सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का पलटवार कहा कि वे भी चाहते थे कि बसपा सुप्रिमो मायावती प्रधानमंत्री बनें. इसलिए 2019 लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने बसपा से गठबंधन किया था.

SP President Akhilesh Yadav's counterattack said.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का पलटवार कहा कि वे भी चाहते थे कि बसपा सुप्रिमो मायावती प्रधानमंत्री बनें. इसलिए 2019 लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने बसपा से गठबंधन किया था.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का पलटवार कहा कि वे भी चाहते थे कि बसपा सुप्रिमो मायावती प्रधानमंत्री बनें. इसलिए 2019 लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने बसपा से गठबंधन किया था.

NBL, 29/04/2022, Lokeshwer Prasad Verma,. SP President Akhilesh Yadav's counterattack said that he also wanted BSP supremo Mayawati to become the Prime Minister.  That is why in the 2019 Lok Sabha elections, his party had an alliance with the BSP.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि वे भी चाहते थे कि बसपा सुप्रिमो मायावती प्रधानमंत्री बनें. इसलिए 2019 लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने बसपा से गठबंधन किया था. दरअसल, गुरुवार को मायावती ने कहा था कि मैं प्रधानमंत्री या यूपी के सीएम बनने का सपना देख सकती हूं, लेकिन राष्ट्रपति बनने का नहीं, पढ़े विस्तार से... 

जब अखिलेश यादव से इस बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, मैं खुश हूं. मैं भी यही चाहता था. पिछले चुनाव में इसी को लेकर गठबंधन किया गया था. अगर गठबंधन जारी रहता तो बसपा और डॉ भीम राव अंबेडकर के अनुयायी देख सकते थे कि कौन प्रधानमंत्री बनता.

क्या है मामला?.. 
दरअसल, अखिलेश यादव ने एक दिन पहले ही कहा था कि बीजेपी ने बसपा का वोट तो हासिल कर लिया, क्या अब बीजेपी मायावती को राष्ट्रपति बनाएगी. अखिलेश के इस बयान पर मायावती ने कहा था कि वे यूपी का सीएम या देश का प्रधानमंत्री बनने का सपना देख सकती हैं, लेकिन राष्ट्रपति बनने का नहीं. मायावती ने कहा था, सपा यूपी में बीजेपी की जीत के लिए जिम्मेदार है. सपा मुझे राष्ट्रपति बनाने का सपना देख रही है, ताकि यूपी सीएम पद के रास्ते से मैं हट जाऊं.
इफ्तार पार्टी में पहुंचे थे अखिलेश. . 
अखिलेश यादव गुरुवार को एक इफ्तार पार्टी में शामिल होने पहुंचे थे. जब उनसे बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी जाति और धर्म देखकर कार्रवाई करती है.
उन्होंने कहा, अगर वे भाजपा के लोगों का घर गिराते हैं, तो वे मुआवजा देंगे. गोरखपुर में 700 मीटर के दायरे में बनी दुकानों और ढांचों को तोड़ा गया और बाद में मुआवजा दिया गया. मैंने सुना है कि मुआवजा 100-150 करोड़ रुपये नहीं था, बल्कि 200 करोड़ रुपये था.