CG ब्रेकिंग: ठेकेदार का लाइसेंस ब्लैकलिस्टेड करने महिला आयोग ने की अनुशंसा, वहीं भरण पोषण राशि नहीं देने पर पिता के खिलाफ कोर्ट में दावा पेश करेंगी बेटियां.....

Chhattisgarh State Women Commission Hearing, recommended for blacklisting the contractor license, daughters will file a claim against father in court for not giving maintenance amount रायपुर। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने आज शास्त्री चौक स्थित राज्य महिला आयोग कार्यालय में महिलाओं से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए सुनवाई की। आज 30 प्रकरण रखे गए थे जिसमें 6 प्रकरणों को नस्तीबद्ध किये गए हैं शेष प्रकरण आगामी सुनवाई में रखे गए हैं। मकान बनाने के नाम पर अनावेदक ने धोखाधड़ी किया। नगर निगम से ठेकेदार का लाइसेंस ब्लैकलिस्टेड करने आयोग ने अनुशंसा की। भरण पोषण राशि पिता नही दे रहा। आयोग के सलाह से अनावेदक पिता के विरुद्ध न्यायालय में बेटियां दावा पेश करेंगी।

CG ब्रेकिंग: ठेकेदार का लाइसेंस ब्लैकलिस्टेड करने महिला आयोग ने की अनुशंसा, वहीं भरण पोषण राशि नहीं देने पर पिता के खिलाफ कोर्ट में दावा पेश करेंगी बेटियां.....
CG ब्रेकिंग: ठेकेदार का लाइसेंस ब्लैकलिस्टेड करने महिला आयोग ने की अनुशंसा, वहीं भरण पोषण राशि नहीं देने पर पिता के खिलाफ कोर्ट में दावा पेश करेंगी बेटियां.....

Chhattisgarh State Women Commission Hearing, recommended for blacklisting the contractor license, daughters will file a claim against father in court for not giving maintenance amount

रायपुर। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने आज शास्त्री चौक स्थित राज्य महिला आयोग कार्यालय में महिलाओं से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए सुनवाई की। आज 30 प्रकरण रखे गए थे जिसमें 6 प्रकरणों को नस्तीबद्ध किये गए हैं शेष प्रकरण आगामी सुनवाई में रखे गए हैं। मकान बनाने के नाम पर अनावेदक ने धोखाधड़ी किया। नगर निगम से ठेकेदार का लाइसेंस ब्लैकलिस्टेड करने आयोग ने अनुशंसा की। भरण पोषण राशि पिता नही दे रहा। आयोग के सलाह से अनावेदक पिता के विरुद्ध न्यायालय में बेटियां दावा पेश करेंगी।

आज एक प्रकरण में अनावेदक द्वारा न्यायालय में राजीनामा शपथ पत्र सहित एवं थाना के राजीनामा बाबत दस्तावेज आयोग में प्रस्तुत किया है। आवेदिका के हस्ताक्षर को सभी दस्तावेजों से मिलान किया गया। जिसमें यह स्पष्ट होता है कि आवेदिका ने नोटरी के समक्ष शपथ पत्र में हस्ताक्षर किए हैं। आज आयोग के समक्ष आवेदिका इससे इंकार कर रही है। दोनो के मध्य सहमति नामा लगभग 3 माह होने के बाद आवेदिका ने किसी भी पुलिस थाने शिकायत दर्ज नही कराई है। आवेदिका चाहे तो वह पुलिस थाना या न्यायालय की प्रक्रिया से अपनी बातों को स्पष्ट रखने के निर्देश दिए हैं। यह प्रकरण न्यायालय में राजीनामा होने जाने से नस्तीबद्ध किया गया।

इसी तरह एक अन्य प्रकरण में आवेदिका राज्य सूचना आयोग के अवर सचिव के विरुद्ध आयोग में शिकायत की थी। आज सुनवाई में दोनो पक्षो को विस्तार से सुना गया।आवेदिका दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी थी और उसने सूचना आयोग के पूर्व सचिव से मातृत्व अवकाश हेतु संवैतनिक अवकाश मांगी थी। उक्त आवेदन पर स्वीकृति बाबत किसी भी प्रकार के कोई आवेदन उपलब्ध नही है। आवेदिका के पद रिक्त होने पर किसी अन्य कर्मचारी को उनके स्थान पर रखा जा चुका है। ऐसी स्थिति में आवेदिका का आवेदन आयोग के ग्राह्य योग्य नही है। अनावेदक पक्ष को समझाइश दिया गया कि मानवीय दृष्टिकोण से आवेदिका के प्रति सहानुभूति से अगर उन्हें रोजगार दिया सकता है तो उनकी मदद करने को कहा गया। इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।

 

एक अन्य प्रकरण में अनावेदक द्वारा पिछली सुनवाई में दिए गए अपने प्रस्ताव से आज साफ साफ मना कर दिया है। आज सुनवाई में अनावेदक ने कहा कि मुझे बकाया राशि दिलवा दीजिए फिर मैं आवेदिका के मकान को बनवा दूंगा। जब कि वह मकान बनाने के लिए अग्रिम राशि आवेदिका से ले चुका है।अब तक मकान को पूर्ण रूप से नही बनाया हैं। और अनावेदक स्वयं को रायपुर नगर निगम के जोन क्रमांक 5 से पंजीकृत लाइसेंसी बताता है। आयोग के समक्ष आवेदिका से धनराशि लगभग 3 लाख 24 हजार रुपये अग्रिम देने पर ही काम करूंगा कहता है। आयोग की सुनवाई में स्पष्ट है कि अनावेदक बुजुर्ग आवेदिका के मकान को बनाने की नीयत में नही है। ऐसी दशा में आवेदिका बुजुर्ग महिला की मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित हो रही है। इस स्तर पर आयोग द्वारा आवेदिका को समझाइश दिया गया कि वह अनावेदक का लाइसेंस समाप्त करने के लिए नगर निगम में आवेदन प्रस्तुत करें और पुलिस थाना में धोखाधड़ी का भी प्रकरण दर्ज करा सकती है।इस समझाइश के साथ प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।

 

एक अन्य प्रकरण में अनावेदक पति किसी भी तरह से बच्चों की पढ़ाई का खर्च देने के लिए तैयार नही है। दोनो बच्चियों को अपने पिता की सम्पत्ति में हक़ पाने का अधिकार है। ऐसी दशा में दोनो बच्चियों को आयोग द्वारा समझाइश दिया गया की अनावेदक के विरुद्ध सक्षम न्यायालय में अपना दावा प्रस्तुत करें और निःशुल्क कानूनी सहायता के तहत अधिवक्ता भी प्राप्त कर सकती है।जिससे अनावेदक से उनके भरण पोषण मिल सके इस निर्देश के साथ प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।