकुर ने कहा कि एचओडी की परमिशन के बिना कोई बयान नहीं दे सकती। रही बात आरोप की है तो ऐसा कुछ भी नहीं है। वहीं जिला परिवहन अधिकारी अधिकारी अमित बेक ने कहा कि आप लोगों के माध्यम से यह जानकारी सामने आई है। जांच के बाद कार्रवाई करेंगे।

क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय परमिट सहित अन्य काम से पहुंचे लोगों ने बताया कि RTO अधिकारी अमित बेक अभी हाल ही में आए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि महिला अधिकारी उप-निरीक्षक पारुल ठाकुर व उनके सहयोगी कर्मचारी रुपए की मांग करते रहे हैं। परमिट व नाम ट्रांसफसर के लिए उन्होंने सारी प्रक्रिया पूरी कर ली है और निर्धारित शुल्क भी जमा कर दिया है। इसके बाद भी रकम नहीं देने पर उन्हें दो माह से घूमाया जा रहा है।