मोबाइल फोन यूजर्स के लिए जरूरी खबर: कहीं हैक तो नहीं हो गया फोन!.... कैसे हैक होता है यूजर्स का मोबाइल फोन?.... मिस्ड कॉल, SMS और WhatsApp के अलावा इन ऐप से रहे सावधान.... तुरंत पढ़े ये अहम जानकारी.......




डेस्क। आजकल साइबर अटैक की खबरें काफी चर्चा में है और ऐसे में एक बार फिर से Pegasus वापस लौट आया है। Pegasus एक एडवांस और पावरफुल सॉफ्टवेयर है। जो लोगों की जासूसी करने का काम करता है। Pegasus के अलावा भी कई ऐसे स्पाई सॉफ्टवेयर है जिससे लोगों को टारगेट किया जा सकता है। ज्यादातर स्पाई सॉफ्टवेयर से रिमोटली ही आपके फोन का एक्सेस लिया जा सकता है। जो आपके होम स्क्रीन पर नहीं दिखाई देगा। लेकिन इसके अलावा भी कई तरीकों से लोगों के फोन को टारगेट किया जाता है।
Pegasus मिस्ड कॉल के जरिए अपना टारगेट चुनता है। साल 2019 में वॉट्सऐप में एक वल्नरेबिलिटी देखा गया था। जिसकी मदद से ये स्पाईवेयर एंड्रॉयड या आईओएस फोन में सिर्फ टारगेट को कॉल करके हैक कर सकता है। जो लोग साइबर क्रिमिनल्स और हैकर्स है उनके लिए ये काफी कॉमन मैथेड है। जिसे वो आपका फोन हैक कर सकते हैं। यूजर्स को मैलेशियस ऐप स्पाईवेयर या दूसरे मैलवेयर के साथ डाउनलोड करवा दिया जाता है। ज्यादातर ऐप्स थर्ड पार्टी ऐप स्टोर्स, सोशल मीडिया वेबसाइट या दूसरे लिंक्स में पाए जाते हैं।
वॉट्सऐप, ईमेल्स और SMS के जरिए हैकर्स मैसेज करके यूजर्स को लिंक सेंड करते हैं। जिसपर क्लिक करते ही आपने आर आपके फोन में वायरस इंस्टॉल हो जाता है। ये वायरस आपके फोन से आपका पर्सनल डेटा चुराता है और फिर आपके डिवाइस पर कंट्रोल कर लेता है। SIM कार्ड स्वैप हैकर्स तब यूज करते हैं जब वो आपकी पर्सनल जानकारी को एक्सेस कर लेते हैं। इसके बाद हैकर्स आपके टेलीकॉम ऑपरेटर को कॉन्टैक्ट करके सिम रिप्लेसमेंट की डिमांड करता है।
जैसे ही नया सिम जारी होता है उसके बाद पुराना सिम डिएक्टिवेट हो जाता है। और हैकर्स के पास आपके नंबर का पूरा एक्सेस मिल जाता है। जिसकी सहायता से हैकर्स पास के डिवाइस को ब्लूटूथ की मदद से हैक करते हैं। ब्लूटूथ के जरिए फोन हैक करने के लिए हैकर्स स्पेशलाइज्ड सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं। हैकर्स इसका इस्तेमाल इसी जगह पर करते है जहां आस-पास ज्यादा लोग होते है। इसी तरह पब्लिक Wi-Fi के जरिए भी आप हैकर्स के निशाने पर आ जाते है।।