महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन की दहाड़ से एकजुट हुआ सनातनी सिंधी समाज




-छत्तीसगढ़ पहुँची सनातन धर्म की मशाल
-राष्ट्रीय संरक्षक सन्त युधिष्ठिर लाल के सान्निध्य में सौपे गए 17 स्वरूप
रायपुर। अखिल भारतीय सिंन्धु सन्त समाज ट्रस्ट द्वारा जागृत की गई सनातन धर्म की मशाल इंदौर से प्रारम्भ होकर उज्जैन, बैरागढ़, भोपाल, सिवनी, सतना, अजमेर, जयपुर, भिलवाड़ा, कोटा, ब्यावर, जोधपुर, किशनगढ़, उल्हासनगर, नागपुर, कारंजा आदि अनेक नगरों से होती हुई छत्तीसगढ़ राज्य तक पहुंची। छत्तीसगढ़ राज्य की राजधानी रायपुर में श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी के 17 स्वरूप सिख समुदाय को सौपे गए। सनातनी सिंधी समाज पर कट्टर मानसिकता वाले निहंग सिखों द्वारा सिख रहत मर्यादा के नाम पर पिछले कुछ वर्षो से सिंधी टिकाणो (सनातन मंदिरो) में लगातार किये जा रहे हस्तक्षेप, माह जनवरी में इंदौर और पूर्व में नागपुर की घटनाएं और 12 जनवरी 2023 को पंजाब के निहंग सिखों द्वारा दी गयी खुलेआम धमकी ने पूरे सिंधी समाज मे रोष जागृत कर दिया। सिंधी सन्त समाज की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय सिंन्धु सन्त समाज ट्रस्ट द्वारा लिए गए निर्णय पर अमल करते हुए पूरे देश से श्री गुरु ग्रन्थ साहिब के स्वरूप सिख समुदाय को ससम्मान सौंपने की मुहिम चालू हो गयी। इंदौर मध्यप्रदेश में भीलवाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम महाराज द्वारा सनातन धर्म सभा के मंच से दहाड़ते हुए पूरे सिंधी समाज को सनातन धर्म मे दृढ़ रहने का आवाहन करने के बाद ये सिलसिला तेजी से मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र आदि राज्यों के अनेक छोटे बड़े नगरों से लम्बा सफर तय करते हुए आज छतीसगढ़ तक पहुँच गया। जहां शदाणी दरबार तीर्थ के संत डॉ. युधिष्ठिर लाल जी और छतीसगढ़ सिंधी साधु समाज के अध्यक्ष महंत स्वामी मनोहर लाल के सान्निध्य में रायपुर नगर के पूज्य शदाणी दरबार तीर्थ से 2 स्वरूप, शदाणी दरबार पंडरी से 3 स्वरूप, स्वामी मनोहरलाल उदासी द्वारा 01 स्वरूप, धनराज उदासी द्वारा 1 स्वरूप, साईं मुरलीधर उदासी द्वारा 2 स्वरूप, गोपी चंद जग्यासी द्वारा 4 स्वरूप, स्व. सभाग चंद परिवार द्वारा 1 स्वरूप, गिरीश उदासी द्वारा 2 स्वरूप, संजय ठाकुर द्वारा 1 स्वरूप, कुल मिलाकर श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी के 17 स्वरूप गुरुद्वारा श्री गुरु ग्रन्थ साहिब भवन, ईदगाह हिल्स, भोपाल से आये सिख सेवादारो को ससम्मान सौपे गए। इसके पूर्व सनातनी अरदास, शंख नगाड़ा ध्वनि और हरिनाम संकीर्तन के साथ विधिवत पूजन किया गया। इस अवसर पर संत डॉ. युधिष्ठिर लाल शदाणी, स्वामी मनोहर लाल उदासी, साईं मुरलीधर उदासी, जमना दास उदासी, हरीश जग्यासी, गौरव उदासी, गिरीश उदासी सहित समाज के प्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक और पुरुष महिलाएं उपस्थित रहे।