हरियाणा की हिंदू/मुस्लिम एकता को तोड़ने वाले व्यक्ति की जितनी निंदा की जाए कम है क्योंकि मेवात का मेव मुस्लिम पहले हिंदू राजपूत था जिसे महात्मा गांधी ने पूर्व कांग्रेस सरकार को मेव मुस्लिम को पाकिस्तान भेजने से मना कर दिया था।
The person who broke the Hindu/Muslim unity




NBL, 03/08/2023, Lokeshwer Prasad Verma Raipur CG: The person who broke the Hindu/Muslim unity of Haryana is less to be condemned because the Meo Muslim of Mewat was the first Hindu Rajput whom Mahatma Gandhi refused to send the former Congress government to Pakistan.
अभी जो हरियाणा के नूह, मेवात क्षेत्र में दो समुदायों के बीच हिंसा हुआ है वह हरियाणा के हिंदुओ के लिए भी और वहाँ के मुसलमानों के लिए शर्मनाक हिंसा है और जिसने भी कूटरचना रचा है चाहे वह धार्मिक नेताओं द्वारा हो या राजनीतिक नेताओं द्वारा रचित हिंसा कांड हो लेकिन हरियाणा को दाग दार कर दिया इन दोनों समुदायों ने बेधर्मी व्यक्ति के बातों में आकर।
जो अभी जघन्य अपराधिक हिंसा किया हरियाणा के कुछ क्षेत्रों में ये घोर निंदनीय है और हरियाणा के हिंदू/मुस्लिम एकता खंडित हुआ है और दोनों समुदायों ने अपने गौरव शाली इतिहास को भूल गया है या भूलवाया गया है कुछ स्वार्थी लोगों के द्वारा जबकि हरियाणा के मेव मुस्लिम असल मे हिंदू राजपूत है जो द्वापर युग के महायोद्धा अर्जुन क्षत्रिय समाज के राजपूत वंशज से आते है जो बाद में मुस्लिम धर्म को अपना लिया और आज भी इनके रगो में हिंदू राजपूतों का खून दौड़ रहा है जो अन्य भारतीय मुस्लिमो के रीति रिवाजों से बिल्कुल भी अलग है मेवात नूह के मुसलमानों की और आज भी हिंदू राजपूतों की तरह इनके चाल चलन है।
जब भारत से अलग होकर पाकिस्तान मुस्लिम देश बना उसी समय हरियाणा के मेव मुस्लिम समुदायों को पाकिस्तान भेजने की योजनाएं बनाई जा रही थी राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के द्वारा और इसका मुख्य कारण था इन मेव मुस्लिम समुदायों में शिक्षा की कमी और इनके कट्टरता जो हरियाणा और राजस्थान के लिए घातक माना जा रहा था, क्योकि इन मेव मुस्लिम समुदायों के लोगों में एक कट्टरता पायी जाती हैं जो इनके जिद इनके रगो में है जिसको देखकर भारत के प्रथम राष्ट्रपति डाक्टर राजेंद्र प्रसाद ने कांग्रेस के गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल को चिट्ठी लिखकर भारत के हरियाणा और राजस्थान के सामाजिक सुरक्षा के लिए संवेदना जताये थे।
और गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल जी, मेव मुस्लिम समुदायों को पाकिस्तान अधिनस्त पंजाब प्रांत ट्रको के माध्यम से भेजने का प्लान बना लिया था उसी बीच महात्मा गाँधी ने मेवात में जाकर विरोध किया की हरियाणा और राजस्थान से मेव मुस्लिम परिवार हिंदुस्तान छोड़कर पाकिस्तान नही जायेगा और एक आग्रह भी किया केंद्र सरकार के गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल जी से और एक नसीहत दी महात्मा गॉंधी ने केंद्र सरकार को की मेव मुस्लिम समुदायों के शिक्षा के उपर बल दिया जाए...
उससे इन मेव मुस्लिम परिवार की कट्टरता में कमी आयेगी और धीरे धीरे सामाजिक समरसता की विचार धाराओ से जुड़ जायेंगे मेव मुस्लिम समुदायों के लोग और इनसे भारत को कोई नुकसान नही होगा, लेकिन आज यही मेव मुस्लिमो के द्वारा हरियाणा में आक्रामक हिंसा कर महात्मा गाँधी जी के सामाजिक समरसता को तार तार कर दिया और पूर्व राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद जी के दूरदर्शी संवेदना आज दिखाई दे रहे हैं हरियाणा के सामाजिक सुरक्षा को लेकर।
भारत के हिंदुओ से विनम्र आग्रह करता हूँ जो भी सामाजिक व धार्मिक संगठन बनाए गए हैं हिंदू धर्म संरक्षको के द्वारा उसमें सामाजिक समरसता की जगह उदंडता का समावेश नही होना चाहिए नही भाषा से नही व्यवहार से क्योकि हम पवित्र सनातन हिंदू धर्म से है आक्रामकता हमारे मूल धर्म नही है और आक्रामकता कब होनी चाहिए जब देश के संविधान के अनुरूप कोई कार्य में बाधा डालने की प्रयास कर रहे हैं उस वक्त प्रोटेस्ट कर देश राज्य की सरकार व देश के न्यायालयों को जगाना चाहिए कि भारत में हिंदू धर्म के शांति को भारत में भंग कौन सा धर्म के लोगों के द्वारा किया जा रहा है उस पर कानून की कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए..
अभी हरियाणा के हिंसा को लेकर हिंदू धर्म संरक्षक संगठन संपूर्ण भारत में विरोध जताया और कुछ गलत मानसिकता से राजनीति करने वाले नेता इस विरोध को रोकने का प्रयास किया कोर्ट के माध्यम से लेकिन भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एक टुक में कह दिया की प्रोटेस्ट करना उसका अधिकार है और उसे रोका नही जा सकता बल्कि उनके सुरक्षा हेतु सुरक्षा मुहैय्या कराई जाए और उनके प्रोटेस्ट मे गलत गति विधि को रोकने के लिए वीडियोग्राफि या अन्य उपकरणों के माध्यम से निगरानी किया जाना चाहिए यही हम हिंदू धर्म संस्कृति संस्कार की बहुत बड़ी जीत है जो देश के सुप्रीम कोर्ट हमारे हिंदू धर्म की प्राधमिकता को समझता है...
इसलिए सभी भारतीय हिंदुओ से आग्रह करता हूँ उन्माद फैलाने वाले धार्मिक नेताओं का बहिष्कार करें ताकि भारत में शांति बना रहे और हमारे सनातनी हिंदुओ की धर्म सभ्य संस्कृति सभ्यता देश देशांतर में उदयमान रहे और हम हिंदू धर्म के लोग ही हिंदुस्तान की रक्षा करने हेतु प्रतिबद्ध है और देश के संविधान की भी रक्षा करना हम सभी भारतीय हिंदुओ की दायितत्व बनती हैं, क्योकि सत्य कभी हारता नहीं।
भारतीय मुस्लिम सामाजिक धार्मिक मुसलमानों से व आपके नेताओं से भी विनम्र आग्रह करता हूँ, जो भी मुस्लिम धर्म संगठन में उन्माद फैलाने वाले कुछ विवेक हिन धार्मिक व राजनीतिक नेताओं के विवेक हीन बातों को लेकर आप मुस्लिम समाज के लोग हजारों के संख्या में इकट्ठे होकर अपने घर परिवार के इर्द गिर्द रहने वाले बेगुनाह अपने ही हिंदू भाई बहनो को आहत करना आप मुस्लिम धर्म के कुछ लोगों की कोई बहादुरी नही है...
बल्कि यह आपके धर्म संस्कृति के सम्मान को गिराने वाली बात है जो देश दुनिया के नजरो में हिंसा फैलाने वाले धर्म के नाम से जाना जायेगा और संदेह के नजरो से देखा जायेगा और देश क्या विदेश में भी आपके हिंसातत्मक प्रवित्ति के कारण आपको सम्मान नही मिलेगा जबकि सामाजिक समरसता ही सबसे बड़ा सम्मान है, जिससे संपूर्ण भारत को सर्व धर्म एकता के भाईचारे को देखते हुए विदेशी लोग हम सभी देशवासियों को एक सूत्र के माला मे पिरोए उस फूल की तरह देखते हैं...
और हममें कोई मतभेद नही रह जाता केवल हम एक भारतीय रह जाते हैं और यही भारत की एकता हम सभी धर्मो के लोगों को देश दुनिया में सम्मान देती है, जिसको आप सर्व धर्म भारतीय लोग एकता बरकरार नही रखोगे तो क्या अपने ही देश में हिंसा फैलाकर अपने ही देश के भाई बहनो के साथ साथ देश के व देश के लोगों का संपत्ति को लूटना व हिंसा के आग में भस्म कर देना और इस हरकत के लिए आपको जेल मे सजा भुगतना ये कौन सा उपयुक्त आपका धर्म रक्षा करने का नियम है, जबकि देश में आपके धर्म नियम कानून से देश नही चलता बल्कि देश संविधान के कानून नियम से चलता है।
भारत में सर्व धर्म एकता संगठन का गठन किया जाना चाहिए, ताकि सभी धर्मों के लोग इस सामाजिक सामूहिक संगठन से जुड़कर अपने धर्म के सम्मान की रक्षा कर सकें। धर्म की एकता को तोड़ने वाले धार्मिक और राजनीतिक नेताओं का भी बहिष्कार होना चाहिए ताकि सभी धर्मों की शांति चाहने वाले लोगों के माध्यम से देश में अशांति और हिंसा फैलाने वाले लोगों की पहचान की जा सके और सर्व धर्म एकता संगठन इन उपद्रवियों को दंडित करेगा। देश के संविधान के माध्यम से हम अपने धर्म की गरिमा को बचा सकते हैं, क्योंकि कुछ धर्मों के लोग देश में हिंसा करते हैं, तो क्या आप उस धर्म के कुछ उपद्रवियों के कारण पूरे धर्म समाज के लोगों को गलत नहीं कह सकते ?