बांग्लादेश पीएम शेख हसीना: ने भारत को पूर्वोत्तर राज्यों से कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए चटगांव बंदरगाह (Chittagong Port) के इस्तेमाल की पेशकश की है, चीन की चाल नाकाम.

Bangladesh PM Sheikh Hasina: Has offered India the use of Chittagong port

बांग्लादेश पीएम शेख हसीना: ने भारत को पूर्वोत्तर राज्यों से कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए चटगांव बंदरगाह (Chittagong Port) के इस्तेमाल की पेशकश की है, चीन की चाल  नाकाम.
बांग्लादेश पीएम शेख हसीना: ने भारत को पूर्वोत्तर राज्यों से कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए चटगांव बंदरगाह (Chittagong Port) के इस्तेमाल की पेशकश की है, चीन की चाल नाकाम.

NBL, 29/04/2022, Lokeshwer Prasad Verma,. Bangladesh PM Sheikh Hasina: Has offered India the use of Chittagong port to increase connectivity with the northeastern states, China's move failed.

ढाका. भारत ने चीन की चाल को नाकाम करते हुए बांग्लादेश में बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल की है. बांग्लादेश ने भारत को पूर्वोत्तर राज्यों से कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए चटगांव बंदरगाह (Chittagong Port) के इस्तेमाल की पेशकश की है, पढ़े विस्तार से.. 

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ( Sheikh Hasina)ने यह पेशकश भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) के साथ मुलाकात के दौरान की है. चटगांव बंदरगाह बांग्लादेश का मुख्य बंदरगाह है. इस बंदरगाह के जरिये न केवल भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे, बल्कि पूर्वोत्तर के राज्यों जैसे असम, मेघालय, मणिपुर और त्रिपुरा से कनेक्टिविटी भी सुधर जाएगी.

आधिकारिक यात्रा पर बांग्लादेश की राजधानी ढाका पहुंचे जयशंकर ने शेख हसीना को उनके भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी की तरफ से नई दिल्ली आने का निमंत्रण दिया. जयशंकर ने ट्वीट किया, “प्रधानमंत्री शेख हसीना को उनके गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए धन्यवाद. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्यक्तिगत शुभकामनाएं दीं. दोनों नेताओं के मार्गदर्शन में हमारे द्विपक्षीय संबंध मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं.”

बांग्लादेशी प्रधानमंत्री के प्रेस सचिव एहसानुल करीम ने बताया कि बैठक के दौरान, प्रधानमंत्री हसीना ने कहा कि दोनों देशों को अपने संपर्क को और बढ़ाना होगा. करीम ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जयशंकर से कहा कि परस्पर लाभ के लिए संपर्क बढ़ाने की जरूरत है. बांग्लादेश के दक्षिणपूर्वी चटगांव बंदरगाह का उपयोग करने में भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र को विशेष रूप से फायदा होगा. अगर संपर्क बढ़ाया जाता है, तो भारत के पूर्वोत्तर राज्यों – जैसे असम और त्रिपुरा- को चट्टोग्राम में बंदरगाह तक पहुंच प्राप्त हो सकती है.

शेख हसीना के साथ आधे घंटे तक चली बैठक... 

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि बांग्लादेश और भारत के बीच सीमा पार मार्गों को फिर से शुरू करने के लिए पहल की गई थी, जिन्हें 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान बंद कर दिया गया था. तब बांग्लादेश पाकिस्तान का पूर्वी हिस्सा था. करीम ने कहा कि प्रधानमंत्री हसीना की जयशंकर के साथ आधे घंटे से अधिक लंबी बैठक के दौरान कई द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई. जयशंकर ने बाद में अपने बांग्लादेशी समकक्ष एके अब्दुल मोमेन के साथ बातचीत की और फिर संयुक्त रूप से मीडिया को जानकारी दी.

आपसी सहयोग बढ़ाने पर बनी सहमति... 

बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया, "डॉ. मोमेन और डॉ. एस जयशंकर ने बांग्लादेश और भारत के बीच द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने चल रहे बांग्लादेश-भारत सहयोग के बारे में संतोष व्यक्त किया, द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने का संकल्प जताया, समग्र रूप से सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए क्षेत्रीय स्थिरता पर जोर दिया."

जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री हसीना के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को उनकी सुविधा के समय भारत आने का निमंत्रण दिया. उन्होंने कहा कि मैंने (उन्हें) बताया कि हम उनकी सुविधा के अनुसार भारत की उनकी यात्रा के लिए आकांक्षी हैं. उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ तर्कसंगत और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा हुई.

इन मुद्दों पर हुई चर्चा.. 

स्थानीय मीडिया ने करीम के हवाले से कहा कि रक्षा क्षेत्र में सहयोग, कुशियारा और फेनी नदियों का जल बंटवारा, वर्तमान कोविड -19 स्थिति और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रभाव को लेकर प्रमुखता से चर्चा की गई. संक्षिप्त आधिकारिक यात्रा पर यहां पहुंचे जयशंकर का बांग्लादेश की वायुसेना के हवाई अड्डे बंगबंधु में विदेश मंत्री मोमेन ने स्वागत किया. उनकी बांग्लादेश यात्रा का उद्देश्य प्रधानमंत्री हसीना की भारत यात्रा के लिए आधार तैयार करना है. ( एजेनसी इनपुट  )