अगर आप भी अखबार में लिपटा हुआ खाना खा रहे हैं तो रुक जाइए! हो सकती हैं ये बीमारियां, खाद्य विभाग ने की ये अपील....
उप संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन जांजगीर ने बताया कि खाद्य पैकेजिंग के लिए अखबार के उपयोग किए जाने से भोजन में स्याही का स्थानांतरण होता है, जो भोजन की गुणवत्ता और सुरक्षा को प्रभावित करता है।




जांजगीर-चांपा। भेलपुरी हो या फिर समोसे अक्सर अखबार से बने लिफाफे में ही परोसे जाते हैं। घर में कई लोग गरम पुरियां निकाल कर न्यूजपेपर पर ही रख देते हैं। आप भी ऐसा करते हैं तो सावधान हो जाएं, उप संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन जांजगीर ने बताया कि खाद्य पैकेजिंग के लिए अखबार के उपयोग किए जाने से भोजन में स्याही का स्थानांतरण होता है, जो भोजन की गुणवत्ता और सुरक्षा को प्रभावित करता है। यह मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। अखबार – पेपर को प्रिंट करने के लिए उपयोग की जाने वाली स्याही में डाई आइसोब्यूटाइल फटालेड, डाइएन आईसोब्यूटाइलेट जैसे हानिकारक रसायन एवं कई तरह के हानिकारक रंजक होते हैं, जो तेल के साथ मिल जाते है और खाने के जरिये शरीर में प्रवेश कर जाते हैं जिससे शरीर में पाचन संबंधी विकार, टॉक्सिसिटी, विभिन्न कैंसर, महत्वपूर्ण अंगों की विफलता तथा प्रतिरक्षा तंत्र का कमजोर होना जैसे विभिन्न प्रकार की बीमारियां होने की संभावना रहती है।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा है कि केवल फ़ूड ग्रेड पैकेजिंग मटेरियल का उपयोग खाद्य को पैक, भण्डारण तथा परोसने के लिए किया जाना चाहिए। खाद्य कारोबारकर्ता खाने के स्टॉल में खाने-पीने की चीजें लेने-देने के लिए छपे हुए अखबारी कागज, पेपर, पेन से लिखे हुए पेपर या चित्रकारी किये हुए पेपर का उपयोग ना करें। साथ ही यह भी अपील किया गया है कि यदि कोई खाद्य कारोबारकर्ता ऐसा करता है तो उसको इसके दुष्प्रभाव की जानकारी देवे, उससे होने वाले नुकसान के बारे में बताये और उसे ऐसा न करने की सलाह दे।
हेल्पलाईन नंबर पर करें सूचित
यदि कोई खाद्य कारोबारकर्ता बार-बार समझाईश के बाद भी ना माने तो कार्यालय उपसंचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन हसदेव विहार, हाउसिंग बोर्ड कालोनी, HIG 25, जांजगीर एवं औषधि प्रशासन छत्तीसगढ़ के जन शिकायत एवं हेल्पलाईन नंबर 9340597097 को सूचित करें।