अव्यवस्थाओं के बीच किसान ऋण खाद बीज लेने हेतु मजबूर ... जिम्मेदारों को किसानों से नहीं है कोई मतलब.... कर्ज चुकाने के बाद भी बैंक में बता रहा हजारों रु कर्ज किसान चिंतित...?

संदीप दुबे✍️✍️✍️

अव्यवस्थाओं के बीच किसान ऋण  खाद बीज लेने हेतु मजबूर ... जिम्मेदारों को किसानों से नहीं है कोई मतलब....  कर्ज चुकाने के बाद भी बैंक में बता रहा हजारों रु कर्ज किसान चिंतित...?
अव्यवस्थाओं के बीच किसान ऋण खाद बीज लेने हेतु मजबूर ... जिम्मेदारों को किसानों से नहीं है कोई मतलब.... कर्ज चुकाने के बाद भी बैंक में बता रहा हजारों रु कर्ज किसान चिंतित...?


Nayabharat
संदीप दुबे✍️✍️✍️

भैयाथान  -  किसानों के हितों के लिए केंद्र व राज्य की सरकारें कई तरह की योजना चलाकर उनके स्तर को ऊंचा करने की कोसिस कर रही हैं लेकिन धरातल की स्थिति कुछ और ही बयां कर रहा है जिम्मेदार कौन...?*

जैसे ही नया सत्र चालू होता है उसी के साथ आने वाले खेती के समय हेतु आवश्यक दिशा निर्देश  विभाग के द्वारा सहकारी समितियों को दिया जाता है जिससे किसान अपने खेती किसानी करने को लेकर परेशान न हो किंतु किसानों को समस्या उस समय बढ़ जाता है जब किसान अपने खेती के लिए ऋण खाद बीज हेतु सहकारी समितियों में जाना शुरू करते है क्योंकि किसानों के लिए सरकार चाहे व्यवस्था कितना भी कर दें लेकिन उनकी समस्या अपने आप उत्पन्न होने लगती हैं ऐसे में मई जून के भीषण गर्मी में जब   किसानों को अपने पंजीयन को नवीनीकरण कराना हो खाद बीज लेना हो फसल बोने आर्थीक रूप से ऋण लेने हेतु चेक लेना हो ये सब किसानों को देर सबेर प्राप्त तो होता है लेकिन किसानों के लिए समितियों में किसी भी प्रकार की व्यवस्था नही होती है । 
ताजा मामला भैयाथान बिकास खंड अंतर्गत केवरा सहकारी समिति का है जहां किसानों के सभी कार्य तो हो रहे हैं लेकिन इस भीषण गर्मी में किसानों के लिए न तो पानी पीने की समुचित व्यवस्था न ही इस भीषण गर्मी में उनके सुविधा अनुसार एक पंखा तक कि कोई व्यवस्था नही है किसान आते है जहां जगह मील जाए वहां बैठ कर अपने बारी का  इंतजार करते हैं समिति का हाल तो ये है कि आने वाले किसानों को बैठने तक कि कोई व्यवस्था अभी तक नही है जबकि किसानों की चिंता करते हुए जिले के कलेक्टर ने समितियों को सीधे निर्देश बैठकों में देते है कि किसानों को समय अनुरूप हर तरह की सुविधा समितियों द्वारा उपलब्ध कराया जाए लेकिन निर्देश सिर्फ बैठकों तक ही सीमित रह जाती है जबकि समितियों में किसान परेशान होकर अपने कार्यो को समितियों में संपन्न कराते है । 


एसडीएम कर चुकें है समितियों का निरीक्षण...


बीते सप्ताह भैयाथान एसडीएम ने समितियों का निरीक्षण करते हुए आवश्यक निर्देश भी दिए है लेकिन केवरा सहकारी समिति की स्थिति जस की तस है सायद समिति को विभाग या जिम्मेदार अधिकारियों के लिखीत आदेश का इंतज़ार है फिर सायद व्यवस्था सुचारू रूप से हो सके। 


मंत्री जी के जनदर्शन में मिला है किसान से समिति का शिकायत...


बीते सोमवार विधानसभा स्तरीय अटल सेवा सदन कार्यालय में आयोजित क्षेत्र की विधायक व केबिनेट मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के जनदर्शन कार्यक्रम में भी केवरा समिति से किसान के द्वारा लिखित शिकायत में आवेदन जमा किया गया है मिले आवेदन की माने तो समिति में किसान के नाम से कर्ज दर्ज है जबकि बीते धानखरीदी में धान देकर किसान के द्वारा अपना कर्ज चुका दिया गया जिसकी पावती किसान के पास उपलब्ध है ऐसे में सवाल ये खड़ा होता है कि समिति किसानों के सुविधा के लिए या उनको बेवजह परेशान करने के लिए है । सूत्रों की माने तो केवरा समिति में इस तरह की और भी कई मामले है जिसकी शिकायत सायद आज कल में विभाग के पास आये । इस तरह से किसानों को बेवजह परेशान कर के बार बार किसान को दौड़ाना किस हद तक उचित है ये सोचनीय है आखिरकार समिति अपनी मनमर्जी से चल रही है या संबंधित विभाग के द्वारा संचालित हो रही ये एक बड़ा सवाल है जिसका जवाब सायद ही किसानों को मिल सके । अब देखना यह है कि मंत्री जी के जनदर्शन में आये शिकायत से सिर्फ शिकायतकर्ता किसान की समस्या का हल होता है या फिर ऐसे सभी किसानों के समस्याओं का निराकरण होगा ।