सड़क किनारे,फुटपाथ या संस्थान के आस पास व्यापार करने का अधिकार भारतीय संविधान अनुच्छेद 19 (1) (छ ) के तहत भारतीय नागरिक का मूल अधिकार - नरेन्द्र भवानी

सड़क किनारे,फुटपाथ या संस्थान के आस पास व्यापार करने का अधिकार भारतीय संविधान अनुच्छेद 19 (1) (छ ) के तहत भारतीय नागरिक का मूल अधिकार - नरेन्द्र भवानी
सड़क किनारे,फुटपाथ या संस्थान के आस पास व्यापार करने का अधिकार भारतीय संविधान अनुच्छेद 19 (1) (छ ) के तहत भारतीय नागरिक का मूल अधिकार - नरेन्द्र भवानी

सड़क किनारे,फुटपाथ या संस्थान के आस पास व्यापार करने का अधिकार भारतीय संविधान अनुच्छेद 19 (1) (छ ) के तहत भारतीय नागरिक का मूल अधिकार - नरेन्द्र भवानी

शान्ति नगर फुटपाथ व्यापारियो को भरी बारिश मे नगर निगम जगदलपुर द्वारा जगह खाली करने का खोकला नोटिस,गैर संविधानीक निगम लोगो का मौलिक अधिकार छिनने का काम ना करें जाएंगे न्यायालय - नरेन्द्र भवानी

फुटपाथ पर दुकान लगाना गैरकानूनी नहीं, संविधान प्रदत्त अधिकार है जगदलपुर नगर निगम कटपुतली बनके आम नागरिको का नुकसान के बारे मे बिलकुल भी ना सोचे वरना जाएंगे हम न्यायालय - नरेन्द्र भवानी

जगदलपुर। आम आदमी पार्टी के बस्तर जिलाध्यक्ष नरेन्द्र भवानी ने शान्ति नगर फुटपाथ व्यापारियो की शिकायत पर प्रेस विज्ञप्ति जारी करके कहा है की जगदलपुर नगरनिगम पहले भारतीय संविधान को पड़े, लोगो की मौलिक हक अधिकार को जाने उसके बाद वे अपने कार्यो को करें !

शान्ति नगर दंतेश्वरी कॉलेज के पास कुछ लोग अपना जीवन यापन हेतु छोटे मोटे दुकाने खोलकर अपना पेट पाल रहे है और भरी बारिश मे निगम द्वारा उन्हें जगह खाली करने एवं अवैध अतिक्रमण का झूठा आरोप लगाते हुवे नोटिस थमाया गया 24 घंटे के भीतर लिखित जवाब माँगा गया खाली करने को बोला गया यह सब कृतीय गैर संवेधानिक है !

भवानी ने कहा की अनुच्छेद 19 (1)(छ) के अंतर्गत भारत का संविधान देश में फेरी वालों या आम आदमी को सड़क किनारे, फुटपाथ या संस्थान के आसपास व्यापार करने का अधिकार देता है। इस कानून के तहत आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति को फुटपाथ पर व्यवसाय करने से नहीं रोका जा सकता क्योंकि यह उसका मूल अधिकार है । बावजूद निगम उन्हें भरी बारिश मे उनका धंदा बंद कराने का कार्य कर रहा है बेहद निंदा पूर्ण बात है !

जगदलपुर नगर निगम किसी भी प्रकार का इन फुटपाथ व्यापारियो से कोई भी जबरदस्ती की तो पुरे परिवार के साथ रोजगार मांगने आएंगे दफ़्तर एवं इस नोटिस को देंगे चुनौवती मान. न्यालय मे जाएंगे कोर्ट !