अधिकारीयों के नाक के निचे कहीं तकनीकी सहायक तो कहीं रोजगार सहायक बन बैठा है ठेकेदार जिनके ऊपर है जांच परख की जिम्मेदारी वही कर रहे लापरवाही क्षेत्र में गुणवत्ता हीन निर्माण कार्यों को मिल रहा बढ़ावा पढ़ें पूरी खबर

अधिकारीयों के नाक के निचे कहीं तकनीकी सहायक तो कहीं रोजगार सहायक बन बैठा है ठेकेदार जिनके ऊपर है जांच परख की जिम्मेदारी वही कर रहे लापरवाही क्षेत्र में गुणवत्ता हीन निर्माण कार्यों को मिल रहा बढ़ावा पढ़ें पूरी खबर
अधिकारीयों के नाक के निचे कहीं तकनीकी सहायक तो कहीं रोजगार सहायक बन बैठा है ठेकेदार जिनके ऊपर है जांच परख की जिम्मेदारी वही कर रहे लापरवाही क्षेत्र में गुणवत्ता हीन निर्माण कार्यों को मिल रहा बढ़ावा पढ़ें पूरी खबर

बिलासपुर//क्षेत्र में ऐसे कई निर्माण कार्य संदेह के दायरे में हैं जिसकी गुणवत्ता पर लगातार प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं इसका सबसे बड़ा कारण है जिम्मेदारों द्वारा ही निर्माण कार्य करवाना क्षेत्र में जिसको गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य करवाने की जिम्मेदारी दी जाती है या दूसरे शब्दों में कहें तो अधिकारी को अपनी देखरेख में निर्माण करवाना होता है वही आजकल ठेकेदार बन बैठा कहीं रोजगार सहायक तो कहीं तकनीकी सहायक तो किसी गांव में खुद सरपंच ठेकेदार बन कर निर्माण कार्य करवा रहे हैं इसका सबसे बड़ा नतीजा यह होता है कि निर्माण कार्य प्रभावित होता है हितो के टकराव के चलते इन अधिकारियों कर्मचारियों या सरपंचो को ठेकेदारी करने का अधिकार नहीं होता पर ये दुसरो का बील लगा कर लगातार कार्य कर रहे है और पैसा बचाने के चक्कर में गुडवत्ता हिन् निर्माण करवा देते है आपने भी देखा होगा कई ऐसे निर्माण कार्य होता है जो कुछ दिनों या सालो में टूटना उखड़ना शुरू हो जाता है कुछ को तो आधा अधूरा कर  छोड दिया जाता है पर सवाल ये है की क्या उच्च अधिकारीयों को इसकी भनक तक नहीं होती की एक सरकारी कर्मचारी जो सरकार से लगातार पेमेंट ले रहा हो वो ठेकेदार बन कर कार्य कर रहा है जो कार्य की गुडवत्ता का जाँच परख करता वही अगर वही वेंडर बन जाये तो गुडवत्ता की बात तो भूल ही जाओ पर ऐसा क्षेत्र में लगातार हो रहा है कही रोजगार सहायक ठेकेदार बन गया है तो कही तकनीकी सहायक अब भला ऐसे निर्माण कार्यो की गुंडवत्ता की जांच कौन करेगा ये बड़ा सवाल है 

चलिए आपको ठेकेदार कौन बन सकता है किसको काम देना चाहिए या कैसा होना चाहिए उसके विषय में बताते है 


एक ठेकेदार बनने के लिए आपको शिक्षित होना आवश्यक होता है क्योंकि, इसमें बहुत सारी ऐसी जिम्मेदारियां सौंपी जाती है, जो एक शिक्षित व्यक्ति ही कर पाता है | इसके अलावा ठेकेदार बनने वाले व्यक्ति के खिलाफ किसी भी तरह की कानूनी कार्यवाही न की गई हो |  ठेकेदार बनने वाले व्यक्ति को ठेकेदारी सम्बंधित सभी जानकारी होनी चाहिए कि वह ठेकेदार बनकर कैसे किसी क्षेत्र में काम करा सकता है, कैसे उसके लिए सही फैसले ले सकता है | जिस व्यक्ति को इस प्रकार की सारी जानकारियां प्राप्त  होती है, वह व्यक्ति एक ठेकेदार बन सकता है और ठेकेदार के सारे कार्य अच्छे से करा सकता है क्योंकि, ठेकेदार द्वारा कराये गए कामो को इंजीनियर या किसी अधिकारी चेक करने के लिए आता रहता है | इसलिए एक ठेकेदार को अपने काम को दिए हुए समय के भीतर पूरी जिम्मेदारी के साथ करना होता है |