सोशल मीडिया, व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में अखबार का क्या महत्त्व है, आज के जनमानस में?
What is the importance of newspaper in social




NBL, 15/12/2022, Lokeshwer Prasad Verma, Raipur CG: What is the importance of newspaper in social media and electronic media, in today's public mind?
आज के आधुनिक नया भारत मे चल रहा है, सोशल मिडिया, पोर्टल न्यूज व इलेक्ट्रांनिक मीडिया यू ट्यूब न्यूज चैनल एक से बढ़कर एक चैनल खोलकर बैठे है, ये आजकल के इंसानो का दिमाग को घुमाकर रख देते हैं, किस खबर व किसकी बातो पर यकीन करू या ना करू, इस पर गहरा प्रभाव डाल रहे हैं दिमाग पर और एकदिन ऐसा नौबत ना जाए लोगों के दिमाग के उपर की कोई किसी के बातो का यकीन ही ना करें, और आपस मे लोग लड़ झगड़ ना पड़े इस आधुनिक भारत के सोशल मीडिया के बातो को यकीन करके, जबकि गिने चुने ही न्यूज बचा है।
आज भारत में गिने चुने न्यूज मीडिया है जो सच को परोस रहे हैं, बाकी तो किसी का पिट्ठू बन गया तो किसी के बुराई करने मे लगा हुआ है, आजकल जो न्यूज मीडिया छोड़कर जाने वाले पत्रकार भी देश के लोकतंत्र के उन्नति में ना ही बात करते है ना ही सोचते हैं,बल्कि सोशल मिडिया के प्लेटफार्म में राजनीति व राजनेता की बुराई करने व देश के एक धर्म को दूसरे धर्म के लोगों के हित कर बनके बुराई करते रहते हैं और अपने आप मे गौरव साली पत्रकार समझते है, और अपने आप को देश का ईमानदार पत्रकार के रूप में पेश कर रहे हैं, जबकि ऐसा है नहीं, ये सब सोशल मिडिया के प्लेट फार्म में अपना धंधा चला रहे हैं जबकि ये लोग अपने पत्रकारीता के गुणों का भरपूर दुरूपयोग कर रहे हैं ये ईमानदार बने पत्रकार, इससे भी देश के लोगों के मनो के अंदर बैर भाव पैदा हो रहे हैं। यानी की आज पत्रकार भी दो भागो में बट गया है, एक ईमानदार पत्रकार और दूसरा बैमान पत्रकार जो सही नहीं है किसी के प्रोफेशनल लाइफ में दखलनदाजी डालना एक पत्रकार दूसरे पत्रकार के उपर आरोप लगाना इस तरह के घटिया सोच पर कोर्ट को लगाम लगानी चाहिए आम जनहित के लिए।
आज यही ई सोशल मिडिया के कारण प्रिंट मीडिया यानी की अखबार को लोग पढ़ने मे अपने समय की बर्बादी समझते है, हमें तो सारी खबर अपने मोबाईल में ही पढ़ने व देखने को मिल जाती हैं, ऐसा सोचकर आजकल के लोग अखबार ही नहीं पढ़ते भले ही अपने घर पर रोज अखबार मँगाते है, इतना बेरुखी दिखाते हैं, आजकल के लोग इस अखबार के उपर, जबकि अखबार आपको सभी प्रकार के खबरों का दर्शन कराती है, अपने आप मे अखबार एक नैतिक विचारों से ओत प्रोत रहती हैं, बिल्कुल सही साफ सुथरी ना ही कोई लाग लपेट के साथ अपने पाठकों को धोखा देती है सही साफ सुथरी समाचार परोसती है अखबार, यही अखबार हमें अंग्रेजो की गुलामी से छुटकारा दिलाने में बहुत बड़ी योगदान दिया ये इतिहास गवाह है, और आज इनको ही हम निम्न स्तर के साथ देख रहे है, ये हम कितना बड़ा झटका लगा रहे हैं अखबार के उपर जबकि अखबार पढ़ने से आपके मस्तिष्क के सेहत को सही रखती है। एक तरह से कसरत होती हैं अपने आँख व मस्तिष्क के लिए सोशल मिडिया तो आपके शाररिक कल पुर्जे को नुकसान पहुँचाती है, जबकि अखबार आपके शरीर के बहुत से अंग को चुस्त दुरुस्त करने मे अपने योगदान देती है।
अखबार से बहुत से लोगों के परिवार का जीवन चलता है, अखबार देश में बहुत बड़ी रोजगार देता है देश के बेरोजगार युवक युवती को रोजगार देने मे अखबार बहुत बड़ी योगदान दे रही है देश में, मात्र कुछ रुपिया लेकर अखबार पूर्ण ईमानदारी से अपने पाठकों को समाचार पढ़ने को देती है, कुछ विज्ञापनों पर ही निर्भर रहती है अखबार जो इनके आमदनी का एक हिस्सा है, इसलिए अपने अखबारों में स्थान देती है इन विज्ञापनों को ताकि विज्ञापन देने वाले इनको रुपिया दे सके और इस विज्ञापनों को पढ़कर अखबार ग्राहक इनका उपयोग कर सके। अब बताइये कितना सेवा भाव है इस अखबार में, कुछ ही रुपिया मे आपको देश दुनिया के खबरे पढ़ने को मिल जाती हैं, कुछ रहम करो देश वासियों इन अखबारों के उपर जो हमें आजादी दिलाई ऐसे देश भक्त अखबार का परित्याग नहीं करनी चाहिए हमें। ये अखबार भी उन बुजुर्गो के समान है जो हमें चलना सिखाया उन्ही बुजुर्ग को आज तन्हा छोड़ रहे हो, इनके कद्र करना हम भारत वासीयो का फर्ज बनता है।
सोशल मिडिया के अंदर इतना ज्यादा मत घूसों की आप एक दिन बिना संगी साथी के तन्हा जिंदगी बिताओ, और जीवन का असली रस से आप कोसो दूर ना हो जाओ कुछ पुरानी भारतीय परम्परा का भी ध्यान दिया करो पूजा पाठ जब तप पुरानी वस्तुओ का इस्तेमाल भी किया करो उन बुजुर्गो से सलाह लो उनके पुरातन खान पान रीति रिवाजों को जिंदा रहने दो और कुछ दिनों के लिए आप भी जियों इन्ही पुरानी भारतीय संस्कृति सभ्यता के साथ कुछ नई कुछ पुरानी यादों के साथ। और अखबार भी पढ़ा करो, और सोशल मिडिया प्लेटफार्म के अंदर अनाप सनाप बोलने वाले लोगों के उपर बिल्कुल भी ध्यान ना ही दो ना ही उनके चैनल को सबक्राईब करो ना ही उनके बकवास बातों को लाइक करें आप फिर देखो कितना ज्ञान बाटेगा फ्री में। कुछ दिन के अंदर ही उनके दुकानदारी बंद। एक बार बैंकाट करके तो देखो इन तमास बिन लोगों के उपर इनके सब मस्ती सुधर जायेगी। भारतीय संस्कृति व सभ्यता को बिगाड़ने मे लगा है ये सोशल मिडिया कुछ भी परोस रहे हैं, देश के लोगों को जो शर्मसार कर देती है, अपने ही बहन बेटी के सामने, इन सबका असर दिमाग में बहुत ही बुरा पड़ रहा है, देश के लोगों के अंदर इनको सब भारतीय मिलकर बायकाट करें सोशल मिडिया के गंदे खेल को।