Turkey-Syria Earthquake: भूकंप से अब तक 8000 की मौत... 10 राज्यों में तीन माह के लिए आपातकाल घोषित... 20 हजार लोगों के मरने की आशंका... मलबे के नीचे पैदा हुई बच्ची... 30 घंटे बाद गर्भनाल काटकर निकाली गई सुरक्षित.....
Turkey Syria Earthquake, 8000 died, Baby Girl Born Under Rubble, Rescued 30 Hours Later




Turkey Syria Earthquake, 8000 died, Baby Girl Born Under Rubble, Rescued 30 Hours Later
नयाभारत डेस्क. तुर्की के भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में खोज और बचाव अभियान के लिए एनडीआरएफ की दो टीमों को तैनात किया गया है. तुर्की और सीरिया में आए शक्तिशाली भूकंप से अब तक 8000 लोगों की मौत हो चुकी है. तुर्की में 5,894 लोगों ने अपनी जान गंवाई है, जबकि 34,810 लोग घायल हैं. विद्रोहियों के नियंत्रण वाले सीरिया में 1,220 लोगों की जान गई है. जबकि सीरिया में सरकार नियंत्रित इलाकों में 812 लोगों की मौत हुई है. 10 राज्यों में तीन माह के लिए आपातकाल घोषित किया गया है.
तुर्की में भूकंप से करीब 6000 इमारतें तबाह हो गई हैं. जबकि सीरिया में 400 इमारतें पूरी तरह से जमींदोज हो गईं, जबकि 1220 से ज्यादा इमारतों को नुकसान पहुंचा है. भारत समेत दुनिया के कई देशों ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. भारत से राहत-बचाव दल तुर्किये पहुंच चुका है. मेडिकल टीम भी है. हजारों की संख्या में अभी भी लोग मलबे के नीचे मौत से जंग लड़ रहे हैं. इन्हें रेस्क्यू का काम तेजी से चल रहा है. रातभर लोग अपनों की तलाश करते रहे.
सीरिया में मलबे के नीचे फंसी एक गर्भवती महिला ने नवजात को जन्म दिया. 34 वर्षीय खलील अल शमी ने बताया कि सीरिया के जिंदेरेस शहर में भूकंप के चलते उनके भाई का घर भी तबाह हो गया. पूरी इमारत मलबे के ढेर में तब्दील हो गई थी. उन्होंने अपनी भाभी के गर्भनाल से एक नजवात बच्ची को जुड़े हुए देखा. तुरंत उन्होंने गर्भनाल काट दिया. बच्ची रोने लगी. उसे बाहर निकाला. मलबा को पूरी तरह से हटाया तो पता चला कि बच्ची की मां मर चुकी है. बच्ची अभी अस्पताल में है और सुरक्षित है.
भूकंप में तुर्की की ऐतिहासिक मस्जिद भी तबाह हो गई. तुर्की के मालाटया शहर में स्थित यह ऐतिहासिक येनी कैमी (Yeni Camii) मस्जिद खंडहर में तब्दील हो गई. यह मस्जिद 100 साल से अधिक पुरानी थी लेकिन भूकंप से यह तहस-नहस हो गई है. इससे 100 सालों का इतिहास जुड़ा हुआ है, जो अब मलबे में दब गया. WHO ने तुर्की और सीरिया में मौत का आंकड़ा बढ़ने की आशंका जताई है. WHO ने तुर्की और सीरिया में 20 हजार से ज्यादा लोगों के मारे जाने की आशंका जताई है. इतना ही नहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि दोनों देशों में 2.3 करोड़ लोग इससे प्रभावित हो सकते हैं.
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश के अनुसार, आज राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के 101 कर्मियों वाली दो टीमों को विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वायड और सभी आवश्यक उपकरणों के साथ 06 फरवरी 2023 को बड़े पैमाने पर भूकंप से तबाह हुए तुर्की के प्रभावित क्षेत्रों में खोज और बचाव अभियान चलाने के लिए भारतीय वायु सेना की विशेष उड़ानों से तुर्की भेजा गया है. एनडीआरएफ की टुकड़ी का नेतृत्व कमांडेंट गुरमिंदर सिंह कर रहे हैं.
साथ ही आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए डॉक्टर और पैरामेडिक्स भी हैं. टीमें हर तरह से सक्षम हैं तथा टीमें खोज एवं बचाव और व्यक्तिगत सुरक्षा के सभी आवश्यक उपकरणों से लैस हैं. एनडीआरएफ की टीम राहत और बचाव कार्यों में तुर्की के स्थानीय अधिकारियों की सहायता करेगी. भारत सरकार इस संकट की स्थिति में भारत के प्रधानमंत्री द्वारा परिकल्पित भूकंप से निपटने के लिए तुर्की सरकार को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है.