Bank Privatisation : बजट आने से पहले सरकारी बैंको को लेकर सरकार ने लिया बड़ा फैसला! वित्त मंत्री ने किया ये ऐलान...

Bank Privatization: Before the budget, the government took a big decision regarding government banks! The Finance Minister made this announcement... Bank Privatisation : बजट आने से पहले सरकारी बैंको को लेकर सरकार ने लिया बड़ा फैसला! वित्त मंत्री ने किया ये ऐलान...

Bank Privatisation : बजट आने से पहले सरकारी बैंको को लेकर सरकार ने लिया बड़ा फैसला! वित्त मंत्री ने किया ये ऐलान...
Bank Privatisation : बजट आने से पहले सरकारी बैंको को लेकर सरकार ने लिया बड़ा फैसला! वित्त मंत्री ने किया ये ऐलान...

Bank Privatisation : 

 

नया भारत डेस्क : बड़ा फैसला! सरकारी बैंको के प्राइवेटाइजेशन को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है जिसको सुनकर आपको झटका लग सकता है. सरकार का बजट (Budget 2023) में आने में कुछ दिन का समय बचा है. इस बीच सरकार ने कहा है कि इस बजट में वह बैंकों में पूंजी नहीं डालेगी. (Bank Privatisation)

नई पूंजी डालने की संभवना कम :

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की वित्तीय स्थिति बेहतर होने से अगले वित्त वर्ष के बजट में सरकार की तरफ से बैंकों में नई पूंजी डालने की घोषणा होने की संभावना कम ही दिख रही है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का पूंजी पर्याप्तता अनुपात नियामकीय जरूरत से अधिक हो चुका है और इस समय यह 14 फीसदी से लेकर 20 फीसदी के बीच है. (Bank Privatisation)

बाजार से जुटा रहे फंड :

आपको बता दें ये बैंक अपने संसाधनों को बढ़ाने के लिए बाजार से फंड जुटा रहे हैं. इसके अलावा वे अपनी गैर-प्रमुख परिसंपत्तियों की बिक्री का तरीका भी अपना रहे हैं. सरकार ने पिछली बार वित्त वर्ष 2021-22 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अपनी तरफ से पूंजी डाली थी. इसने अनुपूरक मांग अनुदान के जरिये बैंक पुनर्पूंजीकरण के लिए 20,000 करोड़ रुपये तय किए थे. (Bank Privatisation)

पिछले 5 सालों में कितनी डाली पूंजी?

पिछले पांच वित्त वर्षों यानी 2016-17 से 2020-21 के दौरान सरकार की तरफ से सार्वजनिक बैंकों में 3,10,997 करोड़ रुपये की पूंजी डाली जा चुकी है. इनमें से 34,997 करोड़ रुपये का इंतजाम बजट आवंटन से किया गया जबकि 2.76 लाख करोड़ रुपये इन बैंकों को पुनर्पूजीकरण बॉन्ड जारी कर जुटाए गए. (Bank Privatisation)

निर्मला सीतारमण पेश करेंगी बजट :

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) एक फरवरी को वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश करेंगी. यह नरेंद्र मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट होगा क्योंकि अगले साल आम चुनाव होने वाले हैं. (Bank Privatisation)

12 बैंकों ने कमाया 15,306 करोड़ का लाभ : 

सार्वजनिक क्षेत्र के सभी 12 बैंकों ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कुल 15,306 करोड़ रुपये का लाभ कमाया था. दूसरी तिमाही में यह राशि बढ़कर 25,685 करोड़ रुपये हो गई. अगर एक साल पहले से तुलना करें तो पहली तिमाही में इन बैंकों के लाभ में नौ फीसदी और दूसरी तिमाही में 50 फीसदी की वृद्धि हुई. (Bank Privatisation)

SBI ने कमाया 13,265 करोड़ का लाभ :

देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने दूसरी तिमाही में अबतक का सर्वाधिक 13,265 करोड़ रुपये लाभ कमाया है. साल भर पहले की समान तिमाही की तुलना में यह वृद्धि 74 फीसदी रही. (Bank Privatisation)

बैंकों का कुल लाभ 32 फीसदी बढ़ा :

चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुल लाभ 32 फीसदी बढ़कर 40,991 करोड़ रुपये रहा. इसके पहले वित्त वर्ष 2021-22 में कोविड महामारी की चुनौतियों के बावजूद इन बैंकों का कुल लाभ दोगुना से अधिक होकर 66,539 करोड़ रुपये रहा था. (Bank Privatisation)

वित्त मंत्री ने हाल ही में लिया ये फैसला :

कई सार्वजनिक बैंकों ने पिछले वित्त वर्ष में लाभांश देने की भी घोषणा की थी. कुल नौ सार्वजनिक बैंकों ने शेयरधारकों को 7,867 करोड़ रुपये लाभांश के तौर पर बांटे थे. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल में कहा था कि फंसे कर्ज की समस्या दूर करने के लिए उठाए गए प्रयासों के नतीजे निकलने लगे हैं और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का लाभ बढ़ने लगा है. (Bank Privatisation)