CG BEMETARA फर्जी शिक्षक: सहा शिक्षक एल बी फर्जी बी एड प्रमाणपत्र के सहारे कर रही है नौकरी...मामला प्राथमिक शाला बीजा गोंड़ विकासखंड साजा का...सन 2008 और 2015 मे हो चुकी है बर्खास्त...न्यायालयीन ऑर्डर के विपरीत है पुनर्नियुक्ति आदेश ... अधिकारियों का है खुला सरंक्षण




संजू जैन जिला ब्युरो
(7000885784)
बेमेतरा(साजा):प्राथमिक शाला बीजागोंड विकासखंड साजा में पदस्थ सहा शिक्षक एल बी श्रीमती चंदा सिन्हा की नियुक्ति सन 2007 मे शिक्षा कर्मी वर्ग 03 के रूप में सीईओ जनपद पंचायत साजा के द्वारा प्राथमिक शाला घोटवानी मे हुई थी सन 2008 की जांच में उनका बी एड प्रमाण फर्जी पाया गया था नियोक्ता द्वारा बर्खास्तगी मे जानबूझकर कर नियमो का पालन नही किया गया था
ताकि उनको कोर्ट से लाभ मिल जाए और हुवा भी यही माननीय न्यायालय ने बर्खास्तगी मे नैसर्गिक न्याय का पालन नही होने का उल्लेख किये थे जिसे सन 2008 में तत्कालीन सीईओ जनपद पंचायत द्वारा कोर्ट के आर्डर के विपरीत जाकर स्टे मिलने का हवाला देकर स्थाई रूप से नियुक्ति दे दिया 02 मई 2016 को शिक्षक संघ के तत्कालीन अध्यक्ष नारद सिंह राजपूत ने चंदा सिन्हा के गलत नियुक्ति का प्रमाणित शिकायत किये नियुक्ति संबंधित अभिलेखों को आर टी आई के माध्यम सत्यापन कराए जाने पर प रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी ने चंदा सिन्हा के बीएड प्रमाण पत्र को एक बार फिर फर्जी साबित किये थे तब चंदा सिन्हा एकबार फिर बर्खास्त हुई बर्खास्तगी उपरांत चंदा सिन्हा एक बार फिर कोर्ट की शरण गई इस बार भी नियोक्ता/ जांच अधिकारी द्वारा बर्खास्तगी में पंचायत राज अधिनियम की धारा 07 के पालन नही होने का उल्लेख माननीय न्यायालय द्वारा किया गया एकबार फिर पुराने घटनाओं की पुनरावृत्ति करते हुए न्यायलयीन ऑर्डर के विपरीत जाकर सीईओ जनपद पंचायत साजा ने पुनर्नियुक्ति कर दिया गया जब दो दो बार चंदा सिन्हा का बीएड प्रमाण पत्र फर्जी साबित हो चुका है फिर भी वो किस बिना पर नौकरी कर रही है उस पर सवालिया निशान तो उठेगा ही ऐसे मामलों पर सन 2007 से ही अधिकारियों का रवैया फर्जीयो के प्रति काफी ढुलमुल रहा है चाहे अब तक के समस्त सीईओ जनपद पंचायत साजा सीईओ जिला पंचायत बेमेतरा का कार्यकाल और कार्यशैली देख ले सब बचने और बचाने का ही खेल खेल रहे थे अब अमूमन वही खेल डीईओ बेमेतरा भी खेल रहे है जब से शिक्षाकर्मियों का संविलियन हुवा है कई प्रमाणित शिकायत पत्र डीईओ कार्यालय में धूल खाते पड़ी है
जांच के नाम पर सिर्फ तमाशा होता है कार्यवाही की बारी जब आती है तो जानबूझकर फर्जीयो के लिए जगह छोड़ा जाता है ताकि उनको कोर्ट से राहत मिल जाये अभी तक माननीय न्यायालय का जितने भी ऑर्डर आया है उसमे किसी भी ऑर्डर में फर्जीयो को सही नही ठहराया है हर बार बर्खास्तगी के तरीके पर ही टिप्पणी किया गया उसके बाद अधिकारियों द्वारा अपने हिसाब से कोर्ट की परिभाषा परिभाषित कर पुनर्नियुक्ति दिए है
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अभी आपके माध्यम से जानकारी प्राप्त हुआ है इस मामले की जांच कराकर उचित कार्यवाही की जावेगी- *अरविंद मिश्रा जिला शिक्षा अधिकारी बेमेतरा*