Inflation in India: आटा-दाल-चावल-तेल-नमक...जानें 10 साल में किसकी कितनी बढ़ी कीमत?
Inflation in India: Atta-Dal-Rice-Oil-Salt...Know how much the price of which increased in 10 years? Inflation in India: आटा-दाल-चावल-तेल-नमक...जानें 10 साल में किसकी कितनी बढ़ी कीमत?




Inflation in India :
एक इंसान एक दिन में एक समय में कम से कम 4 रोटी खाता ही है. कभी इस 4 रोटी की कीमत लगाई है? शायद नहीं. क्योंकि भारतीय घरों में अक्सर महीनेभर का राशन आता है और उसी से खर्च का हिसाब लगाया जाता है. लेकिन कभी अगर 4 रोटी का हिसाब लगाएं तो ये कितना होगा? (Inflation in India)
इसका हिसाब लगाने के लिए कुछ अनुमान लगाना होगा. 4 रोटी बनाने में औसतन 100 ग्राम आटा लगता है. आज से 10 साल पहले एक किलो आटा 22.48 रुपये का आता था. इस हिसाब से 4 रोटी बनाने में 2.24 रुपये का आटा लगता था. वहीं, आज एक किलो आटा 32.91 रुपये का आ रहा है. लिहाजा 4 रोटी बनाने में 3.29 रुपये का खर्च आ रहा है. यानी, 10 साल में ही 4 रोटी की कीमत एक रुपये तक बढ़ गई.
आटे की बात इसलिए, क्योंकि इसकी कीमत अब रिकॉर्ड तोड़ रही है. जनवरी 2010 के बाद आटे की कीमत रिकॉर्ड ऊंचाई पर है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मुताबिक, 9 मई को देश में एक किलो आटे की औसत कीमत 32.91 रुपये रही. अकेले एक साल में ही एक किलो आटे की कीमत 4 रुपये से ज्यादा बढ़ गई है. (Inflation in India)
लेकिन आटा इतना महंगा क्यों हो रहा?
एक्सपर्ट इसके पीछे दो बड़ी वजहें बताते हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, देश में गेहूं का उत्पादन घट रहा है और स्टॉक भी कम हो रहा है. इसके अलावा, देश के बाहर गेहूं की डिमांड भी बढ़ रही है.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 9 मई को राजधानी दिल्ली में एक किलो आटे की कीमत 27 रुपये थी. वहीं, अंडमान की राजधानी पोर्ट ब्लेयर में 59 रुपये प्रति किलो आटा बिक रहा है. मुंबई में एक किलो आटा 49 रुपये में मिल रहा है. (Inflation in India)
आंकड़ों के मुताबिक, इस साल के पहले दिन से ही आटे की कीमत तेजी से बढ़ रही है. 1 जनवरी से अब तक आटे की कीमत 6 फीसदी तक बढ़ चुकी है.
रूस और यूक्रेन जंग ने गेहूं के उत्पादन को और गिरा दिया है. दुनिया के गेहूं निर्यात में रूस और यूक्रेन की हिस्सेदारी एक चौथाई थी. 2019 में रूस ने 8.14 अरब डॉलर और यूक्रेन ने 3.11 अरब डॉलर का गेहूं निर्यात किया था.
इन दोनों देशों में युद्ध की वजह से दुनियाभर में गेहूं की कमी हो गई है और कीमतें बढ़ रही हैं. भारत में गेहूं की कीमत बढ़ने का एक कारण ये भी है कि ये भारतीय गेहूं की बाहर बहुत ज्यादा डिमांड है, जिससे देश में कीमतें बढ़ने लगी हैं. इसके अलावा डीजल की बढ़ती कीमत से गेहूं को लाने-ले जाने वाला खर्च भी बढ़ गया है. (Inflation in India)
आटा ही नहीं, चावल-दाल, तेल, नमक भी महंगा
सिर्फ आटा ही नहीं, बल्कि चावल-दाल, तेल और नमक की कीमत भी काफी बढ़ गई है. 10 साल में एक किलो चावल की कीमत 42 फीसदी तक बढ़ गई है. 9 मई 2013 को एक किलो चावल की औसत कीमत 25.40 रुपये थी, जो 9 मई 2022 को बढ़कर 36.07 रुपये हो गई है. इसी तरह तुअर दाल की कीमत में 48 फीसदी का उछाल आया है. एक किलो तुअर दाल की कीमत 10 साल में 70 रुपये से बढ़कर 102 रुपये के पार पहुंच गई है.
इसके अलावा तेल की कीमतें भी जमकर बढ़ी हैं. मूंगफली तेल 10 साल में 43% तक महंगा हो गया है. सरसों के तेल की कीमत 84% तक बढ़ी है. सबसे ज्यादा तो पाम ऑयल महंगा हुआ है. इसकी कीमत 10 साल में 140% बढ़ गई है. जबकि, वनस्पति तेल 10 साल में 129% महंगा हो गया है. (Inflation in India)