CG VIDEO अनूठा प्रदर्शन: 3 महीने में 10 करोड़ की सड़के उखड़ी.... सड़क की बदहाली पर अजब-गजब नारों के साथ हुआ अलग तरह का जन आंदोलन.... चुनावी बकरा खाओगे, तो ऐसा ही रोड पाओगे.... देखें वीडियो......

CG VIDEO अनूठा प्रदर्शन: 3 महीने में 10 करोड़ की सड़के उखड़ी.... सड़क की बदहाली पर अजब-गजब नारों के साथ हुआ अलग तरह का जन आंदोलन.... चुनावी बकरा खाओगे, तो ऐसा ही रोड पाओगे.... देखें वीडियो......

कोरबा। कोरबा जिले में इन दिनों एक अलग तरह का जन आंदोलन चलाया जा रहा है। यह आंदोलन सड़कों की बदहाली को लेकर है। शहर के युवाओं ने जिले की राजनीतिक और प्रशासनिक शख्सियतों को आईना दिखाने के लिए हाथों में तख्ती लिये सड़क किनारे विशेष तरह का कैम्पेनिंग चला रहे है। जर्जर सड़को के किनारे खड़े होकर ये युवा लोगों को तख्ती दिखा कर चुनावी दिन की भी याद दिला रहे है, और सीधे सवाल कर रहे है कि 10 रूपये का मुर्गा खाओेंगे तो ऐसे ही सड़के पाओंगे ? चुनाव में दरी, ढोल-मंजीरा लोगे तो ऐसे ही सड़के पाओगें। 


पहली ही बारिश में गडढों में तब्दील हो चुकी सड़को ने जहां नगर निगम कोरबा की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दियेे है। कोरबा में जर्जर हो चुके अलग-अलग मार्गो पर रोजाना इस अनोख ढंग से हो रहे विरोध प्रदर्शन में जन संगठन के बैनर तले सिस्टम और मतदाताओं पर सवाल उठाये जा रहे है। सड़को पर कैम्पेनिंग कर रहे युवा हाथों में तख्ती लिये ये भी बता रहे है कि कैसे हमने गलत जनप्रतिनिधि का चयन कर शहर का बेड़ा गर्क कर दिया है। गौतरलब है कि 3 महीने पहले ही गर्मी के वक्त नगर निगम ने शहरी क्षेत्र की 7 अलग-अलग मार्गो पर 10 करोड़ रूपये खर्च कर सड़को की मरम्मत और डामरीकरण कराया गया था। लेकिन इस मरम्मत के ठीक 3 महीने बाद ही पहली बारिश ने सड़को की गुणवत्ता की पोल खोल दी है। 


अधिकांश सड़को से गिटटी और डामर अलग होकर सड़को पर बिखर गये है, तो कई स्थानों पर बड़े-बड़े गडढे बन गये है, जिस पर चलने वाले आम लोगों की अब जान पर बन आई है। बारिश में पानी से भरे ये गडढे हर वक्त दुर्घटना को न्योता दे रहे है। ऐसे में जनसंगठन के फाउंडर विशाल केलकर ने अपने युवा साथियों के साथ मिलकर एक बार फिर शहर में व्याप्त अवयवस्था और राजनीति की आड़ में चल रहे ठेकेदारी प्रथा पर सवाल उठाया है। विशाल केलकर ने आरोप लगाया है कि इस व्यवस्था के जिम्मेदार शहर के लोग खुद है। चुनाव के वक्त बकरा और मुर्गा के कूपन लेने के साथ ही महज 500 रूपये में जब मतदाता अपने वोट बेच देंगे, तो फिर इन समस्याओं के लिए वे जनप्रतिनिधि के पास नही जा सकते।

यहीं वजह है कि आज सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही पार्टी के जनप्रतिनिध समाज सेवा कम और ठेकेदारी ज्यादा कर रहे है। जिसका खामियाजा आज आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। ऐसे में जन संगठन एक बार फिर लोगों को उनका हक और जनप्रतिनिधि और अफसरों को उनका कर्तव्य याद दिलाने के लिए यह अभियान चला रहा है। गौरतलब है कि जून महीने में ही भाजपा के पार्षदों ने गुणवत्ताहीन सड़को के निर्माण के विरोध में गिटटी और डामर महापौर के टेबल में उड़ेल दिया था। 

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