ITR Filling : टैक्सपेयर्स को मिलेगी बड़ी राहत! ITR फाइलिंग के लिए सरकार ने किया नियमों में बड़ा बदलाव, एक कॉमन आईटीआर फॉर्म किया पेश...जानिए कैसे मिलेगा इसका फायदा...
ITR Filling: Taxpayers will get relief! The government made a big change in the rules for ITR filing, introduced a common ITR form ... know how to get its benefit ... ITR Filling : टैक्सपेयर्स को मिलेगी राहत! ITR फाइलिंग के लिए सरकार ने किया नियमों में बड़ा बदलाव, एक कॉमन आईटीआर फॉर्म किया पेश...जानिए कैसे मिलेगा इसका फायदा...




Common ITR Form :
नया भारत डेस्क : अगर आप भी हर साल इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते हैं और अलग-अलग फॉर्म का चक्कर यदि आपको समझ नहीं आता तो यह खबर आपके लिए है. जी हां, वित्त मंत्रालय की तरफ से सभी टैक्सपेयर्स के लिए एकसमान आयकर रिटर्न (ITR) फॉर्म लाने का प्रस्ताव रखा है. नए फॉर्म में डिजिटल एसेट (Digital Assets) से होने वाली आमदनी को अलग से दर्ज किए जाने का प्रावधान होगा. इसके आने से टैक्स पेयर्स के लिए पहले से ज्यादा सुविधा रहेगी। (ITR Filling)
अभी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (Income Tax Return Filing) करने के लिए सबसे जरूरी है सही आईटीआर फॉर्म (ITR Form) का चुनाव। टैक्सपेयर्स को सात आईटीआर फॉर्म्स-ITR-1 से ITR-7 में से अपने लिए सही फॉर्म का चुनाव करना पड़ता है। टैक्सपेयर्स की आसानी के लिए Central Board of Direct Taxes (CBDT) ने इस बारे में कॉमन आईटीआर फॉर्म का ड्राफ्ट पेश किया है। उसने इसके बारे में आम लोगों सहित सभी स्टेकहोल्डर्स से राय मांगी है।
अभी सही आईटीआर फॉर्म का चुनाव करने के बाद टैक्सपेयर्स को सही तरीके से फॉर्म को भरना पड़ता है। इसमें काफी दिमाग और मेहनत लगती है। सीबीडीटी के सर्कुलर के मुताबिक, अभी जो आईटीआर फॉर्म्स हैं, उनमें टैक्सपेयर्स को सभी शिड्यूल को देखना पड़ता है। इनमें से कई शिड्यूल उससे जुड़े नहीं होते हैं। इससे आईटीआर फॉर्म भरने में ज्यादा समय लगता है। साथ ही टैक्सपेयर्स को दिक्कत का सामना करना पड़ता है। (ITR Filling)
कॉमन आईटीआर फॉर्म का मकसद इस तरह की दिक्कतों को दूर करना है। यह ध्यान में रखना जरूरी है कि कॉमन आईटीआर फॉर्म आने के बाद भी कुछ आईटीआर फॉर्म बने रहेंगे। सीबीडीटी ने कहा है कि वह कॉमन आईटीआर फॉर्म पेश करना चाहता है। यह आईटीआर-7 को छोड़ दूसरे सभी फॉर्म का विकल्प बनेगा। आईटीआर-1 और आईटीआर-4 का वजूद भी बना रहेगा। टैक्सपेयर्स को यह विकल्प मिलेगा कि वह मौजूदा फॉर्म (ITR-1 या ITR-4) का प्रस्तावित कॉमन आईटीआर फॉर्म का इस्तेमाल कर सकता है। (ITR Filling)
वाल्ट्रे पार्टनर्स इंडिया के कुलदीप कुमार ने कहा, “आईटीआर-1 और आईटीआर-4 बहुत ही सिंपल फॉर्म हैं। इनमें एडिशनल डिस्कलोजर्स की जरूरत नहीं पड़ती है। आईटीआर-7 फॉर्म ट्रस्ट के लिए है। रिटर्न फाइल करने के लिए इस फॉर्म का बहुत कम इस्तेमाल होता है।” इसका मतलब है कि कॉमन आईटीआर फॉर्म आ जाने के बाद यह आईटीआर-2, आईटीआर-3, आईटीआर-5 और आईटीआर-6 की जगह लेगा। अभी के नियम के मुताबिक, आईटीआर-2 का इस्तेमाल तब होता है, जब आपको कैपिटल गेंस के रूप में, एक से ज्यादा हाउस प्रॉपर्टी से या विदेश से कोई इनकम होती है। अगर आप किसी कंपनी में डायरेक्टर हैं या आपके पास किसी अनलिस्टेड कंपनी के शेयर हैं तो भी आपको आईटीआर-2 का इस्तेमाल करना पड़ता है। (ITR Filling)
आईटीआर-3 का इस्तेमाल बिजनेसमेन और प्रोफेशनल्स करते हैं, जिनकी सैलरी से कोई आय नहीं है। आईटीआर-2 के लिए एलिजिबल सभी इनकम हेड्स आईटीआर-3 के लिए भी वैलिड हैं। इसी तरह आईटीआर-5 और 6 का इस्तेमाल क्रमश: LLP और बिजनेसेज करते हैं। इस तरह ये सभी फॉर्म ऐसे टैक्सपेयर्स के लिए हैं, जिनकी आय का स्रौत सैलरी नहीं है। कॉमन फॉर्म में टैक्सपेयर्स को सवालों के जवाब हां या नाम में देना होगा। उसके बाद अतिरिक्त जानकारी मांगी जाएगी। इस तरह के 40 से ज्यादा सवाल होंगे। अगर आपने किसी सवाल का जवाब ना में दिया है तो उससे जुड़ा अगला सवाल आपके नहीं पूछा जाएगा। हालांकि, यह जान लेना जरूरी है कि आईटीआर फॉर्म में संशोधन पहली बार नहीं होने जा रहा है। (ITR Filling)