जन्माष्टमी के अवसर पर बाबा उमाकान्त महाराज ने बताया ईश्वर के दर्शन का रास्ता नामदान...




जन्माष्टमी के अवसर पर बाबा उमाकान्त महाराज ने बताया ईश्वर के दर्शन का रास्ता नामदान
पीथमपुर, इंदौर : विश्वविख्यात परम् संत एवं देश दुनियां में शाकाहार,सदाचार,नशामुक्ति के साथ जयगुरुदेव नाम से लोगों के कष्टों को दूर करने वाले उज्जैन के संत बाबा उमाकान्त महाराज ने रॉयल टाउन महू पीथमपुर रोड पर मौजूद विशाल जनसमूह को आशीर्वचन देते हुए उन्हें ईश्वर के दर्शन कराने वाले नाम का नामदान किया।
जन्माष्टमी किसकी याद में मनाते हैं द्वापर के महापुरुष कृष्ण की याद में मनाते हैं इस भारत भूमि पर जब-जब परेशानियां आती हैं जब-जब लोग दु:खी होते हैं तो कोई न कोई शक्ति आती है दुष्टों को सांघर करते हैं और सज्जनों की रक्षा करके उनके लिए सुख शांति का रास्ता खोज करके फिर वह शक्ति चली जाती है।
त्रेता और द्वापर के युग में महापुरुष कृष्ण भगवान और राम भगवान को लोग जानते हैं इन्होंने दोनों काम किया दुष्टों का संघार संजनों की रक्षा किया लेकिन जब कलयुग आया इसमें संतों का जब से प्रादुर्भाव हुआ इन्होंने संघार का काम नहीं किया।
यह काम तो औरों ने भी किया संतों ने केवल रक्षा करने का है काम किया सुख शांति का रास्ता मानव जीवन को सफल बनाने का काम किया है।
जिनकी जन्माष्टमी मनाया जाता है कृष्ण भगवान को भी आध्यात्मिक ज्ञान था कृष्ण भगवान ने दुष्टो का संघार करके और लोगों की रक्षा के लिए लोगों को सुख शांति दिलाने के लिए कुदरत के नियम को समझने के लिए कुदरत से बरकत दिलाने के का भी काम किया है।