विदेशी मीडिया बीबीसी अलजजीरा सीएनएन जो भारत में छोटी छोटी घटनाओं को इंटरनेशनल बना देते हैं वो बांग्लादेश में हिंदुओं पर हों रहें अत्याचार पर आख़िर चुप क्यों जानें पढ़े पूरी ख़बर

विदेशी मीडिया बीबीसी अलजजीरा सीएनएन जो भारत में छोटी छोटी घटनाओं को इंटरनेशनल बना देते हैं वो बांग्लादेश में हिंदुओं पर हों रहें अत्याचार पर आख़िर चुप क्यों जानें पढ़े पूरी ख़बर
विदेशी मीडिया बीबीसी अलजजीरा सीएनएन जो भारत में छोटी छोटी घटनाओं को इंटरनेशनल बना देते हैं वो बांग्लादेश में हिंदुओं पर हों रहें अत्याचार पर आख़िर चुप क्यों जानें पढ़े पूरी ख़बर

बांग्लादेश को लेकर अलजजीरा ने पिछले एक हफ्ते में दर्जनभर रिपोर्ट्स छापे हैं, लेकिन एक भी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र नहीं है, कि 'इस्लामिक क्रांति' करने वाले इस देश में हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं, जबकि यही अलजजीरा है, जो वाराणसी को लेकर ये रिपोर्ट प्रकाशित करता है, कि वहां के मुस्लिम कितने असुरक्षित हैं।

यही हाल बीबीसी और सीएनएन के हैं। बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ होने वाली हिंसा को विदेशी मीडिया ऑउटलेट्स ने ऐसे नजरअंदाज कर दिया है, मानो ये हर दिन की घटना है। हालांकि, पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों में हिंदुओं को हर दिन ही हिंसा का शिकार बनाया जाता है, लेकिन मजाल है, कि कोई विदेशी मीडिया ऑउटलेट हिंदुओं की आवाज बने।

और शायद यही वजह है, कि ऐसे मीडिया ऑउटलेट पर सवाल उठते हैं।

बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पीड़न को जिस तरह से वैश्विक मीडिया ने नजरअंदाज किया है, उसने लोगों के गुस्से को भड़का दिया है और इसके विरोध में हिंदुओं, यहूदियों और ईसाइयों ने लंदन में बीबीसी मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया है।

अलजजीरा जैसे कट्टरपंथी इस्लामिक मीडिया ऑउटलेट, जो पिछले लंबे वक्त से भारतीय हिंदुओं के खिलाफ नफरती मुहिम चला रहा है, उसे बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ होने वाले हिंसा से कोई मतलब नहीं है।

और यही हाल CNN का भी है, जो भारत में कथित मानवाधिकार उल्लंघन पर जोर जोर से चिल्लाता रहता है, लेकिन बांग्लादेश में हिंदुओं के मुद्दे पर इसने भी चुप्पी साध रखी है।

ऐसा लगता है, कि अगर इन्होंने हिंदुओं के खिलाफ हिंसा पर रिपोर्ट लिखी, तो इनका कथित सेक्युलर छवि टूटकर बिखड़ जाएगी। ऐसा लगता है, कि सेक्युलर होने का मतलब सिर्फ मुस्लिमों के खिलाफ होने वाली हिंसा को लेकर ही लिखना है और जो हिंदुओं के खिलाफ इस्लामिक देशों में मौजूद नफरत करेगा, वो सांप्रदायिक हो जाएगा!