29 लाख रुपये की प्रतिवर्ष भरपाई निगम कैसे करेगा? कांग्रेस सत्ता पक्ष बताये - आलोक अवस्थी




29 लाख रुपये की प्रतिवर्ष भरपाई निगम कैसे करेगा? कांग्रेस सत्ता पक्ष बताये - आलोक अवस्थी
गलत निर्णयों की खिलाफत भाजपा पार्षद दल मुखरता से करेगा
औद्योगिक ईकाइयों पर मेहरबान कांग्रेस सत्ता पक्ष नगरीय क्षेत्र का संपत्ति कर आधा करने का भी निर्णय लें
जगदलपुर : नगरीय क्षेत्र की 78 औद्योगिक ईकाइयों को संपत्ति कर से मुक्त करने का निर्णय नगर निगम की सामान्य सभा में कांग्रेसी सत्ता पक्ष ने भाजपा पार्षद दल के प्रबल विरोध के बाद भी अपने संख्या बल व बहुमत के आधार पारित कराया है। राज्य शासन से इस संबंध में प्राप्त पत्र को मेयर इन कौंसिल द्वारा नगर निगम के मौजूदा वित्तीय संकट व आर्थिक तंगी की संपूर्ण जानकारी देते हुये उक्त पत्र को ससम्मान राज्य शासन को वापस भेज देना था, लेकिन कांग्रेसी सत्ता पक्ष ने औद्योगिक ईकाइयों का संपत्ति माफ करने का विषय सामान्य सभा लाया और उसे 29 कांग्रेसी पार्षदों के बहुमत से पास भी कराया है। मोती लाल नेहरू वार्ड के भाजपा पार्षद आलोक अवस्थी ने कहा कि निगम में काबिज कांग्रेसी सत्ता पक्ष जनता के प्रति अपनी ज़िम्मेदारियों से भाग रहा है, तभी उन्होंने सामान्य सभा की कार्यवाही में विपक्षी पार्षदों के प्रश्नों का जवाब देने से इंकार कर दिया था।
आलोक अवस्थी ने कहा कि निगम की ख़राब आर्थिक हालत के चलते निगम कर्मियों को दो-तीन माह में वेतन देने की कठिन स्थितियां है और यह सब जानते हुये भी कांग्रेस सत्ता पक्ष औद्योगिक ईकाइयों का 28 लाख 96 हजार 806 रुपये का संपत्ति कर प्रति वर्ष पूर्ण रूप से माफ करने का निर्णय लेता है, और इस पर भी दुस्साहस कर भाजपा पार्षद दल पर गलत व जन विरूद्ध लिये गये अपने निर्णय का ठीकरा फोड़ने का प्रयास हो रहा है।
अवस्थी ने कहा कि कांग्रेसी सत्ता पक्ष बतायें कि औद्योगिक ईकाइयों को संपत्ति कर में छूट देने के बाद लाखों रुपये के नुकसान की भरपायी प्रति वर्ष कैसे व किस तरह नगर निगम करेगा? इसकी कोई योजना तक नहीं बनायी गयी है। यदि नगर निगम को संपत्ति कर माफ करने का अधिकार है तो सर्वप्रथम कांग्रेस सत्ता पक्ष नगरीय क्षेत्र का समूचा संपत्ति कर हाफ-आधा करने का निर्णय लें, जिसका वायदा कांग्रेस द्वारा चुनाव के दौरान किया गया था।
अवस्थी ने कहा कि जनहित से जुड़े विषयों पर भाजपा पार्षद दल जिम्मेदारी के साथ हमेशा अग्रणी खड़ा है और वहीं सत्ता पक्ष के गलत निर्णयों का पुरजोर विरोध सशक्त विपक्ष के रुप में मुखरता से किया जाता रहेगा।