Reservation in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में 76 फीसदी आरक्षण पर फिर फंसा पेंच! आरक्षण पर राज्यपाल का यू-टर्न ! राज्यपाल ने पूछ लिया ये बड़ा सवाल….

छत्तीसगढ़ 76% आरक्षण पर फिर से पेंच फंस गया है। ऐसी हालत में जब कि आरक्षण संशोधन विधेयक की फाइल राज्यपाल के यहां पेंडिंग है वहीं अब राज्यपाल अनुसुइया उइके ने बड़ा सवाल पूछ दिया है। उन्होंने कहा है कि आखिर इस आरक्षण का आधार क्या है?

Reservation in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में 76 फीसदी आरक्षण पर फिर फंसा पेंच! आरक्षण पर राज्यपाल का यू-टर्न ! राज्यपाल ने पूछ लिया ये बड़ा सवाल….
Reservation in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में 76 फीसदी आरक्षण पर फिर फंसा पेंच! आरक्षण पर राज्यपाल का यू-टर्न ! राज्यपाल ने पूछ लिया ये बड़ा सवाल….

Reservation in Chhattisgarh lattest Update 

नया भारत डेस्क : राज्यपाल अनुसूईया उइके अन्य पिछड़ा वर्ग-OBC वर्ग को दिये गये 27% आरक्षण की वजह से आरक्षण विधेयकों पर हस्ताक्षर करने से हिचक रही हैं। राज्यपाल ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में कहा, मैंने केवल आदिवासी वर्ग का आरक्षण बढ़ाने के लिए सरकार को विशेष सत्र बुलाने का सुझाव दिया था। उन्होंने सबका बढ़ा दिया। अब जब कोर्ट ने 58% आरक्षण को अवैधानिक कह दिया है तो 76% आरक्षण का बचाव कैसे करेगी सरकार।(

Reservation in Chhattisgarh lattest Update आरक्षण को लेकर राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा कि मैं जानना चाहती हूं की रोस्टर की क्या तैयारी है। सरकार ने क्या आधार मानकर आरक्षण बढ़ाया है। हाईकोर्ट से निपटने सरकार की क्या तैयारी है। ऐसे में सरकार से पूरी जानकारी लेकर ही साइन करूंगी।

 

छत्तीसगढ़ 76% आरक्षण पर फिर से पेंच फंस गया है। ऐसी हालत में जब कि आरक्षण संशोधन विधेयक की फाइल राज्यपाल के यहां पेंडिंग है वहीं अब राज्यपाल अनुसुइया उइके ने बड़ा सवाल पूछ दिया है। उन्होंने कहा है कि आखिर इस आरक्षण का आधार क्या है?(Reservation in Chhattisgarh lattest Update )

 

बता दें कि धमतरी में आज राज्यपाल अनुसुइया उइके बोलीं कि यह मामला कोर्ट में जा सकता है, इसलिए तकनीकी जानकारी के बाद ही साइन करूंगी। राज्यपाल ने कहा कि सामान्य वर्ग के लोगों ने भी मुझे ज्ञापन दिया है। 58 प्रतिशत के उपर आरक्षण अवैधानिक हो रहा है, इसलिए 76 प्रतिशत पर सरकार क्या करेगी, इसकी जानकारी चाहिए होगा।(Reservation in Chhattisgarh lattest Update )

 

इस मामले में अब सियासी बयानबाजी भी शुरू हो गई है, राज्यपाल के बयान पर मंत्री कवासी लखमा ने कहा कहीं न कहीं उन पर दबाव होगा, आदिवासी हित के लिए राज्यपाल काम करती हैं, राज्यपाल महिला और आदिवासी हैं। उम्मीद है राज्यपाल जल्द हस्ताक्षर करेंगी। वहीं ST-SC विभाग के मंत्री प्रेमसाय टेकाम ने कहा कि जनसंख्या के आधार पर आरक्षण दिया गया है। राज्यपाल से हम आग्रह करते हैं कि वे हस्ताक्षर करें । राज्यपाल से हम जल्द ही मुलाकात करेंगे।

 

इनके अलावा पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि राज्य सरकार आरक्षण विधेयक जल्दबाजी में लाई। अब जब 76% आरक्षण के आधार की जानकारी राज्यपाल मांग रहीं हैं तो उनको इसकी जानकारी राज्य सरकार को देना चाहिए।

 

गौरतलब है कि ​मामले के​ विशेषज्ञों ने पहले ही भविष्यवाणी की थी ​कि 76 फीसदी आरक्षण का मामला उच्चतम न्यायालय में टिक नहीं पाएगा, लेकिन अभी तो न्यायालय तक मामला गया ही नहीं राज्यपाल ने ही बड़ा सवाल खड़ा कर दिया, अब ऐसे में इस विधेयक का भविष्य कितना होगा ये तो आने वाला समय ही बताएगा।