उक्त धार्मिक संघठन के उक्त नेता द्वारा फर्जी पास्टर पैसे लेकर बस्तर मे धर्मानंतरण जैसे कुकृत्य को लगातार बढ़ावा दें रहें है का शब्द, गैर संवैधानिक, गैर जिम्मेदारा शब्द है, कहे अनुसार तथ्य हो तो करें साबित भेजें जेल अन्यथा मांगे माफ़ी जल्द ही जाएंगे न्यायालय, लोकतंत्र मे न्याय पालिका अभी भी जीवित - नरेन्द्र भवानी / छ. यु. म / आप नेता

उक्त धार्मिक संघठन के उक्त नेता द्वारा फर्जी पास्टर पैसे लेकर बस्तर मे धर्मानंतरण जैसे कुकृत्य को लगातार बढ़ावा दें रहें है का शब्द, गैर संवैधानिक, गैर जिम्मेदारा शब्द है, कहे अनुसार तथ्य हो तो करें साबित भेजें जेल अन्यथा मांगे माफ़ी जल्द ही जाएंगे न्यायालय, लोकतंत्र मे न्याय पालिका अभी भी जीवित - नरेन्द्र भवानी / छ. यु. म / आप नेता
उक्त धार्मिक संघठन के उक्त नेता द्वारा फर्जी पास्टर पैसे लेकर बस्तर मे धर्मानंतरण जैसे कुकृत्य को लगातार बढ़ावा दें रहें है का शब्द, गैर संवैधानिक, गैर जिम्मेदारा शब्द है, कहे अनुसार तथ्य हो तो करें साबित भेजें जेल अन्यथा मांगे माफ़ी जल्द ही जाएंगे न्यायालय, लोकतंत्र मे न्याय पालिका अभी भी जीवित - नरेन्द्र भवानी / छ. यु. म / आप नेता

उक्त धार्मिक संघठन के उक्त नेता द्वारा फर्जी पास्टर पैसे लेकर बस्तर मे धर्मानंतरण जैसे कुकृत्य को लगातार बढ़ावा दें रहें है का शब्द, गैर संवैधानिक, गैर जिम्मेदारा शब्द है, कहे अनुसार तथ्य हो तो करें साबित भेजें जेल अन्यथा मांगे माफ़ी जल्द ही जाएंगे न्यायालय, लोकतंत्र मे न्याय पालिका अभी भी जीवित - नरेन्द्र भवानी / छ. यु. म / आप नेता

कोलेंग पहाड़ी पहुँच नरेन्द्र भवानी ने संघठन के सक्रिय सदस्यों से किये मुलाक़ात, कहा धर्मानतरण वैध या अवैध जैसा कोई शब्द है ही नहीं भारत देश धर्म निरपेक्ष देश है जहां कोई भी किसी भी धर्म को मान सकता है, पूजा प्रार्थना प्रचार कर सकता है गुमराह कर अनाब शनाब बयान बाजी करें बंद मामले के खिलाफ बहुत जल्द जाऊँगा न्यायालय - नरेन्द्र भवानी / छ. यु. म / आप नेता

धर्मानंतरण के खिलाफ आंदोलन का बयान से शांत बस्तर को अशांत करने का प्रयास कतई उचित नहीं, बिलकुल धर्मानंतरण का हो विरोध,धर्मानंतरण पर बने कानून, किन्तु संविधान के कंडीकाओ को ध्यान मे रखये हुवे नहीं तो यह कानून भी 2006 वाला क़ानून जैसा हो जाएगा रद, क्यूंकि न्यायपालिका आज भी जीवित - नरेन्द्र भवानी /छ. यु. म./आप नेता

जगदलपुर : मामले मे छत्तीसगढ़ युवा मंच के संस्थापक व आम आदमी पार्टी के जगदलपुर विधानसभा के विधायक प्रत्यासी नरेन्द्र भवानी ने ग्राम कोलेंग पहाड़ी क्षेत्र सक्रिय संघठन का बैठक लेकर बयान मे कहा है कि इन दिनों लोक सभा चुनाव पास है और धार्मिक वोट बैंक कि नेता गिरी के चक्कर मे छत्तीसगढ़ के चारो तरफ अल्पसंख्यक साथियों को डराने, मारने पीटने, उनका मौलिक अधिकारो हनन करने से असमाजिक तत्व के लोग बाज नहीं आ रहें है जो बेहद चिंता का विषय है, कही चर्च मे घुसकर हल्ला करके संविधान के अंतः करण स्वतंत्रता का प्रावधान को कुचलते नजर आ रहें है तो कही कानून हाथ मे लेते और तो और जिम्मेदार संविधान को परीपालन कराने वाले जिम्मेदार पोलिस आफिसर भी ऐसे लोगो के सामने घुटना टेकते दिखाई पड़ रहें है तो आम पीड़ित लोग किस पर न्याय कि आस लगाए सभी को जागना होगा सर्व समाज को इस ओर ध्याना देना होगा नहीं जल्द ही धर्म के आड़ मे छत्तीसगढ़ मे दंगा होने जैसा माहौल हो रहा है निर्मित जो किसी भी समाज के हित मे नहीं !

वही भवानी ने कहा कि अखबार के माध्यम से पता चला कि उक्त धार्मिक संघठन के पदाधिकारी भाई ने मालगांव बैठक लेकर धर्मान्तरण के खिलाफ आंदोलन करने व रोक लगाने कि मांग पर अनुविभागीय डंडाधिकारी व पोलिस अधिक्षक के नाम ज्ञापन देकर एक माह का समय कार्यवाही हेतु करने को दिया गया है, भवानी इस प्रश्न या मांग पर कहा है कि राज्य मे वैसे ही 2006 से छत्तीसगढ़ धर्म स्वतंत्रता का कानून लागू जिसके अंतर्गत जबरन या प्रलोभन देकर धर्मान्तरण कराना गलत सजा जुर्माना सब तय है, और इसी कानून के अंतर्गत आवेदन पर कार्यवाही भी होगी और हम भी चाहते है कि कलेक्टर, पोलिस अधिक्षक द्वारा छान बीन हो कार्यवाही हो ताकि उक्त संघठन खुद ही न्यायालय बनके चर्च के द्वार ना जा सकें लोगो का मौलिक अधिकारो का हनन ना कर संके क्यूंकि यह बात तो तय यह आरोप नीराधार बेसलेस है कि लोगो को कोई जबरन धर्मानतरित करवा हो और कोई ऐसा करवाया होता तो छत्तीसगढ़ निर्माण वर्ष 2001- आज 2024 तक मे किसी ना किसी को तो जेल हुवा होता न्यायालय से सजा हुवा होता किन्तु ऐसी कही कोई घटना देखने को नहीं मिला हमारा भी मांग है साय भाजपा कि सरकार अपने भाजपा समर्थक नेताओ का मांग को पूरा कर दूद का दूद और पानी का पानी करके चल रहें समस्या का समाधान कर दें,ना कि धर्म कि आड़ मे वोट कि राजनीति करें !

वही भवानी ने बताया कि उक्त संघठन द्वारा आर टी आई लगाकर जानकारी मांगी गई कि कितने धर्मानतरीत हुवे है वर्ष 2005-2020 को जानकारी मांगने 85 कि संख्या का जानकारी प्राप्त हुवा तो इतने सारे चर्च मे पास्टर और लोग कौन है जांच का विषय है - इतने सारे पास्टर यही बस्तर के मूलनिवासी व वासी ही है 99% तक मे तो जो लोग चर्च मे जमा हो रहें है वह लोग भी यही बस्तर के वासी है जो हर रविवार चर्च मे पूजा प्रार्थना करने जमा होते है, और किसी मंदिर, गुरुद्वारा, मजीद,चर्च जाना या अपने माने अनुसार भगवान, धर्म का पूजा प्रार्थना अथवा चर्च,मंदिर बना के उसमे जमा होके अपनी धार्मिकता अनुसार अपने स्वेक्षा के मन से आराधना करना कोई जुर्म नहीं है जिसका विषय जांच का विषय होगा, यहाँ लोग कोई अपराध नहीं कर रहें है, जरुरी नहीं है कि केवल वह 85 लोग जो धर्मानतरित हुवे है वही लोग चर्च जाएंगे या चर्च खोल सकेंगे, यह भारत देश जहां भारतीय संविधान का कानून चलता है, और इसी संविधान के अधिकारो के कारण यह धर्म स्वतंत्रता का अधिकार भी प्राप्त है और अगर कोई, मुस्लिम, हिन्दू, ईसाई, सिख मानना चाहता है उस मार्गो पर चलना चाहता है तो जरुरी नहीं है कि वह व्यक्ति अपना धर्म बदले, क्यूंकि सभी को कभी भी किसी भी धर्म आस्था को मनाने का खुला अधिकार है, फिर यह कैसा बिना तथ्य का बयान, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का प्रयास, मामले मे न्यायालय जाने कि त्यारी मे मिलेगा न्याय हमें है कानून पर भरोसा !

वही कई बार उक्त धार्मिक संघठन के नेताओ द्वारा ईसाई मनाने वाले धार्मिक गुरु पास्टर पासबनो पर फर्जी, असली नकली, जैसे गलत शब्दों का बार बार उपयोग कर गैर संवैधानिक कृत्यो को बैगर तथ्यों के बोला जा रहा है जो बेस लेस शब्द है हम ऐसे शब्दों सोच का पुर जोर निंदा करते है, किसी भी धर्म का पुजारी, पास्टर, ज्ञानी, हाज़ी जो भी होंगे वह असली या नकली नहीं बल्की अपने धर्म के पूजा करने वाले होते है इसके लिए मार्केट मे डिग्री ही रहना चाहिए का कोई प्रावधान नहीं है, फिर ऐसे शब्दों का प्रयोग कर बकायदा ज्ञापन देना कहा तक कानूनी कदम न्यायालय मे यह केस दो पेसी मे जितने जैसा है फिर किस बात का हल्ला बेहद निराशा जनक कृत्य, एक ही समुदाय टारगेट करना बार बार खुलेआम धर्म रक्षा के नाम पर महिला, बच्चों, बुजर्गो, पुरुषो के साथ मार पिट करना कहा का धर्म ऐसा सिखाता है, ऐसे कृतयु का हम पुर जोर विरोध करते देश मे कानून है संविधान है, भरोसा करें संविधान पर हर लड़ाई शान्ति से बातचित कर न्यायिक तरीको से निकालना चाहिए समाधान !