मुक्ति मोर्चा के मुख्य संयोजक व जनता कांग्रेस जे के जिला अध्यक्ष नवनीत चांद के नेतृव में बस्तर हितेषी 10 सूत्रीय मुद्दो पर महामहिम राज्य पाल को ज्ञापन सौप ,कार्यवाही की रखी मांग - भरत कश्यप




बस्तर संभागीय मुख्यालय को उप राजधानी,उच्च न्यायालय खंड पीठ,बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं हेतु,जरूरी उपकरण,रिक्त पदों भर्ती,रेलवे भूमि अतिक्रमण वाशियो के हितों में उचित न्याय, विश्वविद्यालय पेपर लीक दोषियों पर कार्यवाही,जैसे मुद्दो पर राज्यपाल से बस्तर हितों में राज्य सरकार को निर्देश देने की अपील,सुनवाई न होने पर बस्तर वाशी होगें आंदोलन हेतु मजबूर - नवनीत चांद
जगदलपुर। बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा के मुख्य संयोजक एवं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के बस्तर जिला अध्यक्ष नवनीत चांद के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य की महामहिम राज्यपाल अनुसुइया उइके जी के बस्तर प्रवास के दौरान मुलाकात कर बस्तर हितेषी 10 सूत्री मुद्दों पर चर्चा कर ज्ञापन दें बस्तर हित में राज्य सरकार को इन मांगों को पूरा करने हेतु निर्देशित करने निवेदनीय अपील रखी गई मुक्ति मोर्चा के मुख्य संयोजक एवं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के बस्तर जिला अध्यक्ष नवनीत चांद ने महामहिम राज्यपाल के समक्ष बस्तर हितेषी मुद्दों पर बात रखते हुए कहा कि बस्तर छत्तीसगढ़ राज्य के राजस्व में सबसे बड़ा हिस्सेदारी देने वाले क्षेत्र में से एक है परंतु विडंबना है कि छत्तीसगढ़ राज्य की कल्पना के बावजूद भी बस्तर को वह सम्मान अधिकार प्राप्त नहीं हुआ जो उसका हकदार है इसलिए समस्त बस्तर वासी लगातार यह मांग रख रहे हैं कि बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर को राज्य की उप राजधानी का दर्जा दिया जाए वही बस्तर क्षेत्र के अंतिम कोने में रहने वाले बस्तर वासी को न्याय के लिए भटकना न पड़े इसलिए न्याय पाने की राह को सरल करते हुए उच्च न्यायालय के एक खंडपीठ की पदस्थापना बस्तर संभागीय मुख्यालय जगदलपुर में किया जावे।
आपको विदित हो कि बस्तर संभाग एक बड़े वर्ग क्षेत्रफल में निवासरत करता है जिस क्षेत्रफल के बराबर भारत में केरल एक राज्य के रूप में स्थापित है ऐसे में बस्तर की मूल आवश्यकता बस्तर की बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था है विगत 15 वर्षों में वर्तमान 3 वर्षों से राज्य में सरकार चला रही पार्टियों के द्वारा बस्तर की स्वास्थ्य व्यवस्था को बस्तर के निवासियों के पहुंच में लाने हेतु बेहतर प्रयास नहीं किए गए हैं।
यही कारण है कि स्वर्गीय महेंद्र कर्मा स्वर्गीय बलिराम कश्यप जैसे कद्दावर नेताओं के नाम पर बस्तर की मेडिकल कॉलेज की स्थापना के बावजूद भी उपकरण की कमी डॉक्टर के व अन्य पदों के रिक्त अवस्था के चलते बस्तर के निवासियों को स्वास्थ्य व्यवस्था में फैली अव्यवस्थाओं का सामना कर जिंदगी और मौत के बीच जद्दोजहद करना पड़ता है जबकि बस्तर क्षेत्र में कश्मीर के बाद सबसे ज्यादा अर्धसैनिक बल व राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हुए इकाइयों का संचालन किया जाता है।
ऐसे में जरूरी है कि केंद्रीय स्तर व राज्य स्तर में संयुक्त रुप से बस्तर की स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करने की तरफ कदम बढ़ाए जाएं और बस्तर में औद्योगिक लाभ लेने वाली केंद्र सरकार की नवरत्न कंपनी एनएमडीसी एवं निजी कंपनी आर्सेलरमित्तल का सहयोग लिया जावे वही विगत दिनों संभाग के एकमात्र नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत विगत 25 वर्षों से अधिक समय से निवासरत बृहद आबादी से ताल्लुक रखने वाले संजय गांधी एवं जवाहर नगर वार्ड के वासियों पर केंद्रीय रेलवे कार्यालय द्वारा रेलवे की भूमि में अतिक्रमण बता भूमि को अतिक्रमण मुक्त करवाने हेतु कार्यवाही किया जा रहा है जबकि यह सरकारों को विदित है कि विगत 25 वर्ष के ज्यादा से अंतराल में इन वादों को नगरी निकाय सरकार द्वारा बसाया गया है।
आपके गजट के अंतर्गत इन वार्ड को संवैधानिक चुनावी शक्तियां प्रदाय की गई है इस क्षेत्र से जनप्रतिनिधि चुनकर नगरी निकाय सरकार का हिस्सा बनते हैं ऐसे में जब रेलवे द्वारा सन 1964 से आज पर्यंत तक बस्तर में रेलवे सुविधाओं का विस्तारीकरण जो कि वास्तव में बस्तर का अधिकार है नहीं दिया गया है क्या यह उचित है कि रेलवे की उदासीनता का भुगतान विगत 25 वर्षों से अधिक समय से निवासरत लोगों के विरुद्ध एकतरफा कार्रवाई कर किया जावे।
हमारी आपके माध्यम से राज्य सरकार से यह मांग है कि प्रदेशिक पुनर्वास पैकेज व नियमावली के अंतर्गत समस्त लाभ अतिक्रमणकारियों को दिया जावे यथा संभव हो तो रेलवे के अतिक्रमण क्षेत्र का सर्वे कर उतनी ही राजस्व जमीन नई रेलवे को हस्तांतरित की जावे तभी वास्तविक न्याय वार्ड वासियों को प्राप्त होगा।
मुक्ति मोर्चा के मुख्य संयोजक नवनीत 4 ने आगे कहा कि बस्तर की एकमात्र सड़क जो रायपुर को बस्तर से जुड़ती है उस पर एनएचआई द्वारा अवैध कब्जा कर जबरन बस्तर वासियों से टोल वसूला जा रहा है विदित हो कि 1980 में 30 मीटर भूमि राष्ट्रीय राजमार्ग के नाम पर बस्तर वासियों से अधिग्रहित की गई थी जिसका रोड टैक्स सन 1980 से आज पर्यंत तक बस्तर वासी परिवहन कार्यालय में गाड़ी रजिस्ट्रेशन के पश्चात चुकाते आ रहे हैं ऐसे में सन 2015 में फोरलेन सड़क प्रस्ताव के अंतर्गत जो नए 15 मीटर भूमि अधिग्रहण एनएचआई के प्रोजेक्ट के लिए किया गया।
उस पर आज पंडित एनएचआई ने कोई भी सड़क का निर्माण नहीं किया गया है ऐसे में पूर्व अधिग्रहण सड़क पर रोड टैक्स पटाएं हुए वाहनों से एकमात्र लाइफ लाइन एक्सप्रेस सड़क पर टोल टैक्स की वसूली अवैधानिक है यह इसलिए भी अवैधानिक है क्योंकि बस्तर अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के अंतर्गत पांचवी अनुसूची की संवैधानिक कणिकाओं की धाराओं के अंतर्गत आता है मैं आपसे निवेदन है की हितेषी मुद्दों पर ध्यानाकर्षण कर राज्य व केंद्र सरकार को जनहित हितेषी मुद्दों पर मांग पूरी करें वही बस्तर संभाग में शासकीय सेवा देते देते स्वर्गवास कर्मचारियों के परिवारों को अनुकंपा नियुक्ति में नियमों की जटिलता के चलते जो परेशानी का सामना करना पड़ रहा है उसे ध्यान में रखते हुए संवेदनात्मक फैसला करने हेतु राज्य सरकार को निर्देशित किए जाने की बात कहीं गई।
इस दौरान बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा एवं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के पदाधिकारियों के रूप में शोभा गंगोत्री राहुल पांडे अजय बघेल नीलकंठ दास सुरेंद्र तिवारी बी भारती राव गुरमीत कौर भरत कश्यप गीता नाग पुष्पा राव प्रियंका सुनानी हीरालाल विश्वास कृष्णा गीता आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।