बीजिंग: रूस- यूक्रेन युद्ध के बारहवें दिन चीन ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि वो युद्ध में शामिल दोनों देशों के बीच मध्यस्थता कर सकता है।




NBL, 07/03/2022, Lokeshwer Prasad Verma,.. Highlights युद्ध के मसले पर बीजिंग ने रणनीतिक साझेदारी का हवाला देते हुए मास्को की निंदा से इनकार किया चीनी विदेश मंत्री ने कहा दोनों पक्षों के बीच भविष्य में सहयोग की संभावनाएं बहुत व्यापक हैं इसके साथ चीन ने यूक्रेन-रूस युद्ध में शांति बहाली के लिए मध्यस्थता की भी बात की, पढ़े विस्तार से...।
बीजिंग: रूस- यूक्रेन युद्ध के बरहवें दिन चीन ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि वो युद्ध में शामिल दोनों देशों के बीच मध्यस्थता कर सकता है।
इस मामले में चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने सोमवार को जोर देकर कहा कि यूक्रेन हमले के कारण अंतरराष्ट्रीय निंदा का पात्र बना रूस आज भी उसका मजबूत दोस्त है और दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने के लिए चीन मध्यस्थता करने के लिए तैयार है।
बीजिंग की ओर से रणनीतिक साझेदारी का हवाला देते हुए अपने करीबी सहयोगी मास्को की निंदा से इनकार करते हुए कहा गया है कि पूरे संकट के दौरान दोनों देशों के बीच कूटनीतिक सख्ती की कोई सीमा नहीं है।
वांग ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, "दोनों के बीच दोस्ती बहुत मजबूत है और दोनों पक्षों की भविष्य में सहयोग की संभावनाएं बहुत व्यापक हैं।" लेकिन इसके साथ ही वांग ने कहा कि चीन आवश्यक होने पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ आवश्यक मध्यस्थता करने के लिए तैयार है"।
मालूम हो कि यूक्रेन-रूस युद्ध हालात पर पिछले हफ्ते यूरोपीय संघ की विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बोरेल ने कहा था कि चीन को रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता में मध्यस्थता करनी चाहिए क्योंकि पश्चिमी देश ऐसा नहीं कर पा रहे हैं।
यूक्रेन संकट पर बीजिंग ने बार-बार कहा है कि वह "बातचीत के जरिये समस्या का हल करने में रचनात्मक भूमिका निभाएगा। वांग ने पत्रकारों से यह भी कहा कि चीन यूक्रेन को मानवीय सहायता भेजेगा।
उन्होंने चीन-रूस संबंधों को दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंध बताते हुए कहा कि दोनों देशों के मध्य स्तापित संबंध विश्व शांति, स्थिरता और विकास के लिए अनुकूल है।
चीनी विदेश मंत्री ने दोनों देशों के मध्य साझेदारी की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि दोनों देश संयुक्त रूप से अमेरिका के शीत युद्ध की मानसिकता को बढ़ावा देने का विरोध करते हैं, जो विश्व में वैचारिक टकराव को भड़काते हैं"।