Gujarat Assembly Election 2022) को लेकर भाजपा (BJP) और कांग्रेस (Congress) की तैयारियां शुरू हो चुकी है।
Preparations for BJP and Congress have started regarding Gujarat Assembly Election 2022.




NBL,. 24/03/2022, Lokeshwer Prasad Verma,.. चुनाव इस साल के अंत तक होने हैं .वहीं गुजरात की सत्ता पर भाजपा पिछले 25 सालों से काबिज है. जबकि कांग्रेसी 27 सालों से गुजरात में वनवास झेल रही है पढ़े विस्तार से...।
. 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को काफी उम्मीदें हैं .गोधरा दंगे के बाद मुस्लिम मतदाता (Muslim Voters) का झुकाव सबसे ज्यादा कांग्रेस के तरफ था, लेकिन 2007 के बाद कांग्रेस की वोट बैंक में भाजपा ने भी सेंधमारी कर ली. वहीं 2012 के विधानसभा चुनाव में 20 प्रतिशत मुस्लिम मतदाताओं ने भाजपा को वोट किया. यही हाल 2017 के विधानसभा चुनाव में भी रहा. वहीं इस बार कांग्रेस मुस्लिम मतदाताओं पर अपनी खोई हुई पकड़ को मजबूत करने में जुट चुकी है. पूरे गुजरात में 25 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जो मुस्लिम बाहुल्य मानी जाती है.
गुजरात के इन जिलों में मुस्लिम मतदाता है निर्णायक..
गुजरात की राजनीति में मुसलमान मतदाताओं का 25 विधानसभा सीटों पर अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है. इन विधानसभा सीटों के परिणाम में मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका अदा करते हैं .गुजरात की शिक्षा करोड़ की जनसंख्या में 10 फीसदी मुस्लिम आबादी है. राज्य में अहमदाबाद ,पंचमहल ,खेड़ा, आनंद, भरूच, नवसारी साबरकांठा ,जामनगर और जूनागढ़ के इलाकों में मुस्लिम मतदाताओं का खासा प्रभाव माना जाता है. 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 6 मुस्लिम प्रत्याशी उतारे जिनमें से 4 में जीत दर्ज की. जबकि 2012 में केवल 2 मुस्लिम प्रत्याशी ने जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंचे.
भाजपा की तरफ बढ़े मुस्लिम मतदाता...
2017 के विधानसभा चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं का कांग्रेस की तरफ रुझान कम हुआ है .कांग्रेस को चुनाव में 6 फीसदी मुस्लिम वोट 2012 से कम मिले हैं. कांग्रेस को चुनाव में कुल 64 फीसदी मुस्लिम समुदाय से वोट मिले हैं. वहीं भारतीय जनता पार्टी को पिछले बार से 7 फीसदी ज्यादा मुस्लिम वोट आए हैं. 27 फीसदी मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भाजपा को वोट दिया है.
सीएसडीएस के आंकड़ो में भाजपा को बढ़त..
गुजरात विधानसभा चुनाव 2017 के प्रणाम के विश्लेषण के बाद सीएसडीएस के आंकड़ो में कांग्रेस ने कुछ अपने महत्वपूर्ण अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के वोट बैंक का नुकसान हुआ है. जबकि, नए लोगों को जोड़ने में भी कांग्रेस नाकामयाब रही. आदिवासी वोट दोनों पार्टियों में बंट गया और दलित समाज के भी एक बड़े वर्ग ने भाजपा को वोट किया. ऐसा कहा जा सकता है कि पार्टी का अन्य वर्गों में भी आधार पिछली बार की तुलना में बढ़ा है.
अहमद पटेल थे गुजरात से आखरी सांसद
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अहमद पटेल का भले ही निधन हो चुका है लेकिन वह गुजरात राज्य के आखिरी मुस्लिम सांसद थे. गुजरात से तीन बार लोकसभा सांसद और 6 बार राज्यसभा से सांसद चुने गए. लेकिन उनके बाद गुजरात में कोई दूसरा मुस्लिम सांसद लोकसभा नहीं पहुंच सका है. कांग्रेस को अहमद पटेल की कमी काफी खल रही है. अभी तक अहमद पटेल की कमी को पूरा भी नहीं किया जा सका है.
गुजरात में नहीं है कोई मुस्लिम मंत्री. ..
गुजरात राज्य में मुस्लिम मतदाताओं की आबादी 10 फ़ीसदी है लेकिन राज्य की विधानसभा में कोई भी मुस्लिम मंत्री नहीं है .हालांकि गुजरात एकमात्र राज्य है जहां पर मुस्लिम मतदाताओं का झुकाव भाजपा की तरफ भी है. खुद देश के गृह मंत्री अमित शाह का मानना है कि गुजरात में 20 फ़ीसदी मुस्लिम मतदाता भाजपा को मतदान करते हैं.