छ.ग धमतरी न्युज: 15 लाख मनरेगा मजदूरों के हाथ खाली, हड़ताल से मजदूरों को हर रोज 30 करोड़ रुपये के मजदूरी का नुकसान.
Chhattisgarh Dhamtari News: 15 lakh MGNREGA..




NBL, 18/04/2022, Lokeshwer Prasad Verma,. Chhattisgarh Dhamtari News: 15 lakh MGNREGA workers lost their hands, workers lost Rs 30 crore wages every day due to the strike.
धमतरी छत्तीसगढ़ में कार्यरत मनरेगा अधिकारी-कर्मचारी पिछले चार अप्रैल से कामकाज बंद कर अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए है, पढ़े विस्तार से..।
उनके हड़ताल पर चले जाने से प्रदेश के 15 लाख मनरेगा मजदूरों के हाथ खाली है। हड़ताल से मजदूरों को हर रोज 30 करोड़ रुपये के मजदूरी का नुकसान होने लगा है, जबकि मनरेगा योजना में काम करने का प्रमुख सीजन अप्रैल माह ही है।
धमतरी समेत प्रदेशभर के मनरेगा अधिकारी-कर्मचारी पिछले चार अप्रैल से नियमितीकरण और रोजगार सहायकों को पंचायत सचिव भर्ती में प्राथमिकता देने की मांग को लेकर दफ्तरों में कामकाज बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए है। हड़ताल शुरू हुए 15 दिन पूरे हो गए। पिछले पखवाड़ेभर से पूरे प्रदेश में मनरेगा योजना पूरी तरह से बंद है। मनरेगा मजदूरों को लंबे समय से काम नहीं मिलने से वे परेशान है।
हड़ताल पर बैठे मनरेगा अधिकारी-कर्मचारी रामचंद्र खरे, कृपाशंकर पटेल, डुमन लाल ध्रुव, दिनेश कोटवानी, टीकम भारद्वाज, दीपक सोनी, चंद्रहास सिन्हा, खुशकरण साहू ने बताया कि धमतरी जिले में डेढ़ लाख मनरेगा मजदूरों के साथ प्रदेश में कुल काम करने वाले सकि्रय मनरेगा मजदूरों की संख्या 15 लाख है।
हड़ताल होने की वजह से इन मजदूराें को काम नहीं मिल रहा है, ऐसे में मजदूरों को प्रतिदिन 30 करोड़ रुपये का नुकसान होने लगा है। इस तरह पूरे हड़ताल के दौरान अब तक मनरेगा मजदूरों को 450 करोड़ रुपये के मजदूरी का नुकसान हुआ है।
मनरेगा काम शीघ्र शुरू करने की मांग. .
मनरेगा मजदूर टीकाराम साहू, सावित्री बाई, हीराराम साहू, दुर्गा बाई, राजू साहू आदि ने बताया कि इन दिनों रबी धान फसल कटाई-मिंजाई शुरू नहीं हुई है, ऐसे में गांवों में सिर्फ मनरेगा योजना के तहत रोजगार ही परिवार चलाने का मुख्य जरिया है, लेकिन अधिकारी-कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से कामकाज पूरी तरह से बंद है। इससे मजदूरों की चिंता बढ़ गई है। मजदूरों को मनरेगा योजना के तहत काम नहीं मिलने के कारण अब कई मजदूर शहरों की ओर काम की तलाश में जा रहे हैं।
शहर में दिहाड़ी मजदूरों की संख्या अचानक बढ़ गई है, ऐसे में सभी मजदूरों को शहरों में भी पर्याप्त काम नहीं मिल रहा है। ऐसे में मनरेगा मजदूरों ने शासन से अधिकारी-कर्मचारियों की मांगे शीघ्र पूरा कर मनरेगा काम शुरू कराने की मांग की है, ताकि उनके सामने रोजगार की संकट पैदा न हो। इस संबंध में कलेक्टर पीएस एल्मा ने बताया कि मनरेगा योजना के अधिकारी-कर्मचारियों के हड़ताल खत्म होते ही मनरेगा कार्य शुरू किया जाएगा। फिलहाल अधिकारी-कर्मचारी हड़ताल पर है।