सरकारी शोक: शोक में टला सरकारी कार्यक्रम….मॉरीशस के पूर्व राष्ट्रपति के निधन के कारण विश्व पर्यावरण दिवस पर कोई भी सरकारी मनोरंजन समारोह नहीं,छत्तीसगढ़ ने वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना का उद्घाटन टाला

सरकारी शोक: शोक में टला सरकारी कार्यक्रम….मॉरीशस के पूर्व राष्ट्रपति के निधन के कारण विश्व पर्यावरण दिवस पर कोई भी सरकारी मनोरंजन समारोह नहीं,छत्तीसगढ़ ने वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना का उद्घाटन टाला

नया भारत :- मॉरीशस के पूर्व राष्ट्रपति अनिरुद्ध जगन्नाथ के निधन के बाद छत्तीसगढ़ ने आज के सरकारी कार्यक्रम टाल दिए हैं। मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना का औपचारिक उद्घाटन भी इससे प्रभावित हुआ है। सरकार की ओर से बताया गया, केंद्र सरकार ने आज राजकीय शोक घोषित किया है। इसकी वजह से मुख्यमंत्री निवास में यह कार्यक्रम अब रविवार को आयोजित किया जाएगा।

तय कार्यक्रम के मुताबिक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आज दोपहर 12 बजे अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम मेें ‘मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना‘ का औपचारिक शुभारंभ करते। इस दौरान मुख्यमंत्री दुर्ग वनमंडल के अंतर्गत फुंडा (पाटन) में जैव विविधता पार्क का भूमिपूजन भी करने वाले थे। इस कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों सहित वन प्रबंधन समिति के सदस्यों तथा किसानों से वर्चुअल संवाद भी करना था। इस संवाद में बस्तर, बिलासपुर, बलरामपुर, कांकेर, महासमुंद तथा कवर्धा वनमंडल के अंतर्गत जनप्रतिनिधि तथा वन प्रबंधन समिति के सदस्य और कृषक शामिल होने वाले थे।

क्या है यह वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना

राज्य मंत्रिपरिषद की 18 मई को हुई बैठक में इस योजना को मंजूरी मिली थी। इसके तहत जिन किसानों ने खरीफ वर्ष 2020 में धान की फसल ली हैे, यदि वे धान फसल के बदले अपने खेतों में वृक्षारोपण करते हैं, तो उन्हें आगामी 3 वर्षों तक प्रतिवर्ष 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि मिलेगी। ग्राम पंचायतों और वन प्रबंधन समितियों को भी इसी तरह का प्रोत्साहन प्रस्तावित है।

अनिरुद्ध जगन्नाथ क्यों महत्वपूर्ण हैं

मॉरीशस के दो बार राष्ट्रपति और छह बार प्रधानमंत्री रह चुके अनिरुद्ध जगन्नाथ 91 साल के थे। 29 मार्च 1930 को जन्मे जगन्नाथ को गुरुवार को निधन हो गया था। वे भारत-मॉरीशस द्विपक्षीय संबंधों के प्रमुख शिल्पकार थे। भारत सरकार ने 2020 में उन्हें नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने शोक संदेश में उन्हें एक गर्वित प्रवासी भारतीय बताया था।