सादगी से बड़ी कोई खूबसूरती नहीं: बुजुर्ग के साथ सड़क किनारे जमीन पर बैठ गए IAS.... IAS जमीन पर बैठकर बुजुर्ग संग लड़ाने लगे गप्पे…. सड़क किनारे ठहाके लगाते देख लोग हुए कायल... IAS बोले, 'संगमरमर पर तो हमने पांव फिसलते...'




डेस्क। किसी आईएएस अधिकारी को गांव के बुजुर्ग के साथ जमीन पर बैठकर ठहाका लगाते देखा है? शायद यही वजह है कि जब IAS रमेश घोलप ने ट्विटर पर अपनी कुछ तस्वीरें शेयर कि तो लोग उनकी सादगी के फैन हो गए। इन तस्वीरों में वह अपनी इनोवा कार से बाहर एक बुजुर्ग के साथ जमीन पर बैठे बतिया रहे हैं। जबकि उनके अंग रक्षक कार में बैठे दोनों को देख रहे हैं! आईएएस की इसी सादगी लोगों का दिल जीत लिया है, और उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। तस्वीरों को शेयर करते हुए रमेश घोलप ने कैप्शन में लिखा, 'तज़ुर्बा है मेरा मिट्टी की पकड़ मजबूत होती है, संगमरमर पर तो हमने पांव फिसलते देखे हैं।'
उनके इस ट्वीट को न्यूज लिखे जाने तक 3 हजार से अधिक लाइक्स मिल चुके हैं। सभी लोग उनकी सादगी की तारीफ कर रहे हैं। आपको बता दें कि रमेश घोलप महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के वारसी तहसील के महागांव के रहने वाले हैं। उनके पिता साइकिल रिपेयरिंग की दुकान चलाते थे। उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। कड़ी मेहनत कर उन्होंने परिवार को भी संभाला और तैयारी कर 2010 में यूपीएससी की परीक्षा दी। हालांकि, वह सफल नहीं हुए। लेकिन 2011 में उन्होंने ऑल इंडिया 287 रैंक के साथ UPSC की परीक्षा पास कर अधिकारी बन गए। रमेश के पिताजी अपनी पंक्चर की दुकान से 4 लोगों के परिवार का जैसे-तैसे गुजर-बसर करते थे। लेकिन उनकी तबीयत खराब होने के बाद परिवार का गुजर-बसर करने के लिए मां ने आसपास के गांवों में चूड़ियां बेचना शुरू किया।
रमेश भी इस काम में मां की मदद करते थे। लेकिन किस्मत को शायद उनकी और परीक्षा लेनी थी, इसी दौरान रमेश का बाएं पैर में पोलियो हो गया। रमेश के गांव में पढ़ाई के लिए केवल एक ही प्राइमरी स्कूल था। रमेश को आगे की पढ़ाई करने के लिए उनके चाचा के पास बरसी भेज दिया गया। पढ़ाई के प्रति उनकी मेहनत ने स्कूल में उन्हें शिक्षकों का प्रिय बना दिया। साल 2005 में जब वो बारहवीं क्लास की परीक्षा दे रहे थे उसी समय उन्हें उनके पिता के निधन की खबर मिली थी। बाद में रमेश घोलप ने इस परीक्षा में 88.5 प्रतिशत अंक हासिल किये थे। रमेश ने डी.एड किया ताकि वे शिक्षक बन सके और अपने परिवार की आर्थिक मदद कर सकें। साल 2009 में वे बतौर शिक्षक काम करने लगे थे। शिक्षक की नौकरी करते हुए उन्होंने UPSC की तैयारी का मन बनाया। इसके बाद 2010 में टीचर की नौकरी छोड़ कर UPSC Exam की तैयारी शुरू की। साल 2012 में रमेश घोलप ने यूपीएससी की परीक्षा में 287वीं रैंक हासिल की थी।