CG Snake Rescue Video: मेडिकल कॉलेज अस्पताल में फन फैलाकर बैठा रहा नाग, सुबह नजर पड़ी तो मरीज और परिजनों के उड़े होश, फिर जो हुआ, देखें वीडियो......
Chhattisgarh Snake Rescue in Medical College Hospital watch video Chhattisgarh Snake Rescue Video, Korba




Chhattisgarh Snake Rescue Video
Korba: कोरबा जिले के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सैकड़ों मरीज परिजनों के साथ इलाज के लिए पहुंचते हैं। इनमे कई मरीजों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी जाती है जबकि गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज और उनके परिजन अस्पताल में ही ठहर जाते हैं। मरीजों को वार्ड में बिस्तर नसीब हो जाता है लेकिन परिजनों को घूम कर अथवा वार्ड में खाली जमीन पर सोकर रात बितानी पड़ती है। इस इस दौरान रेंगती मौत से शाम ना हो जाए तो मरीज और परिजनों का हाल क्या हो सकता है इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसा ही कुछ मंगलवार बुधवार की दरमियानी रात भी सामने आया। महिला वार्ड में मरीज और उनके परिजन गहरी नींद सोए हुए थे।
तड़के करीब 5:30 बजे आंख खुली तो परिजनों के होश उस वक्त उड़ गए, जब उनकी नजर कूलर के पीछे फल फैला कर बैठे नागराज पर पड़ी। यह खबर फैलते ही वार्ड में हड़कंप मच गया। आनन फानन वाइल्डलाइफ रेस्क्यू टीम कोरबा वन विभाग सदस्य जितेन्द्र सारथी को सूचना दी गई। उन्होंने अस्पताल पहुंचते ही सबसे पहले वार्ड को खाली कराया। इसके बाद फन काढ़ कर बैठे सांप को पकड़ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। उन्होंने मशक्कत के बाद सांप को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर रिलीज किया। तब कहीं जाकर मरीज और परिजनों ने राहत की सांस ली।
मरीजों का कहना था कि देर रात तक उनकी आंखें खुली हुई थी ,इस दौरान नाग कहीं से वार्ड के भीतर घुस गया। उस पर किसी की नजर नहीं पड़ी। पूरी रात वार्ड में रहने के बावजूद नाग ने किसी को नहीं डसा। इस घटना से एक बार फिर जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय की कहावत चरितार्थ हुई है। बहरहाल मरीज और परिजन स्नेक रेस्क्यू टीम प्रमुख को धन्यवाद देते नहीं थक रहे।
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में मरीज लोगों के लिए बिस्तर होना चाहिए कई बार देखा गया हैं बिस्तर के अभाव में मरीज़ यहां वहां भटकते रहता हैं, जिला प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की जरूरत हैं। जितेन्द्र सारथी ने वहा खड़े सभी लोगों को जागरुक करते हुए कहा कि जब भी कोई साप काटे बिना झाड़ फूंक करवाएं ज़िला हस्पताल पहुंचे ताकि सही समय पर इलाज होने पर जान बचाई जा सकें।