दहेज लोभियों के मुंह पर करारा तमाचा: दूल्हे ने लौटा दिए दहेज में मिले 11.51 लाख रुपए लौटाए... एक रुपया और नारियल में की शादी... दुल्हन के पिता की आंखों से छलके आंसू......

सख्त कानून के बावजूद दहेज रूपी सामाजिक बुराई खत्म होने का नाम नही ले रही है और इसके कारण कई बार बेटियों को प्रताड़ना सहन पड़ता है। इसी बीच दहेज प्रथा को रोकने की पेश की गई दूल्हे की पहल की चर्चा अब चारों तरफ हो रही है। दूल्हे ने अपने टीके में मिले 11.51 लाख रुपए लौटाकर अनूठी मिसाल पेश की। उसने वधु पक्ष से सिर्फ एक रुपए और नारियल ही लेकर शादी रचाई। मामला राजस्थान के नागौर जिले के हुडिल गांव का है।

दहेज लोभियों के मुंह पर करारा तमाचा: दूल्हे ने लौटा दिए दहेज में मिले 11.51 लाख रुपए लौटाए... एक रुपया और नारियल में की शादी... दुल्हन के पिता की आंखों से छलके आंसू......
दहेज लोभियों के मुंह पर करारा तमाचा: दूल्हे ने लौटा दिए दहेज में मिले 11.51 लाख रुपए लौटाए... एक रुपया और नारियल में की शादी... दुल्हन के पिता की आंखों से छलके आंसू......

groom returned 11.51 lakh rupees received in dowry, Marriage in one rupee and coconut

Nagaur, Rajasthan: सख्त कानून के बावजूद दहेज रूपी सामाजिक बुराई खत्म होने का नाम नही ले रही है और इसके कारण कई बार बेटियों को प्रताड़ना सहन पड़ता है। इसी बीच दहेज प्रथा को रोकने की पेश की गई दूल्हे की पहल की चर्चा अब चारों तरफ हो रही है। दूल्हे ने अपने टीके में मिले 11.51 लाख रुपए लौटाकर अनूठी मिसाल पेश की। उसने वधु पक्ष से सिर्फ एक रुपए और नारियल ही लेकर शादी रचाई। मामला राजस्थान के नागौर जिले के हुडिल गांव का है।

दुल्हन के पिता की आंखों में आंसू छलक गए। नजारा देख सभी चकित रह गए। दूल्हे पक्ष के लोगों ने दुल्हन पक्ष की ओर से टीके में दिए 11 लाख 51 हज़ार रुपये दुल्हन के पिता को वापस लौटाए। उन्होंने बतौर शगुन के रूप में महज 1 रुपया व नारियल लिया। डेगाना तहसील के जालसू कलां निवासी कुंदनसिंह जोधा की शादी सीकर जिले के नरसिंहपुरी गांव निवासी निकिता कंवर से हुई थी। कुंदनसिंह ने कहा कि उन्हें दहेज नहीं चाहिए। 

भंवर सिंह तंवर आर्मी ऑफिसर के बेटे अमर सिंह तंवर आर्मी सिपाही के पद पर तैनात हैं। अमर सिंह वर्तमान में उत्तराखंड के देहरादून क्षेत्र में सिपाही के पद पर कार्य करते हैं। इनका परिवार तीन पीढ़ियों से सैनिक के रूप में कार्य करते हुए देश सेवा कर रहा है। टीका वापस लौटाने वाले अमर सिंह के पिता भंवर सिंह आर्मी में सूबेदार मेजर थे और दादा बहादुर सिंह ने भी भारत-पाक युद्ध 1971 और भारत-चीन युद्ध 1965 में देश की सेवा की थी। तंवरो की ढाणी सांगावास से अमर सिंह तंवर की बारात हुडिल जिला नागौर गई थी।