किसान आंदोलन खत्म: संयुक्त किसान मोर्चा ने किया ऐलान.... सिंघु बॉर्डर से हटने लगे टैंट.... सरकार ने SKM को भेजे हैं ये प्रस्ताव.... हर महीने 15 तारीख को होगी SKM की बैठक....




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नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन को खत्म करने का ऐलान कर दिया है। कृषि कानूनों की वापसी के बाद किसानों की बाकी मांगों पर भी सरकार की तरफ से पुख्ता भरोसा मिलने के बाद किसान आंदोलन खत्म हो गया है। 15 दिसंबर से किसान अपने घरों को लौट जाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा के बाद आंदोलन वापसी की घोषणा की गई। सरकार की तरफ से कृषि सचिव के हस्ताक्षर वाली चिठ्ठी किसान मोर्चा को भेजी गई। बैठक के बाद किसान मोर्चा के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सभी किसान नेता 13 दिसम्बर को स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने अमृतसर जाएंगे।
बैठक के बाद किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा कि हम अहंकारी सरकार को झुकाकर जा रहे हैं। दिल्ली की सीमाओं पर पिछले एक साल से ज्यादा वक्त से किसान आंदोलन कर रहे थे। किसान नेताओं ने कहा कि आंदोलन खत्म नहीं हुआ स्थगित हुआ है। मोर्चे खत्म हो रहे हैं। 11 दिसम्बर से घर वापसी होगी। संयुक्त किसान मोर्चा बरकरार रहेगा। हर महीने 15 तारीख को बैठक होगी। गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि 15 जनवरी को बैठक बुलाई गई है, जिसमें सरकार ने वादे किए हैं उसकी समीक्षा करेंगे। अगर वादे पूरे नहीं हुए तो फिर से आंदोलन कर सकते हैं।
किसान मोर्चा ने कहा कि हम हेलिकॉप्टर हादसे में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देते हैं। हन्नान मोल्लाह ने कहा कि आजादी के बाद का सबसे बड़ा आंदोलन रहा। सबसे शांतिपूर्वक आंदोलन रहा है। सरकार की तरफ से भेजे गए प्रस्ताव में स्पष्ट किया गया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बनी समिति में सरकार एसकेएम के सदस्यों को शामिल करेगी। साथ ही उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा की सरकारें किसानों के खिलाफ दर्ज मामले तुरंत प्रभाव से वापस लेने पर सहमत है। दिल्ली में किसानों के खिलाफ दर्ज मामले भी वापस लिए जाएंगे।