उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की 11 सीटों का कार्यकाल 4 जुलाई को समाप्त हो रहा है. सपा पार्टी भेज सकते है नये तीन चेहरे को राज्यसभा.

The tenure of 11 Rajya Sabha seats from Uttar Pradesh ends on July 4.

उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की 11 सीटों का कार्यकाल 4 जुलाई को समाप्त हो रहा है. सपा पार्टी भेज सकते है नये तीन चेहरे को राज्यसभा.
उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की 11 सीटों का कार्यकाल 4 जुलाई को समाप्त हो रहा है. सपा पार्टी भेज सकते है नये तीन चेहरे को राज्यसभा.

NBL, 23/05/2022, Lokeshwer Prasad Verma,. The tenure of 11 Rajya Sabha seats from Uttar Pradesh ends on July 4.  SP can send new three faces to Rajya Sabha.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की 11 सीटों का कार्यकाल 4 जुलाई को समाप्त हो रहा है. इससे पहले इन 11 सीटों पर निर्वाचन की प्रक्रिया के अंतर्गत 10 जून को वोटिंग होगी, पढ़े विस्तार से... 

उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी इन 11 में से 8 सीट आसानी से जीत सकेगी. जबकि तीन सीटें समाजवादी पार्टी आसानी से जीत सकेगी. राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम पर सपा पार्टी में मंथन का दौर जारी है. मौजूदा संख्या बल देखा जाए तो इसके हिसाब से सपा तीन सदस्यों को राज्यसभा भेज सकती है. ऐसे में पार्टी कुछ चेहरों पर भी मंथन कर रही है.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जो तीन नाम सबसे आगे चल रहे हैं, उनमें सलीम शेरवानी, जयंत चौधरी, आलोक रंजन और कपिल सिब्बल का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है. आलोक रंजन उत्तर प्रदेश के पूर्व चीफ सेक्रेटरी रहे हैं और अखिलेश के काफी करीबी माने जाते हैं. वहीं कपिल सिब्बल कांग्रेस के बड़े नेता हैं और फिलहाल उन्होंने आजम खान का केस भी लड़ा.

सपा से राज्यसभा जाने के लिए करीब 30 से अधिक दावेदार बताए जा रहे हैं, जिनमें करीब एक दर्जन नाम तो ऐसे हैं जो पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं. ये अखिलेश यादव या मुलायम सिंह यादव के करीबी नेताओं में शुमार हैं. आजम खान की नाराजगी के अटकलों के बीच उनके परिवार या किसी करीबी मुस्लिम नेता को भी राज्यसभा भेजकर पार्टी पॉजिटिव सन्देश दे सकती है. इसके अलावा दूसरे राज्यों के नेता भी राज्यसभा पहुंचने के लिए जोर लगा रहे हैं.

कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता-बड़े वकील है कपिल सिब्बल
कपिल सिब्बल ने सपा नेता आजम खान का केस लड़ा. इस हिसाब से अखिलेश एक तीर से दो निशाने साधने की फिराक में हो सकते हैं. अगर सपा की मदद से सिब्बल राज्यसभा चले जाते हैं तो आजम की नाराजगी दूर हो जाएगी. सपा को बैठे-बैठे एक बड़ा लीडर, लीगल एडवाइजर भी मिल जाएगा. कपिल सिब्बल अभी भी कांग्रेस पार्टी में हैं. सिब्बल उम्मीद लगाए बैठे हैं कि कांग्रेस उनको महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद बनाकर भेजा जाए. इसके अलावा कपिल सिब्बल झारखंड के सीएम को भी कानूनी राय दे रहे हैं. अगर इन दोनों जगह से बात नहीं बनेगी तो यूपी का रास्ता खुला हुआ है.

चर्चा में इमरान मसूद का नाम
अखिलेश यादव के मन में है कि एक किसी मुस्लिम नेता को हम राज्यसभा भेजें. इस बात की भनक लगी है तो कई सारे दावेदार हो गए हैं. इमरान मसूद को सभी जानते ही हैं कि वह कांग्रेस छोड़कर आए प्रियंका के करीब नेता माने जाते थे. कांग्रेस में रहकर सपा की तारीफ़ किया करते थे. इमरान मसूद पश्चिम का बड़ा चेहरा माने जाते थे, लेकिन हालांकि चुनाव हारते आ रहे हैं. लेकिन उनका एक बयान जो उन्होंने प्रधानमंत्री को लेकर दिया जिसके चलते उनको चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला. उस समय अखिलेश यादव की तरफ से उनको भरोसा दिलाया गय था कि आप को मान सम्मान मिलेगा.

दूसरा मुस्लिम कैंडिडेट-सलीम शेरवानी कांग्रेस के बड़े नेता
तीसरा मुस्लिम कैंडिडेट -जावेद अली खान कुछ महीने पहले तक राज्यसभा से सांसद थे.
तीसरा चेहरा कौन होगा-पिछड़ों का चेहरा हो सकता है.

बुंदेलखंड से विशंभर निषाद का वोट भी मिला था. वह प्रोफेसर रामगोपाल के करीबी भी हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य बड़ा चेहरा हैं. हालांकि वह विधानसभा का चुनाव हार गए. स्वामी, मौर्य समाज के नेता हैं. महाराष्ट्र सपा प्रदेश अध्यक्ष अबु आजमी का नाम भी चर्चा में है.

अगला नाम जयंत चौधरी-जब 8 विधायक थे तब वादा किया गया था कि चौधरी अजीत सिंह को राज्यसभा भेज दिया जाए. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अब आरएलडी के समर्थक ये चाहते हैं कि जयंत को राज्यसभा भेजा जाए. लेकिन अगर ऐसा होता है तो यह भी कहा जाएगा कि क्या लोकसभा चुनाव से जयंत चौधरी डर गए, जो वह बैक डोर से सदन जाना चाहते हैं, यह संदेश और मैसेज अच्छा नहीं जाएगा.

24 मई से शुरू होगी नामांकन की प्रक्रिया
राज्यसभा की 11 सीट के लिए 24 मई से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो रही है. मौजूदा समय में समाजवादी पार्टी के पांच सांसद राज्यसभा में हैं. इनमें कुंवर रेवती रमन सिंह, विशंभर प्रसाद निषाद, और सुखराम सिंह यादव का कार्यकाल 4 जुलाई को समाप्त हो रहा है।