पीएम नरेंद्र मोदी आत्मा रूपी संविधान को बदलने की बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि आत्मा रूपी संविधान में संशोधन की बात कर रहे हैं. संविधान में नए नियमों में संशोधन से देश को नई दिशा मिलेगी और डॉ. भीमराव अंबेडकर के सपनों का नया भारत बनेगा.

PM Narendra Modi is not talking about changing the constitution in the form of soul,

पीएम नरेंद्र मोदी आत्मा रूपी संविधान को बदलने की बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि आत्मा रूपी संविधान में संशोधन की बात कर रहे हैं.  संविधान में नए नियमों में संशोधन से देश को नई दिशा मिलेगी और डॉ. भीमराव अंबेडकर के सपनों का नया भारत बनेगा.
पीएम नरेंद्र मोदी आत्मा रूपी संविधान को बदलने की बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि आत्मा रूपी संविधान में संशोधन की बात कर रहे हैं. संविधान में नए नियमों में संशोधन से देश को नई दिशा मिलेगी और डॉ. भीमराव अंबेडकर के सपनों का नया भारत बनेगा.

NBL, 18/08/2023, Lokeshwer Verma, Raipur CG: PM Narendra Modi is not talking about changing the constitution in the form of soul, but he is talking about amending the constitution in the form of soul. By amending the new rules in the constitution, the country will get a new direction and a new India of Dr. Bhimrao Ambedkar's dreams will be created. पढ़े विस्तार से.... 

भारत देश की संविधान विश्व का सबसे बड़ी संविधान है जिस संविधान को हम भारतीय शरीर का आत्मा कह सकते है, और आत्मा को आप नष्ट नहीं कर सकते भारतीय रूपी शरीर से आत्मा को अलग नही कर सकते क्योकि यह संविधान हम भारतीयो की जान है सर्व धर्म लोगों के अपने धर्मो से भी बड़ा धर्म देश का संविधान है, जो संविधान हमें अपने हक देने का ताकत रखती हैं...  क्योकि यह संविधान रूपी आत्मा को आप जितना अच्छे से देखभाल करेंगे उतना ही आत्मा रूपी संविधान आपका सबल होते है, हम मनुष्य इसलिए खान पान योग व्यायाम  को अपनाते है अपने आत्मा को शुद्ध रखने के लिए हम हर वह उपाय करते हैं ताकि आत्मा के अच्छे होने से हमारा शाररिक संरचना सही रहे, इसलिए शरीर को बचाये रखने के लिए आत्मा का सही से रखरखाव जरूरी है वैसा ही आत्मा रूपी संविधान के नियमो के माध्यमो से कुछ गड़बड़ियों को संसोधन कर सुधार कर सकते हैं और पुरानी जो भी विकृतियाँ है नियमो में उनको आप बाहर कर सकते है इस प्रकार के उपाय करने से आपका संविधान रूपी आत्मा सुरक्षित रहेगा।जैसे सर्व धर्मो के लोगों की धार्मिक पवित्र ग्रंथ है और उसका रचना शुद्ध रूपी आत्मा के द्वारा किया गया है, अपने ईष्ट रूपी देवो आत्मा के प्राथमिकता को जान सके और उनको प्राप्त कर अपने धर्म के बनाये नियमो के हिसाब से चल सके बस नियम धीयम सर्व धर्मो के मानने वाले लोगों की अलग अलग है लेकिन सभी धर्मो के लोग अपने मोक्ष की कामना करते हैं अपने धर्मो के नियमो के हिसाब से। लेकिन मोक्ष प्राप्त करने के लिए अलग अलग विधान के नियम हो सकते है अपने उस ईष्ट के नियमो में चलकर उनके आर्शीवाद प्राप्त कर अपना विकास कर सकते हैं, वैसा ही देश के संविधान रूपी ईष्ट है जिसके नियम धीयम विधान के अनुसार सर्व धर्मो के लोगों की रक्षा बिना भेद भाव के एक समान हमारे भारतीय संविधान करती है।अब एक सवाल उठ खड़े हो रहे है देश वासियों के मन में कि जब देश में संविधान है तो संविधान बदलने की बात आखिर पीएम नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा क्यों की जा रही है? और इस विषय पर बुद्ध धर्म के अनुयायी और जो लोग डाक्टर भीम राव अम्बेडकर जी को अपना भगवान स्वरूप मानते हैं वैसे लोगों के मनो में उल्टा सीधा विचार देश के अंदर चल रहे है और देश के विपक्षी दलों के कुछ राजनीतिक नेताओं ने तो यह कह दे रहे है कि पीएम नरेंद्र मोदी सरकार दलित विरोधी है इसलिए संविधान बदलने की बात कर रहे हैं ऐसा राजनीति इन विपक्षी दलों के नेताओं की चल रहा है देश के अंदर जो निराधार आरोप है। जबकि पीएम नरेंद्र मोदी सरकार संविधान के अंदर जो नियम बनाए गए है वह आज के विकास शील भारत के लिए उचित नियम नहीं है जो पहले के दशक में उचित रहा होगा लेकिन कुछ आज संविधान के नियमो को बदलने की जरूरत है और यह आज के भारत के हिसाब से होगा तो ही हर भारत वासी को इसका फायदा मिलेगा बहुत से नियम संविधान में इतना पुराना है जो आज तक किसी सरकार ने संसोधन नही किया जबकि देश के विकास के लिए बहुत पहले कर देना था जैसे कुछ पुराने नियम के कारण कई लोगों को पीढी दर पीढी कोर्ट कचहरी का चक्कर लगाने के बावजूद उचित समय में उनको न्याय नही मिल पाता ऐसे कुछ संविधान में पुराने नियम है उसको हमको बदलना होगा... 

ये कहा देश के पीएम नरेंद्र मोदी सरकार ने और यह भी कहाँ जो आजके संविधान के कुछ नियम है वह नियम कुछ अंग्रेज ब्रिटिश साम्राज्य के समय का नियम है जो आजके स्वतन्त्र भारत के देशवासियों के लिए उचित नहीं है और जब हम उन अग्रेजो के गुलामी के जंजीरो को तोड़ चुके है तो हम अपने पवित्र रूपी संविधान के नियमो में अंग्रेजो के नियम को क्यो स्थान दे जो हम भारत वासियों के लिए आज बिल्कुल निराधार है जबकि यह अंग्रेजो के नियम हमारे संविधान के पवित्रता को अपवित्र कर रहे हैं... 

बाकी हमारे सम्मानीय संविधान निर्माता डाक्टर भीम राव अम्बेडकर जी ने संविधान कानून बनाए है देश के हित में वह नियम कानूनों को हम बदलने वाले नही है बस कुछ नया भारत के हिसाब से परिवर्तन करना है देश के पवित्र संविधान के कुछ नियमो को जो डाक्टर भीम राव अम्बेडकर जी के लिखी संविधान सम्मान को नित नये नीति से आगे बढ़ाने का हम प्रयास कर रहे हैं जो पूर्ण भारतीय देशी संविधान है जो अम्बेडकर जी चाह रहे थे और हम उन अंग्रेजो के नियम को अपने संविधान से पूर्ण रूप से हटा देंगे यही हमारे भारतीयो के लिए संपूर्ण आजादी होगी जो खुद चाह कर भी अम्बेडकर जी नहीं हटा पाए थे.. 

कांग्रेस के राजनीतिक दबाव के कारण क्योंकि अंग्रेज शासन का कुछ नियम कांग्रेस के लिए उचित नियम था देश वासियों को दबाने के लिए और देश को अपने आप से चलाने के लिए उन अंग्रेजो जैसे कड़े फैसले लेकर उनके हितों को ध्वस्त कर अपने नियमो के अनुसार चलने के लिए बाध्य करते थे देशवासियों को इसमें से एक नियम पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी का एमरजेंसि है जो अंग्रेजो के नियम मौजूद है जो कितनो देश वासियों को नुकसान हुआ जो नियम आज भी संविधान में मौजूद है जो कुछ नियम इतना घातक है जो संपूर्ण भारत के विकास को विनाश में बदल सकते हैं कुछ सरफिरे किस्म के राजनीति करने वाले नेताओं के द्वारा कुछ नियमो का दुरूपयोग कर सकता है भारत को घोर संकट मे डाल सकता है जो गलत नियम है संविधान रूपी पवित्र ग्रंथ में से उसे हटाना अतिआवश्यक है जिससे देश का विकास होगा और देश के लिए गलत मानसिकता रखने वाले लोगों के उपर नकेल कसा जायेगा चाहे दुनिया के किसी कोने में छिप जाए लेकिन भारत के संविधान से उसे कोई नहीं बचा सकता। 

जबकि डाक्टर भीम राव अम्बेडकर जी के पवित्र संविधान में आज भी अम्बेडकर जी के पवित्र नियम को आज भी दाग लगा हुआ है जो चाह कर भी नहीं हटा पाए थे हमारे सम्मानीय डाक्टर भीम राव अम्बेडकर जी और भारत को सर्व सुखाय सर्व हिताय के एकीकरण का मूल मंत्र दिया है जो सर्व धर्मो के लोगों को एक साथ जोड़ने व उनके रक्षा करने का सामर्थ्य रखती है, और उनके द्वारा रचित संविधान गौतम बुद्ध के विचारों के उपर लिखी गई है जो एक दम पवित्र है।

क्योकि संविधान के नियम तो कोई भी बदल सकता हैं सर्व संसदीय सहमति से लेकिन डाक्टर अम्बेडकर साहब जैसे उच्च विचार रखकर नया संविधान नहीं बना सकता ये उस महापुरुष की आत्म अनुभूति का संविधान संरचना है जो छोटे से छोटे विषयों को ध्यान में रखते हुए संविधान के नियम में समाहित किया है जिसको हम आप सोचे तो हमारे दिमाग के दायरे से बाहर है, क्योकि इस संविधान की रचना के लिए ही पैदा हुआ था डाक्टर भीम राव अम्बेडकर जी और कोई दूसरा रचना कार नही हो सकता भारतीय संविधान की अगर डाक्टर भीम राव अम्बेडकर जी के नाम व उनके आत्मा रूपी संविधान को मिटाने की कोशिश करने का प्रयास किया गया तो मानो भारत का विनाश संभव है, क्योकि वह गरीब दलित और पीड़ित व्यक्ति होते हुए भी अपने शिक्षा बल से अपने आप को संपूर्ण राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित कर दिया और दुनिया को दिखा दिया भारत की ताकत को एक दलित पीड़ित शोषित समाज के व्यक्ति अपने उच्च शिक्षा व अपने आत्म बल से भारत कि रक्षा करने में सक्षम है।इसी के साथ पीएम नरेंद्र मोदी सरकार सर्व धर्मो के हित में एक स्लोगन दिया सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास के साथ और पीएम मोदी के द्वारा किया गया बहुत से जनहित कार्य संविधान निर्माता डाक्टर भीम राव अम्बेडकर जी के सपनों को साकार करने के लिए अहम भूमिका निभाई है जो सबको समान न्याय के तहत सभी देशवासियों को समान रूप से पीएम नरेंद्र मोदी सरकार के सभी योजनाओ का समान रूप से फ़ायदा मिल रहा है।

कुछ योजनाएं इनके आनलाईन है वैसा ही संविधान के कुछ नियमो को तत्काल प्रभाव के लिए आँनलाईन करने के लिए नया सिस्टम बनाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी सरकार आगे कदम बढ़ा रहे हैं। और कुछ संविधान के नियमो को इस लिए बदलना चाहते हैं जो कोर्ट के जज या कोर्ट के वकीलो की कुछ कमियां को दूर कर संविधान अपने आप के नियम से काम करने लगेगा किसी भी मुवक्किल को तारीख पर तारीख से नही गुजरना पड़ेगा और अन्य उनके अपने कामो में उनको रुकावट पैदा नही कर पायेगा इतना सरल बनाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी सरकार आगे बढ़ रहा है।

बहुत से नियम है देश के संविधान में जो केवल राजनीति व व्यापारियों को फायदा मिल रहा था अपने खुद के दबदबा से उससे भी आम जन मानस को निजात व उनको तत्काल फायदा मिलेगा एक को माँ और एक को मौसी वाले दुर्व्यवहार से नहीं गुजरना पड़ेगा। संविधान के नये नियमो से देश के अंदर न्याय व्यवस्था के अंदर हो रहे भ्रष्टाचार रुक जायेंगे और अपाहिज हो जायेंगे जो संविधान के कानूनों को अपना रखैल समझ रहा था उनके इस गलत कृत्य पर ताले लग जायेंगे और संविधान के कानून बिना भेद भाव के समान रूप से काम करेगा। और यही ना चाहने वाले लोग ही तो विरोध कर रहे है देश के अंदर और देश के लोगों को गुमराह मे डाल रहे हैं, जबकि पीएम नरेंद्र मोदी सरकार देश के संविधान को नहीं बदल रहे है बल्कि गलत नियमो को बदलकर देश के कानून नियम को टाइट कर रहे है जिससे डाक्टर भीम राव अम्बेडकर जी का सम्मान नई पीढ़ियों के दिलों में और घर कर लेवे उनके संविधान की रक्षा करने हेतु व हर भारतीयो के तन मन में आदर्श नीति से विकास की ओर गति शील हो सके यही तो डाक्टर भीम राव अम्बेडकर जी का सपना था जो अब हम पुरा करने के लिए तत्पर है, यही पीएम नरेंद्र मोदी सरकार की दृढ़ संकल्प है, भारत को विकास की ओर ले जाने की।