Ajab-Gajab: ओलंपिक में मेडल जीतने के बाद उसे दांतों से क्‍यों काटते हैं खिलाड़ी, जानिए कारण...

Ajab-Gajab: After winning the medal in the Olympics, why do players bite them with their teeth, know the reason... Ajab-Gajab: ओलंपिक में मेडल जीतने के बाद उसे दांतों से क्‍यों काटते हैं खिलाड़ी, जानिए कारण...

Ajab-Gajab: ओलंपिक में मेडल जीतने के बाद उसे दांतों से क्‍यों काटते हैं खिलाड़ी, जानिए कारण...
Ajab-Gajab: ओलंपिक में मेडल जीतने के बाद उसे दांतों से क्‍यों काटते हैं खिलाड़ी, जानिए कारण...

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ओलंपिक खेलों (Olympics) में हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वह गोल्ड मेडल जीते। इसके लिए वह कई सालों तक कड़ी मेहनत भी करता है। आपने कभी न कभी ओलंपिक या अन्य कोई खेल जरूर देखा होगा। खेल में जीतने के बाद मिलने वाले मेडल को खिलाड़ी अपने दांत (biting medals) से जरूर काटते हैं। गोल मेडल जीतने वाले खिलाड़ी ऐसा ज्यादा करते हैं। इस परंपरा की चर्चा काफी होती है, लेकिन इसके पीछे एक खास वजह है। (Ajab-Gajab)

हम सभी जानते हैं कि प्रतियोगिता जीतने वाले खिलाड़ी को मेडल दिया जाता है। किसी भी खेल में प्रथम स्थान पाने वाले खिलाड़ी को गोल्ड मेडल, सेकेंड आने वाले को सिल्वर मेडल और तीसरे नंबर पर आने वाले खिलाड़ी को कांस्य पदक दिया जाता है। आइए अब जानते हैं कि ओलंपिक या किसी दूसरी प्रतियोगिता में मिलने वाले मेडल को खिलाड़ी क्यों काटते हैं और इसके पीछे की वजह क्या है? 

सोसाइटी ऑफ ओलंपिक हिस्टोरियन्स के प्रेसिडेंट डेविड वौलेनचिन्सकी ने बताया है कि खिलाड़ी ऐसा क्यों करते हैं? उन्होंने बताया है फोटोग्राफर खिलाड़ियों से ऐसा करने के लिए कहते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, काफी लंबे समय से यह प्रथा चलती आ रही है।  (Ajab-Gajab)

हालांकि वर्तमान समय में फोटोग्राफर इस तरह की फोटो खींचने के लिए ओलंपिक्स विजेताओं को कहते हैं। ऐसी फोटोज अखबारों और मैग्जीन में अलग एंगल से लगती हैं जिसे लोग खूब पसंद करते हैं। फोटोग्राफर के कहने पर खिलाड़ी इस तरह की फोटो खिचवाते हैं, लेकिन इसकी जानकारी नहीं कि यह प्रथा कब और क्यों शुरू हुई थी। (Ajab-Gajab)

एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 1800 के दौर कैलिफोर्निया में गोल्ड मेडल को काटने का चलन था, क्योंकि काटकर यह देखा जाता था कि मेडल रियल है या फेक है। बताया है कि शुद्ध सोने से बने मेडल को साल 1912 में अंतिम बार दिया था, लेकिन उसके बाद से शुद्ध सोना नहीं दिया जाता है। (Ajab-Gajab)

हो सकता है कि खिलाड़ी यह चेक करते हैं मेडल गोल्ड का है या नहीं। लेखक डेविड वलेकीन्स्की ने अपनी किताब में बताया है कि ओलंपिक खिलाड़ी के अलावा हर प्रतियोगिता में शामिल होने वाले खिलाड़ी मेडल जीतने के बाद ऐसा करते हैं। उन्होंने बताया है कि पहले लोग किसी चीज को काटकर ही परखते थे।  (Ajab-Gajab)