नया सियासी बवाल: कांग्रेस विधायकों के बेटों को मिली सरकारी नौकरी.... कैबिनेट मंत्री के दामाद बने इंस्पेक्टर.... कैबिनेट की बैठक में लिया गया फैसला…. विपक्ष ने खोला मोर्चा.....

नया सियासी बवाल: कांग्रेस विधायकों के बेटों को मिली सरकारी नौकरी.... कैबिनेट मंत्री के दामाद बने इंस्पेक्टर.... कैबिनेट की बैठक में लिया गया फैसला…. विपक्ष ने खोला मोर्चा.....

 

पंजाब। पंजाब में सियासी बवाल मच गया है। पंजाब कांग्रेस में जारी अंतर-कलह के बीच शुक्रवार को हुई पंजाब कैबिनेट की बैठक में राज्य के दो विधायकों और एक कैबिनेट मंत्री के बेटों को सरकारी नौकरी मिलने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई। विपक्ष ने सरकार पर हमला बोलते हुए इसे नौकरियों की बंदरबांट बताया है। पंजाब सरकार करोड़पति विधायकों के बेटों और दामाद को नौकरी देने के मामले में फंस गयी है। पिछले दिनों कैबिनेट की बैठक में दो विधायकों के बेटों को राज्य सरकार ने नौकरी देने का फैसला लिया था, वहीं एक विधायक के दामाद को नौकरी दी गयी है।

 

पंजाब के कैबिनेट मंत्री गुरप्रीत कांगड़ के दामाद को एक्साइज विभाग में इंस्पेक्टर नियुक्त कर दिया गया। वहीं, कांग्रेस विधायक राकेश पांडे के बेटे को नायब तहसीलदार के पद पर नियुक्ति दे दी गई। प्रताप सिंह बाजवा के भाई और कांग्रेस विधायक फतेह जंग बाजवा के बेटे को भी पंजाब पुलिस में इंस्पेक्टर के पद पर नियुक्त कर दिया गया। इन तीनों को नौकरी का ऐलान करते हुए सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दलील दी कि इन परिवारों ने प्रदेश के लिए कुर्बानी दी है और आतंकवाद के दौर में इन परिवारों ने अपने लोगों को खोया है। उन्होंने ये भी कहा कि पंजाब सरकार की पॉलिसी के हिसाब से नियमों के मुताबिक नौकरी पाने के हकदार हैं और उसी के एवज में इनको ये नौकरियां दी गई हैं।

 

सांसद प्रताप सिंह बाजवा के भतीजे और विधायक फतेहजंग बाजवा के बेटे अर्जुन प्रताप सिंह बाजवा को पंजाब पुलिस में इंस्पेक्टर (ग्रेड-2) और विधायक राकेश पांडे के बेटे भीष्म पांडे को राजस्व विभाग में नायब तहसीलदार नियुक्त किया गया। इस प्रस्ताव को विपक्षी दलों के कड़े विरोध के बावजूद मंत्रिमंडल ने सिर्फ तीन मिनट में पारित कर दिया। आधिकारिक बयान के मुताबिक, एक विशेष मामले में मंत्रिमंडल की बैठक में अर्जुन प्रताप सिंह बाजवा को पंजाब पुलिस में निरीक्षक (ग्रुप बी) और भीष्म पांडे को राजस्व विभाग में नायब तहसीलदार (ग्रुप बी) के पद पर नियुक्त करने का निर्णय लिया गया।