CG महाशिवरात्रि स्पेशल : विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग, युगों पुराने इस शिवलिंग की सबसे बड़ी खासियत ये है कि जमीन से निकला हुआ यह स्वयंभू शिवलिंग…अद्भुत है इस शिवलिंग की कथा...लगातार बढ़ रही है ऊंचाई, होती है दर्शन से मनोकामना पूरी…

CG महाशिवरात्रि स्पेशल  : विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग, युगों पुराने इस शिवलिंग की सबसे बड़ी खासियत ये है कि जमीन से निकला हुआ यह स्वयंभू शिवलिंग…अद्भुत है इस शिवलिंग की कथा...लगातार बढ़ रही है ऊंचाई, होती है दर्शन से मनोकामना पूरी…

रायपुर....छत्तीसगढ़ में एक ऐसा शिवलिंग है जिसे विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग कहा जाता है। भूतेश्वर महादेव के नाम से ख्यात यह शिवलिंग राजधानी रायपुर से 90 किमी दूर और गरियाबंद जिला मुख्यालय से 3 किमी दूर ग्राम मरौदा में पहाड़ियों के बीच स्थित है...यह जमीन से लगभग 85 फीट उंचा एवं 105 फीट गोलाकार है....

यह कि मान्यता...भूतेश्वर महादेव शिवलिंग स्वयं-भू शिवलिंग है, क्युकी इस शिवलिंग की उत्पत्ति व स्थापना के विषय में आज भी कोई सटीक तर्क मौजूद नहीं है। परंतु जानकारों व पूर्वजो के अनुसार कहा जाता हैं, कि इस मंदिर की खोज लगभग 30 से 40 वर्ष पहले हुई थी। जब चारो तरफ घने जंगल थे। इन घने जंगलो के बीच मौजूद एक छोटे से टीले से, आसपास के गाव वालो को किसी बैल के हुँकारने की आवाज़ आती थी। परंतु जब ग्रामीण वासियो द्वारा टीले पर जाकर देखा गया तो वहाँ न ही कोई बैल था और न ही कोई अन्य जानवर  ऐसी स्थिति को देख धीरे-धीरे ग्रामीण वासियो की आस्था उस टीले के प्रति बढ़ती गयी और उन्होंने उसे शिव का स्वरूप मानकर पूजा अर्चना आरंभ कर दी। तभी से वह छोटा सा शिवलिंग बढ़ते-बढ़ते विशालतम शिवलिंग का रूप ले चुका है। अब इसे भक्तो की आस्था कहे या भगवान ....

सावन मास में यहाँ आपको विशेष रूप से भक्तो की भीड़ नज़र आयेगी। भक्तजन दूर दूर से बाबा का चमत्कार देखने व दर्शन करने आते है। कावड़ियों के लिए यहाँ विशेष रूप से व्यवस्था की गयी है, इसके साथ ही साथ शिवरात्रि में यहाँ तीन दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता हैं। भूतेश्वर नाथ, पंच भूतो के स्वामी है और भक्तजन महाशिवरात्रि को यहाँ पहुँच कर अपने आप को काफी सौभाग्यशाली मानते हैं....

सावन के महीने में हर साल यहां भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। जहां दूर दूर से महादेव के भक्त उनकी अराधना करने पहुंचते हैं। इस जगह की मान्यता इतनी है कि यहां केवल छत्तीसगढ़ से ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों से भी भक्त पहुंचते हैं..इसके साथ ही सावन के दौरान प्रत्येक सावन सोमवार को कांवरिए भगवान को जल चढ़ाने सुबह से आने लगते हैं...

भूतेश्वर नाथ महादेव के पीछे भगवान शिव की प्रतिमा स्थित है, जिसमे भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश, भगवान कार्तिक, नंदी जी के साथ विराजमान है। इस शिवलिंग मे हल्की सी दरार भी है, इसलिए इसे अर्धनारीश्वर के रूप में पूजा जाता हैं। इस शिवलिंग का बढ़ता हुआ आकार आज भी शोध का विषय है।