एक स्कूल ऐसा भी: इस स्कूल में बच्चों को दिए जाते हैं बिजली के झटके.... बच्चों को इलेक्ट्रिक शॉक देने का मामला पहुंचा कोर्ट.... कोर्ट ने जो कहा.... जान हो जाएंगे हैरान.....




डेस्क। अमेरिका का एक स्कूल इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है क्योंकि यहां बच्चों को बिजली का करंट दिया जाता है। इसके बाद यह मामला कोर्ट पहुंच गया और कोर्ट ने भी इस मामले में अपने हाथ खड़े कर दिए। कोर्ट ने कहा कि फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन रोटनबर्ग एजुकेशन सेंटर को Graduated Electronic Decelerator यूज करने से नहीं रोक सकता। क्योंकि यह एकमात्र अंतिम उपाय का उपचार है।
स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन ने भी एक स्टेटमेंट जारी की। उन्होंने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और कहा कि शारीरिक प्रतिबंध और ज्यादा हैवी दवाइयों से ज्यादा इलेक्ट्रिक शॉक दिए जाने को प्रेफर करते हैं। रोटनबर्ग सेंटर का दावा है कि वो प्रशासनिक मंजूरी के बाद भी बच्चों को इलेक्ट्रिक शॉक देते हैं। उनके माता-पिता और लोकल जज से इसको लेकर मंजूरी ली जाती है। कोर्ट ने अपने स्टेटमेंट में कहा है कि इस ट्रीटमेंट के साथ वो लोग अपने परिवारवालों से मिल सकते हैं और ज्यादा जरूरी ये है कि वो खुद को नुकसान ना पहुंचाए और गुस्सा भी कम करें।
बता दें कि इस स्कूल में बीते कई वर्षों से व्यवहार समायोजन के लिए स्पेशल बच्चों को इलेक्ट्रिक दिए जा रहे हैं। यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स का कहना है कि इस मेडिकल डिवाइस को बैन करना वैधानिक अधिकार का अभाव है। वहीं आलोचकों ने इसे काफी असभ्य और गवारू तरीका बताया है। वहीं कुछ बच्चों के पेरेंट्स का कहना है कि बिजली के झटके ही उनके बच्चों को बचाने में लाइफ सेविंग ट्रीटमेंट साबित हुए हैं और ये ही उनपर कारगर साबित हुए हैं।
कोर्ट ने यह भी कहा कि इस ट्रीटमेंट के साथ वो लोग अपने परिवारवालों से मिल सकते हैं और ज्यादा जरूरी ये है कि वो खुद को नुकसान ना पहुंचाए और गुस्सा भी कम करें। इससे पहले भी इसी मुद्दे पर कोर्ट में ऐसा मामला आया था, उस दौरान एक वीडियो भी सामने आया था। इसके बाद एफडीए ने साल 2016 में सबसे पहले इस बिजली का झटका देने वाले डिवाइस को बैन करने की मांग की थी। उन्होंने इसका नियम भी बताया था। बीते साल भी GED को लेकर कोर्ट में ऐसा मामला आया था। एक भयानक वीडियो भी सामने आया था। एफडीए ने साल 2016 में सबसे पहले इस बिजली का झटका देने वाले डिवाइस को बैन करने की मांग की थी। उन्होंने इसका फाइनल रूल बीते वर्ष पब्लिश किया। हालांकि अभी तक इसपर बैन नहीं लगा है।