Akshaya Tritiya 2023: अक्षय तृतीया पर्व कल मनाया जाएगा.…अक्षय तृतीया पर बच्चों द्वारा रचाई जाती है गुड्डे-गुड़ियों की अनोखी शादी...गुलजार हुआ बाजार...सदियों से चली आ रही परंपरा...




छत्तीसगढ़ धमतरी शहर मे नगर व गांव गांव मे अक्षय तृतीया का पर्व 22 अप्रैल को मनाया जाएगा। छोटे छोटे बच्चे नगर व गांवों में लोग तैयारी में जुट गए हैं। वहीं धमतरी शहर में नगर व ग्रामीण अंचलों में मिट्टी से निर्मित गुड्डा-गुड़िया का बाजार सज चुका है। पूछपरख के साथ खरीदी भी शुरू हो गई। है। पर्व को लेकर खासकर बच्चों में ज्यादा उत्साह दिखाई देता है। अक्षय तृतीया पर्व को देखते हुए धमतरी शहर के गोला बाजार और वही नगरी मेंं दैनिक बाजार बस स्टेड सांकरा बस स्टैड बेलरगांव समेत कई चौक चौराह व बाजार गुडा गुडी सज गया है....
छत्तीसगढ़ की संस्कृति व परंपरा के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन बच्चे मिट्टी से निर्मित गुड्डा-गुड़िया का विवाह करते हैं। विवाह के लिए मंडप सजाकर बकायदा डारा कटाई, तेलमाटी, चूलमाटी, मायन, मौर सोंपाई, बारात, परघनी, भावर, टिकावन, विदाई आदि की रस्में निभाते हैं। इसके लिए नगर व गांवों में बच्चों के साथ बड़े भी तैयारी में जुट गए हैं...
त्रषि कुंभकार सीमत प्रजापति ने बताया कि बाजार की उचित व्यवस्था न होने से मिट्टी से निर्मित वस्तुओं को विक्रय के लिए महिलाएं चिलचिलाती धूप में बैठने के लिए मजबूर है। कई बार शासन-प्रशासन से मांग कर चुके है कि कुम्हार समाज के आजीविका के लिए पैतृक व्यवसाय को बारहमासी विक्रय के लिए छायादार उचित स्थान प्रदान "करें। लेकिन आज तक कोई अमल की मांग की है...
चुकी सामग्रियों की पूछपरख के साथ खरीदी भी शुरू हो गई है। इस वर्ष इन सामाग्रियों पर महंगाई की मार से कुम्हार परिवार भी अछूता नहीं है। मिट्टी को खरीदने से लेकर पकाने के लिए लकड़ी एवं रंग रोगन तक हर सामग्री में कीमतें पहले की अपेक्षा दोगुनी हो गई हैं। इसके कारण मिट्टी से बनी निर्मित गुड्डा-गुड़िया जो पहले 40 से 50 रुपये में मिल जाती थी, आज उसकी कीमत 60 से 100 रुपये तक हो गई है। वहीं साज सामाग्रियों के दाम भी बढ़े हैं। वहीं गरीबों का फ्रिज कहे जाने वाले मिट्टी से निर्मित मटका पहले 50 से 60 रुपये मिलता था। लेकिन वर्तमान में 100 से 120 रुपये तक बिक रहा है।