VIDEO: PM मोदी ने CG के मिलेट कैफे को सराहा... कैफे में मिलता है रागी से बना चीला, इडली, डोसा, मोमोज, पिज्जा और कोदो की बिरयानी... 9 माह में ही राष्ट्रीय स्तर पर मिली ख्याति... देखें वीडियो प्रधानमंत्री ने क्या कुछ कहा....
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रायगढ़ के मिलेट कैफे को सराहा 9 माह में ही राष्ट्रीय स्तर पर अपनी ख्याति बना चुका है रायगढ़ का मिलेट कैफे कैफे में मिलता है रागी से बना चीला, इडली, डोसा, मोमोज, पिज्जा और कोदो की बिरयानी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में मिलेट हब बन रहा है छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन से मिला मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ावा




PM Narendra Modi praised Millet Cafe in Raigarh Chhattisgarh, Millet Cafe made its name at national level in just 9 months, Ragi Cheela, Idli, Dosa, Momos, Pizza and Kodo Biryani are available in the cafe
रायपुर। रायगढ़ के नटवर स्कूल के पास एक मिलेट कैफे चल रहा है। यूं तो कई खूबियों के कारण यह अपने आप में अनूठा कैफे है। इस कैफे में रागी, कोदो, कुटकी जैसे मोटे अनाजों से बने लजीज व्यंजन परोसे जाते हैं। जिसमें स्वाद के साथ सेहत की जुगलबंदी होती है। इस कैफे को प्रदेश के पहले मिलेट कैफे होने का गौरव हासिल है, जिसके संचालन का जिम्मा पूरी तरह महिलाओं के हाथों में है। आज इसकी पहचान में एक नई खासियत जुड़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं अपने रेडियो कार्यक्रम ’मन की बात’ कार्यक्रम में इसका जिक्र कर इस मिलेट को बढ़ावा देने की पहल को सराहा। उन्होंने देशवासियों। से कहा कि जब छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जाने का मौका मिले तो मिलेट कैफे जाकर वहां के व्यंजनों का आनंद जरूर उठाएं। इस कैफे में रागी से बने पास्ता, चीला, इडली, मंचूरियन, मोमोज, पिज्जा, नूडल, दोसा, कोदो से बनी बिरयानी का स्वाद लिया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि मोटे अनाजों के उत्पादन और उपभोग को प्रोत्साहित करने के लिए वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट ईयर के रूप में मनाया जा रहा है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में रागी, कोदो, कुटकी जैसे मोटे अनाजों और लघु धान्य फसलों की पैदावार बढ़ाने, इनकी खरीदी की अच्छी व्यवस्था सुनिश्चित करने और इनकी प्रोसेसिंग कर इन्हें शहर के बाजारों तक पहुंचाने के लिए मिशन-मिलेट शुरू किया गया है। राज्य सरकार ने कोदो, कुटकी और रागी का समर्थन मूल्य तय करने के साथ-साथ राजीव गांधी किसान न्याय योजना के दायरे में इन्हें भी शामिल किया है। प्रदेश के 14 जिलों को इस मिशन में शामिल किया गया है। इसके लिए इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च हैदराबाद से एमओयू किया गया है। एमओयू के अंतर्गत इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च हैदराबाद छत्तीसगढ़ में कोदो, कुटकी एवं रागी की उत्पादकता बढ़ाने, तकनीकी जानकारी, उच्च क्वालिटी के बीज की उपलब्धता और सीड बैंक की स्थापना के लिए सहयोग और मार्गदर्शन दे रहा है।
छत्तीसगढ़ में कोदो, कुटकी, रागी की समर्थन मूल्य पर की जा रही है खरीदी
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में मिलेट्स को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में कोदो, कुटकी और रागी का ना सिर्फ समर्थन मूल्य घोषित किया गया अपितु समर्थन मूल्य पर खरीदी भी की जा रही है। इस पहल से छत्तीसगढ़ में मिलेट्स का रकबा डेढ़ गुना बढ़ा है और उत्पादन भी बढ़ा है। मुख्यमंत्री की पहल पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में विधायकों और मीडिया के लिए मिलेट्स से बने व्यंजनों को बढ़ावा देने के लिए दोपहर भोज का भी आयोजन किया जा चुका है। छत्तीसगढ़ में मिलेट कैफे भी प्रारंभ हो चुका है। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के नथिया-नवागांव में मिलेट्स का सबसे बड़ा प्रोसेसिंग प्लांट भी स्थापित किया जा चुका है। मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए गौठानों में विकसित किए जा रहे रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में मिलेट्स प्रोसेसिंग प्लांट लगाए जा रहे हैं।
सदियों पुराने सेहतमंद खानपान की शैली को फिर से मिल रहा प्रोत्साहन
कई पीढिय़ों से रागी, कोदो जैसे अनाज हमारे आहार का प्रमुख हिस्सा हुआ करता था। किंतु आज इनका उपयोग सीमित हो गया है। ये अनाज सेहत के लिए जरूरी बहुत से पोषक तत्वों से युक्त होते हैं। इस कैफे से लोगों को इन अनाजों से तैयार व्यंजन के रूप में सेहतमंद विकल्प मिलेंगे। इस मिलेट कैफे की शुरुआत मई 2022 में की गई है।
मिलेट कैफे से महिला उद्यमिता को मिल रहा है बढ़ावा
इस कैफे की शुरुआत जिला प्रशासन की पहल व सहयोग से हुआ है। इसका संचालन विकास संघ महिला समूह द्वारा किया जा रहा है। इसमें तकनीकी सहयोग महिला बाल विकास विभाग और ट्रांसफॉर्मिंग रूरल इंडिया फाउंडेशन द्वारा दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में पहली बार महिला स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए महिला समूहों के लिए मिलेट्स आधारित कैफे की शुरुआत की गयी है।